यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली करेंट अफेयर्स MCQ क्विज़
(Daily Current Affairs MCQs Quiz for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, MPPSC. BPSC, RPSC & All State PSC Exams)
तारीख (Date): 20, जून 2022
प्रश्न 1. कभी-कभी समाचारों में देखा जाने वाला प्रोजेक्ट SAANJH किससे संबंधित है :
a) सामुदायिक पुलिसिंग
b) किसान कल्याण कार्यक्रम
c) ग्रामीण महिलाओं के उत्थान के लिए कार्यक्रम
d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (A)
व्याख्या: SAANJH: पंजाब में कम्युनिटी पुलिसिंग को एक दर्शन के रूप में अपनाया गया है और यह दूरदर्शी रॉबर्ट पील की अंतर्दृष्टि से प्रेरणा लेता है कि पुलिस जनता है और जनता पुलिस है।
प्रश्न 2. निम्न में से कौन सा संगठन पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक 2022 जारी करता है?
a ) विश्व बैंक
b ) पर्यावरण कानून और नीति के लिए येल केंद्र
c ) जर्मनवाच
d) संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम
उत्तर: (B)
व्याख्या: पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक एक द्विवर्षीय सूचकांक है जिसे 2002 में विश्व आर्थिक मंच द्वारा येल सेण्टर फॉर एनवीरोंमेन्टल लॉ , अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान सूचना नेटवर्क तथा कोलंबिया विश्वविद्यालय सहयोग से पर्यावरण स्थिरता सूचकांक के रूप में शुरू किया गया था।
प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
1. नियोबैंक डिजिटल बैंकिंग सुविधा प्रदाता हैं जो अपने ग्राहकों
को ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से सेवा प्रदान करते हैं।
2. नियो-बैंक केवल भारतीय रिजर्व बैंक के नियामक ढांचे के अंतर्गत आते हैं।
कौन सा /से कथन सत्य है / हैं? कूट का प्रयोग कर सही विकल्प का चयन करें?
a) केवल 1
b) केवल 2
c ) दोनों 1 और 2
d ) न तो 1 और न ही 2
उत्तर: (D)
व्याख्या:
- नियोबैंक पारंपरिक भौतिक शाखाओं के बजाय ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने ग्राहकों की सेवा करने वाले डिजिटल बैंकिंग सुविधाकर्ता हैं।
- नियोबैंक तीन वित्तीय नियामकों - भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड और भारतीय बीमा और नियामक विकास प्राधिकरण के नियामक ढांचे के तहत आने वाले उत्पाद प्रदान करते हैं।
प्रश्न 4. एमटीसीआर के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) केवल
परमाणु हथियारों और रासायनिक हथियारों के लिए एक बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण
व्यवस्था है।
2. वर्तमान में, भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था का सदस्य है।
3. यह कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि नहीं है।
ऊपर दिए गए कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
a) केवल 1 और 2
b) केवल 2 और 3
c) 1 और 3 केवल
d) ये सभी
उत्तर: (B)
व्याख्या:
- मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) एक बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था है ।
- इसकी स्थापना अप्रैल 1987 में जी-7 देशों - यूएसए, यूके, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, इटली और जापान द्वारा की गई थी।
- यह मिसाइल और मानव रहित हवाई वाहन प्रौद्योगिकी के प्रसार को रोकने के लिए 35 देशों के बीच एक अनौपचारिक और स्वैच्छिक साझेदारी है, जो 300 किमी से अधिक के लिए 500 किलोग्राम से अधिक पेलोड ले जाने में सक्षम है ।
- इस प्रकार सदस्यों को ऐसी मिसाइलों और यूएवी प्रणालियों की आपूर्ति करने से मना किया जाता है जो गैर-सदस्यों को एमटीसीआर द्वारा नियंत्रित होती हैं।
- निर्णय सभी सदस्यों की सहमति से लिए जाते हैं।
- यह कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि नहीं है । इसलिए, शासन के दिशानिर्देशों का पालन न करने के खिलाफ कोई दंडात्मक उपाय नहीं किया जा सका।
- भारत को 2016 में 35वें सदस्य के रूप में मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था में शामिल किया गया था ।
प्रश्न 5. अंतर राज्य परिषद् के संबंध में निम्नलिखित में कौन सा/से कथन सत्य है/हैं?
