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Daily-mcqs 29 Mar 2025

यूपीएससी और राज्य पीएससी परीक्षाओं के लिए समसामयिकी MCQs 29 Mar 2025

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यूपीएससी और राज्य पीएससी परीक्षाओं के लिए समसामयिकी MCQs

Q1:

एग्री स्टैक डिजिटल फसल सर्वेक्षण (DCS) प्रणाली में मुख्य रूप से क्या सुनिश्चित करता है?

A: कृषि मंत्रालय द्वारा कृषि डेटा का केंद्रीकृत नियंत्रण

B: किसानों के लिए डेटा गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करने वाला एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म

C: फसल प्रबंधन के लिए एक रीयल-टाइम मौसम पूर्वानुमान तंत्र

D: विभिन्न राज्यों में कीटनाशकों और उर्वरकों के उपयोग को ट्रैक करने वाला एक डेटाबेस

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

एग्री स्टैक एक व्यापक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जिसे कृषि डेटा को सुरक्षित रूप से प्रबंधित करने के लिए विकसित किया गया है, जो डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 के तहत गोपनीयता और सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।


·        यह किसानों को अपने डेटा साझा करने पर नियंत्रण प्रदान करता है, जिससे केवल अधिकृत संस्थाएं ही पूर्व-निर्धारित उद्देश्यों के लिए इस जानकारी तक पहुँच सकती हैं।


·        सुरक्षित API, एन्क्रिप्शन, और टोकन-आधारित प्रमाणीकरण के एकीकरण के माध्यम से, यह अनधिकृत पहुँच को रोकता है।


·        यह प्रणाली डेटा पारदर्शिता को बढ़ाती है, कृषि में बेहतर निर्णय लेने को सक्षम बनाती है, और किसानों के व्यक्तिगत और फसल से संबंधित डेटा को दुरुपयोग से बचाती है।


इसलिए, सही उत्तर (b) है – "किसानों के लिए डेटा गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करने वाला एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म"


                            

Q2:

भारत की चाय निर्यात वृद्धि के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

1.  2024 में, भारत श्रीलंका को पछाड़कर विश्व का सबसे बड़ा चाय निर्यातक बन गया।

2.  2024 में, इराक भारत के चाय निर्यात का 20% हिस्सा रखता था।

3.  असम और पश्चिम बंगाल मिलकर भारत के कुल चाय उत्पादन का 50% से अधिक योगदान देते हैं।

इनमें से कितने कथन सही हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: सभी तीन

D: कोई नहीं

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

कथन 1 गलत है: 2024 में भारत दूसरा सबसे बड़ा चाय निर्यातक बना, सबसे बड़ा नहीं (चीन अब भी सबसे बड़ा चाय निर्यातक बना हुआ है)
कथन 2 सही है: 2024 में इराक ने भारत के चाय निर्यात में 20% का योगदान दिया
कथन 3 सही है: असम अकेले 55% चाय उत्पादन करता है, और पश्चिम बंगाल के साथ मिलकर यह भारत के कुल चाय उत्पादन का 50% से अधिक योगदान देता है।


इसलिए, सही उत्तर (b) है – "केवल दो"


                            

Q3:

मनरेगा (MGNREGS) के तहत, निम्नलिखित में से किन परिस्थितियों में 100 दिनों की गारंटीकृत कार्य अवधि से अधिक विस्तार किया जा सकता है?

1.  वन क्षेत्रों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति (ST) के परिवार।

2.  प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित परिवार।

3.  महिलाएं जो परिवार में एकमात्र कमाने वाली हैं।

4.  गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले परिवार।

सही उत्तर का चयन निम्नलिखित कूटों का उपयोग करके करें:

A: केवल 1 और 2

B: केवल 1, 2 और 3

C: केवल 1, 3 और 4

D: सभी चार

उत्तर: A

स्पष्टीकरण:


  •   वन क्षेत्रों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति (ST) के परिवारों को मनरेगा के तहत 150 दिनों तक कार्य का अधिकार प्राप्त है।

  • प्राकृतिक आपदाएँ (जैसे सूखा, बाढ़) होने पर गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार 100 दिनों से अधिक कार्य की अनुमति दी जाती है।

  • महिलाओं के एकमात्र कमाने वाले होने या गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले परिवारों को स्वचालित रूप से अतिरिक्त कार्य के लिए पात्र नहीं माना जाता।


                            

Q4:

निम्नलिखित में से कौन-से वैश्विक समझौते ग्लेशियरों के पिघलने और पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने से उत्पन्न चुनौतियों का मुख्य रूप से समाधान करते हैं?

