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Daily-mcqs 22 Jun 2024

यूपीएससी / पीएससी परीक्षा के लिए दैनिक वस्तुनिष्ठ प्रश्न 22 Jun 2024

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यूपीएससी / पीएससी परीक्षा के लिए दैनिक वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Q1:

जीएसटी परिषद के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 279 (1) के तहत स्थापित एक संवैधानिक निकाय है।

2. यह केंद्र और राज्यों का एक संयुक्त मंच है।

3. परिषद की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री और भारत के प्रधान मंत्री करते हैं।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

A: केवल एक

B: केवल दो

C: सभी तीन

D: कोई भी नहीं

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण आज (22 जून, 2024) नई दिल्ली में 53वीं जीएसटी परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगी। जीएसटी (माल और सेवा कर) परिषद एक संवैधानिक निकाय है, जिसे संविधान (एक सौ एकवां संशोधन) अधिनियम, 2016 द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 279 A (1) के तहत स्थापित किया गया है। अतः कथन 1 सही है।


संशोधित संविधान के अनुच्छेद 279 A (1) के अनुसार, जीएसटी परिषद का गठन अनुच्छेद 279 A के लागू होने के 60 दिनों के भीतर राष्ट्रपति द्वारा किया जाना था। यह परिषद केंद्र और राज्यों का एक संयुक्त मंच है। अतः कथन 2 सही है।


परिषद की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करते हैं और इसमें केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं। अतः कथन 3 सही नहीं है।


                            

Q2:

माता नी पचेड़ी पेंटिंग के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. यह पूर्वी भारत का एक पारंपरिक कपड़ा चित्रकला कला रूप है।

2. यह पेंटिंग साबरमती नदी के किनारे रहने वाले गूजर के वाघरी समुदाय से जुड़ी है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

माता नी पचेड़ी पश्चिमी भारत का एक पारंपरिक कपड़ा चित्रकला कला रूप है, जो कपड़े पर देवी-देवताओं को दर्शाता है। पेंटिंग गूजर के वाघरी समुदाय से जुड़ी है, जो पारंपरिक रूप से साबरमती नदी के किनारे रहते थे। यह नाम गुजराती शब्दों माता से आया है जिसका अर्थ है "माँ देवी", नी का अर्थ है "संबंधित" और पचेड़ी का अर्थ है "पीछे" अतः कथन 1 सही नहीं है, जबकि कथन 2 सही है।


                            

Q3:

निम्नलिखित गद्यांश पर विचार कीजिए:

एक प्रसिद्ध भारतीय रहस्यवादी कवि और संत का जन्म 15वीं शताब्दी के दौरान उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था। उन्होंने ईश्वर की एकता और सभी मानवता की अंतर्निहित आध्यात्मिक एकता पर जोर दिया। उनकी कविताएँ और शिक्षाएँ धार्मिक सीमाओं से परे प्रेम, करुणा और सहिष्णुता को बढ़ावा देती हैं। उन्होंने अपनी कविताओं की रचना स्थानीय हिंदी भाषा में की, जो अपनी सादगी और आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि की गहराई के लिए जानी जाती हैं। उनके छंद सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब में संकलित हैं, जो उनकी सार्वभौमिक अपील और प्रभाव को दर्शाता है। उनकी रचनाओं में बीजक, कबीर ग्रंथावली, साखी ग्रंथ और कई दोहे (दोहे) शामिल हैं जो उनके आध्यात्मिक ज्ञान को समेटे हुए हैं।

उपर्युक्त गद्यांश निम्नलिखित में से किस व्यक्तित्व का सबसे अच्छा वर्णन करता है?

A: गुरु नानक देव

B: संत तुलसीदास

C: संत कबीर दास

D: सूरदास

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

दिक पंचांग के अनुसार, संत कबीर दास जयंती आज मनाई जा रही है। संत कबीर दास, एक प्रसिद्ध भारतीय रहस्यवादी कवि और संत का जन्म 15वीं शताब्दी के दौरान उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था। कबीर ने ईश्वर की एकता और सभी मानवता की अंतर्निहित आध्यात्मिक एकता पर जोर दिया। उनकी कविता और शिक्षाएँ धार्मिक सीमाओं से परे प्रेम, करुणा और सहिष्णुता को बढ़ावा देती हैं। कबीर ने अपनी कविताओं की रचना स्थानीय हिंदी भाषा में की, जो अपनी सादगी और आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि की गहराई के लिए जानी जाती हैं। उनके छंद गुरु ग्रंथ साहिब में संग्रहित हैं, जो सिख धर्म का पवित्र ग्रंथ है जो उनकी सार्वभौमिक अपील और प्रभाव को दर्शाता है। उनकी रचनाओं में बीजक, कबीर ग्रंथावली, साखी ग्रंथ और कई दोहे शामिल हैं जो उनके आध्यात्मिक ज्ञान को समेटे हुए हैं। कबीर जैसे भक्ति कवियों ने जातिगत भेदभाव और अधिनायकवाद को चुनौती दी, ईश्वर के प्रति समर्पण और आध्यात्मिक समानता की वकालत की। अतः विकल्प (c) सही है।