1. इसका गठन भारत के संविधान के अनुच्छेद 263 में दिए गए
प्रावधान के आधार पर किया गया है।
2. इसकी अध्यक्षता भारत के प्रधानमंत्री करते हैं।
3. परिषद् की एक वर्ष मे कम से कम 2 बैठकें होनी चाहिए।
A. केवल 1
B. केवल 1 और 2
C. केवल 1 और 3
D. 1, 2, 3
उत्तर: (B)
व्याख्या: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राष्ट्रीय महत्व के विधेयकों को संसद में पेश करने से पहले अंतर राज्य परिषद के सामने रखने की तथा अंतर राज्य परिषद की हर साल कम से कम तीन बैठक करने की मांग की है। भारत का अंतर राज्य परिषद एक संवैधानिक निकाय है जिसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 263 में दिए गए प्रावधान के आधार पर गठित किया जाता है। इसका गठन राष्ट्रपति ने पहली बार 1990 में किया था, जिसकी सिफरिश सरकारियां आयोग ने की थी। इसकी अध्यक्षता भारत के प्रधानमंत्री करते हैं। बैठक में सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों यथा दिल्ली तथा पुद्चेरी के मुख्यमंत्रियों तथा जिन केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा नहीं हैं वहां के प्रशासक भाग लेते हैं। इसके साथ ही कैबिनेट रैंक के 6 केंद्रीय मंत्रियो को प्रधानमंत्री द्वारा मनोनीत किया जाता है, जिसमे गृहमंत्री अनिवार्य रूप से शामिल होता है। इसकी बैठक को लेकर ऐसी कोई अनिवार्य व्यवस्था नहीं है कि इतनी बैठक करनी ही है। भारत मे इसके गठन के पीछे का मुख्य उद्देश्य सहयोगात्मक संघवाद को मजबूती प्रदान करना है।
प्रश्न 6. निम्नलिखित में से किस मंत्रालय के अधीन प्रवर्तन निदेशालय (ED) कार्य करती है?
A. गृह मंत्रालय
B. वित्त मंत्रालय
C. विदेश मंत्रालय
D. रक्षा मंत्रालय
उत्तर: (B)
व्याख्या: पिछले काफी दिनों से प्रवर्तन निदेशालय लगातार चर्चा में बना हुआ है। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन कार्य करने वाली एक विशेष वित्तीय जांच एजेन्सी है, जिसका मुख्यालय नयी दिल्ली में स्थित है। प्रवर्तन निदेशालय की स्थापना 1 मई, 1956 को हुई थी। ईडी के प्रमुख कार्यों में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999 के उल्लंघन से संबंधित मामलों, हवाला लेन-देन, फॉरेन एक्सचेंज रैकेटियरिंग से जुड़े मामलों, विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम 1947 (फेरा), धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 (PMLA) और भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम से जुड़े मामलों की जांच करना है। कुल मिलाकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की स्थापना का मुख्य उद्देश्य में देश में मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करना है। वर्तमान में इसके निदेशक संजय कुमार मिश्रा है। इसके निदेशक का कार्यकाल वर्तमान में उसकी नियुक्ति से लेकर 5 वर्ष तक के लिए बढ़ा दिया गया है, जो पहले 2 वर्ष था।
प्रश्न 7. हाल में चर्चा में रहा शब्द ‘सरोगेट विज्ञापन’ के संबंध में निम्नलिखित में कौन सा/से कथन सत्य है/हैं?
1. ‘सरोगेट’ विज्ञापन ऐसे विज्ञापन होते हैं, जिसमें प्रोडक्ट
के बारे में सीधे बात न करते हुए उसे किसी दूसरे ऐसे ही प्रोडक्ट या पूरी तरह अलग
प्रोडक्ट के तौर पर दिखाया जाता है।
2. यदि कोई भी विज्ञापन सरोगेट पाया जाता है तो सम्बंधित संस्था को 10-50 लाख रुपये
तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।
A. केवल 1
B. केवल 2
C. 1 और 2 दोनों
D. इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (C)
व्याख्या: सरकार ने हाल ही में हुए लेयर शॉट विवाद के बाद भ्रम फैलाने वाले विज्ञापनों पर रोक लगा दी है। ऐसे विज्ञापनों को लेकर सरकार ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। बता दें कि ‘सरोगेट’ विज्ञापन ऐसे विज्ञापन होते हैं, जिसमें प्रोडक्ट के बारे में सीधे बात न करते हुए उसे किसी दूसरे ऐसे ही प्रोडक्ट या पूरी तरह अलग प्रोडक्ट के तौर पर दिखाया जाता है। जैसे सोडा वाटर के बहाने शराब का प्रचार करना या इलायची के बहाने गुटखे का प्रचार करना। अब सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) के मुताबिक, किसी भी एडवरटाइजिंग एजेंसी या कंपनी द्वारा बनाया गया कोई भी विज्ञापन अगर भ्रामक या सरोगेट पाया जाता है तो संबंधित संस्था को 10 लाख से 50 लाख रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। इसके साथ ही एजेंसी या कंपनी पर 1 साल का प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है। इसके बाद भी उल्लंघन करने पर बैन को बढ़ाकर 3 साल तक का भी किया जा सकता है।