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Daily-mcqs 17 Apr 2022

यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में करेंट अफेयर्स MCQs क्विज़ : 18, अप्रैल 2022 17 Apr 2022

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यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में करेंट अफेयर्स MCQs क्विज़ : 18, अप्रैल 2022


यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली करेंट अफेयर्स MCQ क्विज़

(Daily Current Affairs MCQs Quiz for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, MPPSC. BPSC, RPSC & All State PSC Exams)

तारीख (Date): 18, अप्रैल 2022


प्रश्न 1. हाल ही में, 'रिपोर्ट इट, शेयर नॉट इट' नामक एक पहल की शुरुआत उपयोगकर्ताओं को बाल शोषण सामग्री की रिपोर्ट करने और साझा न करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए की गई थी। यह पहल किसके द्वारा की गई:

a) यूनिसेफ
b) फेसबुक
c) गूगल समाचार
d) संयुक्त राष्ट्र महासचिव

उत्तर: (B)

व्याख्या:

  • फेसबुक की नई पहल 'रिपोर्ट इट, नॉट शेयर इट', नागरिक समाज संगठनों जैसे आरंभ इंडिया इनिशिएटिव, साइबर पीस फाउंडेशन और अर्पण के सहयोग से की जा रही है।
  • फेसबुक का उद्देश्य एक नई पहल की शुरुआत के साथ मंच पर बच्चों की रक्षा करना है जो उपयोगकर्ताओं को अपने मंच पर बाल दुर्व्यवहार सामग्री की रिपोर्ट करने और साझा नहीं करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
  • फेसबुक उपयोगकर्ता 1098 पर कॉल करके और चाइल्ड लाइन इंडिया फाउंडेशन को इसकी रिपोर्ट करके ऐसी सामग्री की रिपोर्ट कर सकते हैं जहां बच्चे को खतरा हो सकता है।

प्रश्न 2. केटोवाइस COP26 के दौरान भारत के नए लक्ष्यों पर विचार करें:

1. 2050 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य की प्राप्ति।
2.भारत 2030 तक अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50% अक्षय ऊर्जा स्रोतों से पूरा करेगा

सही विकल्प चुनें:

a ) केवल 1
b ) केवल 2
c ) 1 और 2 दोनों
d ) न तो मैं और न ही 2

उत्तर: (B)

व्याख्या: भारत ने 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने की प्रतिबंद्धता व्यक्त की है अतः कथन 1 गलत है। जबकि कथन 2 सत्य है।

प्रश्न 3. निम्नलिखित में से कौन सा/से आर्थिक वृद्धि के लाभों में शामिल है/हैं?

1. सम्पत्ति सृजन
2. जीवन स्तर में सुधार होना
3. सरकार के राजस्व में कमी होना

A. केवल 1 और 2
B. केवल 2 और 3
C. केवल 2
D. 1, 2 और 3

उत्तर: (A)

व्याख्या: आर्थिक वृद्धि का पहला लाभ सम्पत्ति का सृजन है। यह रोजगार सृजन एवं आय में वृद्धि करती है। यह जीवन स्तर में वृद्धि करती है, भले ही यह समान रूप से वितरित नहीं होती। सरकार को अधिक कर राजस्व (राजकोषीय लाभांश) प्राप्त होता है। आर्थिक वृद्धि सरकार को परियोजनाओं पर खर्च करने लिये अधिक धन मुहैया कराती है। माँग बढ़ने से मशीनरी में नये निवेश होते हैं जो कि आर्थिक वृद्धि एवं रोजगार का सृजन करते हैं।

प्रश्न 4. निम्नलिखित में से कौन सी केंद्रीय नियोजित अर्थव्यवस्था की विशेषता नहीं हैं?

A. अर्थव्यवस्था के सभी प्रमुख क्षेत्रों पर नियंत्रण
B. आय के वितरण के बारे में कानून बनाना
C. राज्य द्वारा निर्णय किया जाता है कि क्या और कितना उत्पादन करना चाहिए
D. निजी सम्पत्ति की अक्सर अनुमति होती है

उत्तर: (D)

व्याख्या: नियोजित यानी प्लान करके ….. यह एक ऐसी अर्थव्यवस्था होती है, जिसमें राज्य का स्वामित्व (आंशिक या पूर्ण) होता है और अर्थव्यवस्था का संचालन राज्य द्वारा यानी सरकार द्वारा ही किया जाता है। गौरतलब है कि हर अर्थव्यवस्था में राज्य की भूमिका होती है, लेकिन केंद्रीय अर्थव्यवस्था में इसे स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, उदाहरण के तौर पर साम्यवादी और समाजवादी देश … जैसे कि रूस और चीन पहले किया करते थे। केंद्रीय अर्थव्यवस्था को निर्देशित अर्थव्यवस्था या केंद्रीय नियोजित अर्थव्यवस्था या निर्देशित और नियंत्रित अर्थव्यवस्था भी कहा जाता है। निर्देशित अर्थव्यवस्था में, राज्य की कई तरह की भूमिकाएं होती है जैसे कि अर्थव्यवस्था के सभी प्रमुख क्षेत्रों पर नियंत्रण, आय के वितरण और उनके उपयोग पर कानून बनाना, कितना और क्या उत्पादित किया जाना है यह निर्णय राज्य द्वारा लिया जाना, किस मूल्य पर बेचा जाना यह भी राज्य द्वारा तय किया जाना और निजी सम्पत्ति की अनुमति नहीं होना आदि।

प्रश्न 5. निम्नलिखित में से कौन सा/से जैविक खेती का/के लाभ है/हैं?

