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Blog / 21 Mar 2025

शिक्षा प्रणाली में APAAR ID: संभावनाएँ और विवाद

संदर्भ:

हाल ही में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत स्वचालित स्थायी शैक्षणिक खाता रजिस्ट्री (APAAR) के कार्यान्वयन ने इसकी प्रभावशीलता और डेटा सुरक्षा को लेकर अभिवाहकों, शिक्षकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच गंभीर चिंताएँ उत्पन्न की हैं।

स्वचालित स्थायी शैक्षणिक खाता रजिस्ट्री (APAAR) :

·        APAAR ID एक पहल है, जिसे प्रत्येक छात्र को एक विशिष्ट डिजिटल पहचान प्रदान करने के लिए विकसित किया गया है। इसका उद्देश्य शैक्षणिक संस्थानों के बीच छात्रों के निर्बाध स्थानांतरण को सुगम बनाना है।

·        सरकार के अनुसार, यह आईडी छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड, जैसे कि मार्कशीट, स्कूल की संबद्धता और अन्य प्रासंगिक विवरणों को एक मानकीकृत प्रारूप में संग्रहीत करेगी।

·        इसके अतिरिक्त, APAAR ID को आधार से जोड़ा गया है और इसे डिजिलॉकर में संरक्षित किया गया है, जिससे यह केवल छात्रों बल्कि शैक्षणिक अधिकारियों के लिए भी सुगमता से सुलभ हो जाती है।

क्या APAAR ID अनिवार्य है?

·        हालाँकि सरकार APAAR ID को एक लाभकारी और स्वैच्छिक प्रणाली के रूप में प्रस्तुत कर रही है, लेकिन कई स्कूल और राज्य प्राधिकरण छात्रों को नामांकन के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इससे माता-पिता के बीच इसकी वैकल्पिक प्रकृति को लेकर अस्पष्टता बनी हुई है।

·        आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, APAAR ID अनिवार्य नहीं है। हालांकि, CBSE और उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्यों के शैक्षणिक निकायों द्वारा जारी परिपत्रों में स्कूलों पर पंजीकरण में 100% संतृप्ति सुनिश्चित करने का दबाव डाला जा रहा है।

प्रमुख चिंताएँ:

  • APAAR को लेकर प्रमुख चिंताओं में से एक डेटा सुरक्षा है, इंटरनेट फ़्रीडम फ़ाउंडेशन (IFF) सहित कई आलोचकों ने इसके निर्माण और कार्यान्वयन में पारदर्शिता की कमी को उजागर किया है। यह प्रणाली व्यक्तिगत और शैक्षणिक डेटा एकत्र करती है, लेकिन इसकी सुरक्षा के लिए कोई स्पष्ट कानूनी ढांचा नहीं है, जिससे संभावित दुरुपयोग की आशंका बढ़ जाती है।
  • गोपनीयता संबंधी जोखिम भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, क्योंकि डेटा को शैक्षणिक प्लेटफ़ॉर्म या तृतीय-पक्ष संस्थाओं के साथ साझा किया जा सकता है। डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट (2023) के सेक्शन 9(3) के तहत बच्चों की ट्रैकिंग, व्यवहारिक निगरानी और लक्षित विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बावजूद, IFF ने चेतावनी दी है कि APAAR के तहत ऐसे जोखिमों को रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय उपलब्ध नहीं हैं।
  • साइबर सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंताएँ हैं, क्योंकि कमजोर डेटा सुरक्षा छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड को साइबर खतरों के प्रति संवेदनशील बना सकती है। इसके अलावा, डेटा दोहराव (duplication) का मुद्दा भी उठाया गया है, क्योंकि कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ पहले से ही यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (UDISE+) में संग्रहीत हैं। इस संदर्भ में, कई शिक्षकों ने APAAR की आवश्यकता और इसकी प्रभावशीलता पर सवाल उठाए हैं।

आगे की राह:

हालाँकि APAAR ID प्रशासनिक प्रक्रियाओं के सरलीकरण और अकादमिक रिकॉर्ड प्रबंधन में छात्रों को लाभ पहुँचाने की क्षमता रखती है, लेकिन इसकी अनिवार्यता और इससे जुड़े गोपनीयता जोखिमों को लेकर स्पष्टता की कमी एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बनी हुई है। इस संदर्भ में, पारदर्शिता, प्रभावी संचार और सुदृढ़ डेटा सुरक्षा तंत्र सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है, ताकि यह प्रणाली अपने संभावित लाभों को साकार कर सके और इससे जुड़े जोखिमों को न्यूनतम किया जा सके।