                            

Q4:

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

कथन-I: संयुक्त राष्ट्र गरीबी को बहुआयामी अभाव के रूप में परिभाषित करता है जो बुनियादी आवश्यकताओं और अवसरों तक पहुँच को प्रभावित करता है।

कथन-II: विश्व बैंक की पूर्ण गरीबी रेखा को वर्ष 2017 में अद्यतन करके 1.90 डॉलर प्रतिदिन कर दिया गया, जिसमें वैश्विक स्तर पर अत्यधिक गरीबी को शामिल किया गया।

उपर्युक्त कथनों के बारे में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?

A: कथन-I और कथन- II दोनों सही है तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या है

B: कथन-I और कथन-II दोनों सही है तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या नहीं है

C: कथन-I सही है किन्तु कथन-II गलत है

D: कथन-I गलत है किन्तु कथन-II सही है

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के प्रमुख बिबेक देबरॉय भारत की आधिकारिक गरीबी रेखा के पुनर्मूल्यांकन की वकालत करते हैं। संयुक्त राष्ट्र गरीबी को विकल्पों और अवसरों से वंचित करने के रूप में परिभाषित करता है, जो मानवीय गरिमा का उल्लंघन है। इसमें कई महत्वपूर्ण आयाम शामिल हैं: समाज में प्रभावी रूप से भाग लेने की अपर्याप्त क्षमता, भोजन, कपड़े, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, जीविका के लिए भूमि, रोजगार और ऋण तक पहुंच जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त संसाधन। अतः कथन I सही है।


विश्व बैंक के अनुसार, गरीबी को निरपेक्ष उपायों में वर्गीकृत किया गया है। 1990 में शुरू में इसे प्रति दिन 1 डॉलर से कम पर जीवन यापन करने के रूप में परिभाषित किया गया था, लेकिन 2017 में बेंचमार्क को संशोधित कर 1.90 डॉलर प्रति दिन कर दिया गया, जिसे अत्यधिक गरीबी के लिए अंतर्राष्ट्रीय गरीबी रेखा के रूप में जाना जाता है। अतः कथन II सही है।


यहाँ, कथन I और II दोनों सही हैं और कथन II, कथन I का सही व्याख्या नहीं है। अतः विकल्प (b) सही है।


                            

Q5:

धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जमानत के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. पीएमएलए की धारा 45 अदालतों को विशिष्ट परिस्थितियों में जमानत देने की अनुमति देती है, जो इसे एक असाधारण/अपवाद उपाय बनाती है।

2. पीएमएलए के तहत जमानत आवेदनों के लिए सरकारी वकील की सुनवाई की आवश्यकता होती है और यदि विरोध किया जाता है, तो अदालत को जुड़वां परीक्षण लागू करना चाहिए।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दी गई जमानत पर रोक लगा दी है। यह रोक प्रवर्तन निदेशालय द्वारा ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली एक तत्काल याचिका के बाद लगाई गई है। पीएमएलए की धारा 45 में यह प्रावधान है कि इस कानून के तहत अपराधों के लिए तब तक जमानत नहीं दी जा सकती जब तक कि विशिष्ट शर्तें पूरी की जाएं। यह इस बात पर जोर देता है कि जमानत एक अपवाद है, कि एक नियम। यह प्रावधान यह अनिवार्य करता है कि सभी जमानत आवेदनों में सरकारी वकील की बात सुनी जाए; यदि अभियोजक जमानत का विरोध करता है, तो अदालत को जुड़वां परीक्षण लागू करना चाहिए। जुड़वां परीक्षण के लिए अदालत को यह पता लगाना होता है कि क्या यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि आरोपी दोषी नहीं है और क्या आरोपी द्वारा जमानत पर रहते हुए कोई अपराध करने की संभावना नहीं है। अतः कथन 1 और 2 दोनों सही हैं।