1.  पेरिस समझौता (2015)

2.  मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (1987)

3.  सेन्दाई आपदा जोखिम न्यूनीकरण रूपरेखा (2015-2030)

4.  जैव विविधता संधि (CBD) (1992)

सही उत्तर का चयन निम्नलिखित कूटों का उपयोग करके करें:

A: केवल 1 और 3

B: केवल 2 और 4

C: केवल 1, 2 और 4

D: सभी चार

उत्तर: A

स्पष्टीकरण:

पेरिस समझौता (2015) का लक्ष्य वैश्विक तापमान वृद्धि को 2°C से नीचे सीमित करना है, जिससे सीधे ग्लेशियर संरक्षण पर प्रभाव पड़ता है।


·        सेन्दाई आपदा जोखिम न्यूनीकरण रूपरेखा (2015-2030) जलवायु-जनित आपदाओं, जैसे ग्लेशियर झील विस्फोट बाढ़ (GLOF), से निपटने में सहायक है।


·        मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (1987) ओजोन परत संरक्षण पर केंद्रित है, कि ग्लेशियरों पर।


·        जैव विविधता संधि (CBD) (1992) का उद्देश्य जैव विविधता संरक्षण है, लेकिन यह सीधे ग्लेशियरों से संबंधित नहीं है।


इसलिए, सही उत्तर (a) "केवल 1 और 3" है।


                            

Q5:

आईटी अधिनियम की धारा 79 और धारा 69A के बीच मुख्य अंतर क्या है?

A: धारा 79 केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सामग्री (कंटेंट) हटाने की अनुमति देती है, जबकि धारा 69A सामान्य अवैध सामग्री पर लागू होती है।

B: धारा 79 बिचौलियों (इंटरमीडिएरीज) को "सुरक्षित आश्रय" (सेफ हार्बर) सुरक्षा प्रदान करती है, जबकि धारा 69A सरकार को विशिष्ट शर्तों के तहत सामग्री अवरुद्ध (ब्लॉक) करने का अधिकार देती है।

C: धारा 79 स्थानीय कानून प्रवर्तन (लोकल लॉ एनफोर्समेंट) को सीधे सामग्री ब्लॉक करने का अधिकार देती है, जबकि धारा 69A में ब्लॉकिंग से पहले न्यायिक समीक्षा (जुडिशियल रिव्यू) आवश्यक होती है।

D: धारा 79 साइबर धोखाधड़ी (साइबर फ्रॉड) से संबंधित है, जबकि धारा 69A डेटा गोपनीयता कानूनों (डेटा प्राइवेसी लॉज) से संबंधित है।

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:


  • धारा 79 बिचौलियों (इंटरमीडिएरीज) को "सुरक्षित आश्रय" (सेफ हार्बर) सुरक्षा प्रदान करती है, लेकिन उन्हें सूचित किए जाने पर अवैध सामग्री हटानी होती है।

  • धारा 69A सरकार को कुछ विशिष्ट कारणों (जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था) के आधार पर सामग्री अवरुद्ध (ब्लॉक) करने का अधिकार देती है। इसके लिए नियमित प्रक्रिया (जैसे समिति समीक्षा - कमेटी रिव्यू) का पालन किया जाता है।

  • "सहयोग" (Sahyog) पोर्टल, जिसे गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा विकसित किया गया है, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और डिजिटल प्लेटफार्मों के बीच समन्वय (कोऑर्डिनेशन) को सुगम बनाता है।

  • यह कुछ प्रक्रियागत सुरक्षा उपायों (प्रोसीजरल सेफगार्ड्स) को दरकिनार कर देता है, जिससे पुलिस सहित कई एजेंसियां सामग्री हटाने के अनुरोध (टेकडाउन रिक्वेस्ट) सीधे जारी कर सकती हैं। इससे असीमित सेंसरशिप (अनचेक्ड सेंसरशिप) को लेकर चिंता बढ़ जाती है।


इसलिए सही उत्तर है: (b) धारा 79 बिचौलियों को "सुरक्षित आश्रय" सुरक्षा प्रदान करती है, जबकि धारा 69A सरकार को विशिष्ट शर्तों के तहत सामग्री अवरुद्ध करने का अधिकार देती है।