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Daily-mcqs 16 Apr 2025

यूपीएससी और राज्य पीएससी परीक्षाओं के लिए समसामयिकी MCQs 16 Apr 2025

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यूपीएससी और राज्य पीएससी परीक्षाओं के लिए समसामयिकी MCQs

Q1:

क्यों निर्देशित ऊर्जा हथियार (Directed Energy Weapon (DEW)) प्रणाली को रक्षा में एक परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकी माना जाता है?

A: यह भूमि युद्ध संचालन में टैंक और तोपों को बदल देती है।

B: यह मौन, सटीक और कम लागत में हवाई खतरों को नष्ट करने की अनुमति देती है।

C: यह मिसाइल लॉन्चरों पर उपग्रह-आधारित नियंत्रण सक्षम करती है।

D: यह किसी भी पारंपरिक वायु रक्षा प्रणालियों की आवश्यकता को समाप्त कर देती है।

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

लेजर-आधारित DEWs जैसे भारत का Mk-II(A) हवाई खतरों, विशेष रूप से छोटे ड्रोन और प्रक्षिप्तों को नष्ट करने के लिए एक गैर-गतिक, स्वच्छ और तात्कालिक तरीका प्रदान करते हैं। इनकी कम लागत प्रति शॉट, मौन संचालन, और सटीकता उन्हें बुनियादी रक्षा और सीमा सुरक्षा के लिए आदर्श बनाती है, बिना मिसाइलों के शोर, मलबे या उच्च लागत के। पारंपरिक हथियारों के विपरीत, DEWs कोई विस्फोटक अवशेष नहीं छोड़ते, जिससे ये शहरी या जनसंख्या वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त होते हैं। वे बड़े जनशक्ति या रसद की आवश्यकता को भी कम करते हैं, क्योंकि ऊर्जा-आधारित लक्ष्यीकरण स्वचालित प्रणालियों द्वारा प्रबंधित किया जा सकता है। यह DEWs को भविष्य के लिए एक परिवर्तनकारी और स्केलेबल रक्षा प्रौद्योगिकी बनाता है।


                            

Q2:

चीता परियोजना स्टीयरिंग समिति के संदर्भ में निम्नलिखित पर विचार करें:

  1. यह राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के अधीन कार्य करती है।
  2. यह राष्ट्रीय उद्यानों में वन्यजीव पर्यटन योजनाओं को लागू करने के लिए जिम्मेदार है।
  3. यह प्रोजेक्ट चीता की प्रगति की निगरानी करती है और नीति संबंधी निर्णयों पर सलाह देती है।

उपरोक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?

A: केवल 1 और 2

B: केवल 1 और 3

C: केवल 2 और 3

D: 1, 2 और 3

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

चीता परियोजना स्टीयरिंग समिति का गठन मई 2023 में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के अंतर्गत किया गया था। यह समिति, प्रोजेक्ट चीता के कार्यान्वयन की निगरानी करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिसका उद्देश्य भारत के वन्य आवासों में चीतों को पुनः बसाना है। समिति परियोजना की प्रगति की निगरानी करती है, मृत्यु दर, आवास की तैयारी, और प्रोटोकॉल उल्लंघनों जैसी उभरती चुनौतियों को संबोधित करती है, और परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए नीति निर्णयों पर सलाह देती है।
हालांकि समिति संरक्षण और प्रशिक्षण से संबंधित पहलुओं में शामिल है, लेकिन यह सीधे तौर पर वन्यजीव पर्यटन की योजना बनाने के लिए जिम्मेदार नहीं है, जिसे सामान्यतः राज्य और केंद्र सरकार के पर्यटन या वन विभागों द्वारा संभाला जाता है।


                            

Q3:

निम्नलिखित में से सिलिकॉन फोटोनिक्स पारंपरिक इलेक्ट्रॉनिक डेटा ट्रांसफर की तुलना में कौन-कौन से लाभ प्रदान करता है?

