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Blog / 24 Mar 2025

छत्तीसगढ़ की नई माओवादी आत्मसमर्पण नीति

संदर्भ:

हाल ही में छत्तीसगढ़ ने माओवादी उग्रवाद से निपटने के लिए नईआत्मसमर्पण और पुनर्वास नीतिकी घोषणा की है। यह नीति माओवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रोत्साहित करती है और उन्हें निःशुल्क भोजन, आश्रय, नकद राशि, कौशल प्रशिक्षण, भूमि और घर प्रदान करने का आश्वासन देती है।

यह घोषणा बस्तर क्षेत्र में एक बड़े सुरक्षा अभियान के बाद की गई, जहाँ दो अलग-अलग मुठभेड़ों में 30 माओवादी मारे गए।

नई नीति के प्रमुख प्रावधान:

·        नई नीति के तहत, आत्मसमर्पण करने के इच्छुक माओवादियों को तीन साल तक मुफ्त भोजन और आश्रय, 10,000 रुपये का मासिक भत्ता, कौशल विकास कार्यक्रम और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भूमि और आवास की पेशकश की जाएगी।

·        हथियार सहित आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को गिरफ्तारी पर घोषित इनाम राशि सहित अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। सामूहिक आत्मसमर्पण (Mass Surrender) की स्थिति में इनाम राशि दोगुनी कर दी जाएगी। साथ ही, माओवादी-मुक्त घोषित क्षेत्रों में तत्काल 1 करोड़ की विकास परियोजनाएँ संचालित की जाएंगी, जिससे बुनियादी ढांचे और सेवाओं का व्यापक विस्तार सुनिश्चित हो सके। इसमें मोबाइल नेटवर्क, बिजली की लाइनें और सौर लाइट जैसी बुनियादी संरचनाएँ शामिल होंगी।

·        नीति के तहत विवाहित माओवादी दंपतियों एवं उनके बच्चों के पुनर्वास हेतु विशेष प्रावधान किए गए हैं। साथ ही, माओवादी हिंसा के कारण अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा का संपूर्ण व्यय सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

·        इसके अतिरिक्त, विस्थापित व्यक्तियों को आर्थिक सहायता एवं भूमि आवंटित की जाएगी, जिससे वे अपने जीवन का पुनर्निर्माण कर सकें।

यह पहल माओवादी विद्रोह के सामाजिक एवं आर्थिक प्रभावों को दूर करने के लिए एक समग्र एवं दीर्घकालिक दृष्टिकोण को दर्शाती है।

 

माओवाद क्या है?

माओवाद माओ त्से-तुंग द्वारा विकसित साम्यवाद (Communism) का एक रूप है, जो राज्य को उखाड़ फेंकने के लिए सशस्त्र विद्रोह, जनसमर्थन और रणनीतिक गठबंधनों के उपयोग पर बल देता है। इस विचारधारा का मूल केंद्रबिंदु हिंसा और सैन्य कार्रवाई के माध्यम से राज्य सत्ता पर नियंत्रण स्थापित करना है, जिसका मूल मंत्र "हथियार रखना अपरिहार्य है (Possession of arms is non-negotiable) " रहा है।

·        2004 में गठित सीपीआई (माओवादी) भारत में सबसे बड़ा माओवादी संगठन है, जिसे गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत प्रतिबंधित किया गया है।

माओवादी उग्रवाद के उन्मूलन हेतु तीन-आयामी रणनीति:

भारत में माओवादी उग्रवाद से निपटने की नीति तीन प्रमुख स्तंभों पर आधारित है:

1.   सुरक्षा उपाय :

o    माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की उपस्थिति सुदृढ़ करना।

o    राज्य एवं केंद्रीय बलों के बीच समन्वित अभियान संचालित करना।

o    उन्नत तकनीक से सुरक्षा बलों की क्षमताओं का आधुनिकीकरण।

o    ऑपरेशन समाधान (Operation SAMADHAN) के तहत खुफिया तंत्र को मजबूत कर सटीक और प्रभावी अभियानों को बढ़ावा देना।

2.   विकास पहल:

o    ग्रामीण संपर्क (PMGSY) में सुधार एवं बुनियादी ढांचे का विस्तार।

o    आकांक्षी जिला कार्यक्रम (Aspirational District Programme) के तहत आवासीय एवं सामाजिक विकास परियोजनाओं को प्रोत्साहन।

o    आर्थिक अवसरों में वृद्धि के माध्यम से उग्रवाद के सामाजिक-आर्थिक कारणों का समाधान।

3.   सशक्तिकरण एवं विश्वास निर्माण:

o    स्थानीय आदिवासी समुदायों के साथ संवाद एवं सहभागिता को प्रोत्साहित करना।

o    माओवादी कैडरों के पुनर्वास हेतु प्रभावी योजनाएँ लागू करना।

o    भूमि अधिग्रहण, आदिवासी अधिकारों एवं अन्य प्रमुख मुद्दों का समाधान कर अलगाव की भावना को समाप्त करना एवं विश्वास बहाली को सुनिश्चित करना।

निष्कर्ष:

छत्तीसगढ़ की नई आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति माओवादी उग्रवाद को नियंत्रित करने के लिए एक व्यापक एवं रणनीतिक प्रयास है, जो आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ आत्मसमर्पित माओवादियों एवं उनके परिवारों के समग्र पुनर्वास पर केंद्रित है।

सरकार का यह समग्र दृष्टिकोण (Comprehensive Approach) सैन्य कार्रवाई और सामाजिक पुनर्वासदोनों के माध्यम से माओवादी प्रभाव को कमजोर करने का प्रयास करता है। विकास पहल और शिक्षा सहायता के सशक्तिकरण से यह नीति राज्य में दीर्घकालिक शांति एवं स्थिरता स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।