1. कम लागत
2. अधिक पोषण मूल्य
3. अंतर्राष्ट्रीय निर्यात के माध्यम से आय सृजित करना

A. केवल 1
B. केवल 1 और 2
C. केवल 2 और 3
D. 1, 2 और 3

उत्तर: (D)

व्याख्या: आजकल हम लोग खेती में काफी महंगे और हानिकारक इनपुट जैसे कि रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का इस्तेमाल करने लगे हैं। जिसका काफी दुष्परिणाम भी देखने को मिलता है। इसी समस्या से निपटने के लिए इन महंगे और हानिकारक इनपुट की जगह स्थानीय रूप से बने जैविक सामग्रियों का इस्तेमाल करके जो खेती की जा रही है, इसे ही जैविक खेती कहते हैं। यह सस्ती भी होती है और निवेश एवं निर्यात पर अच्छा लाभ भी देती है, क्योंकि जैविक फसलों की मांग बढ़ रही है। तमाम अध्ययनों से यह साबित भी हो चुका है कि जैविक खेती से पैदा होने वाले खाद्यान्न रासायनिक खेती के मुक़ाबले ज़्यादा पोषण युक्त होते हैं।

प्रश्न 6. निम्नलिखित में से भारतीय रिजर्व बैंक की कौन सी भूमिका ऐसी है जिसके कारण उसे ‘अंतिम ऋणदाता’ कहा जाता है?

A. यह सरकार के एक बैंक के रूप में कार्य करता है।
B. यह विदेशी विनिमय का प्रबंधन करता है।
C. यह वित्तीय कठिनाइयों का सामना करने वाली वित्तीय संस्थाओं को क्रेडिट का विस्तार प्रदान करता है।
D. यह मुद्रा नोट जारी करता है।

उत्तर: (C)

व्याख्या: बैंकों के बैंक के रूप में रिज़र्व बैंक ‘अंतिम ऋणदाता’ के रूप में भी काम करता है। दरअसल कई बार ऐसा होता है कि बैंकों के पास पैसा तो पर्याप्त रहता है, लेकिन अस्थाई तौर पर थोड़ी बहुत समस्या आ जाती है और उनके पास लिक्विडिटी साधारण भाषा में कहें तो करेंसी की कमी हो जाती है। ऐसे में वह किसी अन्य बैंक से उधार लेना चाहेगा। अगर, मान लीजिए … कोई दूसरा बैंक उस बैंक को कर्ज देने के लिए तैयार नहीं हुआ तो ऐसे में क्या होगा। ऐसे में वह बैंक सीधे आरबीआई के पास जाएगा और आरबीआई उसके बचाव में आगे आ सकती है और उसे उचित कर्ज दे सकती है। रिज़र्व बैंक यह सुविधा बैंक के जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा और बैंक को संभावित रूप से असफल होने से बचाने के लिए देता है, क्योंकि अगर बैंक फेल होता है तो इसका असर अन्य बैंकों और संस्थाओं पर भी पड़ता है। इससे वित्तीय स्थिरता और अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

प्रश्न 7. अगर कोई अर्थव्यवस्था विश्व के किसी अन्य अर्थव्यवस्था के संपर्क में आती है तो निम्नलिखित में से उसके क्या-क्या प्रभाव हो सकते हैं?

1. उत्पाद-बाजार सहलग्नता
2. वित्तीय-बाजार सहलग्नता
3. कारक-बाजार सहलग्नता

A. केवल 1 और 2
B. केवल 1 और 3
C. केवल 2 और 3
D. 1, 2 और 3

उत्तर: (D)

व्याख्या: विश्व की दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के सम्पर्क में आने से ज्यादातर तीन प्रकार के प्रभाव देखे जा सकते हैं -

  1. उत्पाद बाजार सहलग्नता- उपभोक्ताओं और फर्मों को घरेलू एवं विदेशी वस्तुओं के बीच चयन का अवसर मिलता है। यह उत्पाद बाजार में सहलग्नता है जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से उत्पन्न होती है।
  2. वित्तीय बाजार सहलग्नता- निवेशकों को भी घरेलू और विदेशी परिसम्पत्तियों के बीच चयन का अवसर प्राप्त होता है। इससे वित्तीय बाजार सहलग्नता का निर्माण होता है।
  3. कारक बाजार सहलग्नता- फर्मों को उत्पादन के स्थान का चयन करने तथा श्रमिकों को कहाँ काम करें, यह चयन करने की स्वतंत्रता होती है। इसे कारक बाजार सहलग्नता कहते हैं।