  1. कम ऊर्जा खपत
  2. तेज़ डेटा ट्रांसमिशन
  3. 120°C से अधिक तापमान के प्रति प्रतिरोध
  4. क्वांटम कंप्यूटिंग के साथ उन्नत अनुकूलता

नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:

A: केवल 1 और 2

B: केवल 2 और 3

C: केवल 1, 2 और 4

D: 1, 2, 3 और 4

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

सिलिकॉन फोटोनिक्स पारंपरिक इलेक्ट्रॉनिक डेटा ट्रांसफर की तुलना में कई लाभ प्रदान करता है। यह फोटॉनों का उपयोग करके तेज़ डेटा ट्रांसमिशन को सक्षम बनाता है, जो इलेक्ट्रॉनों की तुलना में अधिक तेज़ गति से चलते हैं और अधिक जानकारी ले जा सकते हैं। यह कम ऊर्जा खपत की ओर भी अग्रसर होता है क्योंकि प्रकाश-आधारित प्रणालियाँ पारंपरिक विद्युत सर्किटों की तुलना में कम गर्मी और ऊर्जा हानि उत्पन्न करती हैं। इसके अतिरिक्त, सिलिकॉन फोटोनिक्स क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए भी संभावनाएं प्रदान करता है, जहाँ प्रकाश कणों का सटीक नियंत्रण आवश्यक होता है।


हालाँकि, इसका एक प्रमुख प्रतिबंध थर्मल सेंसिटिविटी (तापीय संवेदनशीलता) हैसिलिकॉन पर बने नए इंटीग्रेटेड लेज़र 55°C से ऊपर प्रदर्शन में गिरावट दिखाते हैं, जबकि कुछ ऑप्टिकल चिप्स 120°C तक प्रभावी ढंग से कार्य करते हैं। अतः कथन 3 इस प्रश्न में गलत है।


                            

Q4:

हालिया सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जातियों के उप-वर्गीकरण (sub-categorisation) पर दिए गए निर्णय के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

  1. राज्यों को संवैधानिक रूप से मौजूदा आरक्षण कोटे के भीतर अनुसूचित जातियों (SCs) और अनुसूचित जनजातियों (STs) का उप-वर्गीकरण करने की अनुमति है।
  2. यह निर्णय सबसे वंचित उप-जातियों के लिए 100% तक आरक्षण की अनुमति देता है।
  3. 'क्रीमी लेयर' सिद्धांत को SCs और STs तक विस्तारित किया गया है।

उपरोक्त में से कौन-से कथन सही हैं?

A: केवल 1 और 2

B: केवल 2 और 3

C: केवल 1 और 3

D: 1, 2 और 3

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

2024 के अपने निर्णय में, सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जातियों (SCs) और अनुसूचित जनजातियों (STs) के उप-वर्गीकरण की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है, बशर्ते यह वर्गीकरण अनुभवजन्य साक्ष्यों (empirical evidence) पर आधारित हो, जो विभिन्न स्तरों की पिछड़ेपन को दर्शाते हों।


साथ ही, न्यायालय ने क्रीमी लेयरसिद्धांतजो पहले केवल अन्य पिछड़ा वर्ग (OBCs) पर लागू होता थाको SCs और STs तक विस्तारित कर दिया है, जिससे उनके सामाजिक और आर्थिक रूप से उन्नत वर्ग को आरक्षण लाभ से बाहर रखा जा सकेगा।


हालांकि, यह उप-वर्गीकरण 100% आरक्षण की अनुमति नहीं देता है, और ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है; अतः कथन 2 गलत है।


इस प्रकार, केवल कथन 1 और 3 सही हैं, जो SC समुदाय के भीतर न्यायसंगत और लक्षित उत्थान को सुनिश्चित करते हैं।


                            

Q5:

भारत में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

1. नक्सली आंदोलन की शुरुआत 1967 में पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी में हुई थी और यह माओत्से तुंग के दीर्घकालिक जनयुद्ध के सिद्धांतों से प्रेरित था।

2. रेड कॉरिडोर 20 राज्यों के 200 से अधिक जिलों को कवर करता है और यह मुख्य रूप से सामाजिक-आर्थिक अविकसितता, आदिवासी अलगाव और कमजोर शासन से प्रभावित है।

3. वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा में कमी के बावजूद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना माओवादी गतिविधियों के कारण सबसे अधिक प्रभावित राज्य बने हुए हैं।

उपर्युक्त में से कौन सा कथन सही है?

A: केवल 1 और 2

B: केवल 2 और 3

C: केवल 1 और 3

D: 1, 2 और 3

उत्तर: A

स्पष्टीकरण:

कथन 1 सही है क्योंकि नक्सली आंदोलन की शुरुआत 1967 में नक्सलबाड़ी में हुई थी, जो माओ के दीर्घकालिक जनयुद्ध से प्रेरित था। कथन 2 सही है, क्योंकि सामाजिक-आर्थिक पिछड़ापन, जनजातीय अलगाव और कमज़ोर शासन ने लाल गलियारे में वामपंथी उग्रवाद को बढ़ावा दिया है। कथन 3 गलत है क्योंकि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ने उग्रवाद विरोधी प्रयासों के माध्यम से माओवादी गतिविधि को काफी हद तक नियंत्रित किया है।