होम > Daily-current-affairs

Daily-current-affairs / 21 May 2024

डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकी : डेली न्यूज़ एनालिसिस

image

संदर्भ:

  • डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जो डिजिटल क्षेत्र को भौतिक दुनिया के साथ एकीकृत करता है। वर्तमान में यह तेजी से विकसित हो रहा है और विभिन्न उद्योगों में क्रांति ला रहा है। मूल रूप से विनिर्माण क्षेत्र में विकसित किया गया, डिजिटल ट्विन अब स्वास्थ्य सेवा, शहरी योजना और परिवहन जैसे विविध क्षेत्रों में भी प्रवेश कर चुका है। ये भौतिक वास्तविकताओं के वर्चुअल प्रतिनिधित्व दक्षता, नवाचार सहित स्थिरता को बढ़ावा देते हैं। साथ ही अपने बढ़ते प्रभाव के बावजूद, स्पष्ट विनियमों की अनुपस्थिति संतुलित विकास के लिए चुनौतियाँ प्रस्तुत करती है।

डिजिटल ट्विन क्या है ?

  • परिभाषा और उत्पत्ति:
    • डिजिटल ट्विन एक भौतिक प्रक्रियाओं का वर्चुअल प्रतिनिधित्व है, जो निकटतम अवधि में अपने वास्तविक दुनिया के समकक्ष को गतिशील रूप से प्रभावित करता है। स्थिर मॉडलों के विपरीत, डिजिटल ट्विन सेंसर, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) उपकरणों और अन्य डेटा स्रोतों के माध्यम से अपने भौतिक समकक्षों से जुड़े होते हैं, जो निरंतर डेटा एक्सचेंज को सक्षम करते हैं। "डिजिटल ट्विन" शब्द को पहली बार डॉ. माइकल ग्रीव्स ने 2002 में मिशिगन विश्वविद्यालय में पेश किया था। प्रारंभिक रूप से विनिर्माण क्षेत्र के लिए अवधारणा की गई, इस विचार ने तब से कई अनुप्रयोगों तक विस्तार किया है।
  • डिजिटल ट्विन बनाम सिमुलेशन:
    • डिजिटल ट्विन और सिमुलेशन दोनों ही वास्तविक दुनिया की घटनाओं का वर्चुअल प्रतिरूप प्रदान करते हैं, वे विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं। सिमुलेशन बिना किसी भौतिक समकक्ष के किसी प्रणाली या प्रक्रिया का मॉडल बनाता है, ताकि विभिन्न परिस्थितियों में उसके व्यवहार का अध्ययन किया जा सके। इसके विपरीत, डिजिटल ट्विन प्रत्यक्ष रूप से भौतिक वस्तु या प्रणाली से जुड़ा होता है, जो उसके रीयल-टाइम व्यवहार को प्रतिबिंबित करता है। यह कनेक्टिविटी डिजिटल ट्विन को निरंतर अंतर्दृष्टि और पूर्वानुमानित विश्लेषण प्रदान करने की अनुमति देती है, जो सिमुलेशन से नहीं मिल सकते।
  • डिजिटल ट्विन के लाभ:
    • विभिन्न परिदृश्यों का अनुकरण करके और डेटा का विश्लेषण करके, डिजिटल ट्विन पूर्वानुमानित पक्रिया को सक्षम बनाते हैं, संचालन को अनुकूलित करते हैं और उत्पाद विकास में नवाचार को प्रोत्साहित करते हैं। वे उद्योगों में भौतिक संपत्तियों और प्रक्रियाओं के प्रदर्शन की निगरानी, विश्लेषण और सुधार के लिए उपयोग किए जाते हैं। इसके अलावा डिजिटल ट्विन डेटा-आधारित निर्णय लेने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं, जो दक्षता और नवाचार में सुधार की ओर ले जाते हैं।
  • मेटावर्स में डिजिटल ट्विन:
    • मेटावर्स, एक वर्चुअल स्पेस है, जहां उपयोगकर्ता डिजिटल वातावरण में एक-दूसरे के साथ इंटरैक्ट करते हैं, कई महत्वपूर्ण तरीकों से डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकी के साथ इंटरसेक्ट होता है। डिजिटल ट्विन मेटावर्स के भीतर इमर्सिव और इंटरकनेक्टेड वर्चुअल दुनियाओं के निर्माण के लिए रीढ़ की हड्डी के रूप में काम कर सकते हैं।
  • उपयोगकर्ता अनुभवों को बढ़ाना:
    • डिजिटल ट्विन उपयोगकर्ताओं को अपने विस्तृत और सटीक प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए सशक्त बनाते हैं, जो व्यक्तिगत जीवन में भी वर्चुअल अनुभवों को सक्षम बनाते हैं। उदाहरण के लिए, वर्चुअल शॉपिंग के दौरान डिजिटल ट्विन, उपयोगकर्ताओं के लिए सटीक निर्णयन में सहायता करते करते हैं, जिससे वे खरीदारी निर्णय लेने से पहले विचार-विमर्श कर सकते हैं। यह मेटावर्स की वास्तविकता और उसके अंतर्संबंधों को बढ़ाता है।
  • इंटरऑपरेबिलिटी को सुविधाजनक बनाना:
    • डिजिटल ट्विन मेटावर्स के भीतर विभिन्न प्लेटफार्मों और प्रणालियों के बीच इंटरऑपरेबिलिटी को बढ़ावा देते हैं, जिससे विभिन्न वर्चुअल वातावरणों के बीच निर्बाध संचार और सहसामंजस्यता संभव होता है। यह प्रक्रिया अंतर्संबंध सहसामंजस्यता अनुभवों के निर्माण को बढ़ावा देती है और वैश्विक स्तर पर सहयोग एवं नवाचार को प्रोत्साहित करती है। डिजिटल ट्विन स्वयं की संरचना में संपूर्ण पारिस्थितिक तंत्रों को भी शामिल कर सकते हैं, जैसे स्मार्ट शहर या औद्योगिक संयंत्र, जो भौतिक समकक्षों को करीब से प्रतिबिंबित करने वाले गतिशील और उत्तरदायी वर्चुअल दुनिया का निर्माण करते हैं।
  • उद्योग और डिजिटल ट्विन के अनुप्रयोग:
    • विनिर्माण:
      • रीयल-टाइम अंतर्दृष्टि और अनुकूलन:
        • विनिर्माण में, डिजिटल ट्विन भौतिक उपकरणों, उत्पादन तंत्रों और कारखानों के वर्चुअल प्रतिकृति बनाते हैं, जो प्रदर्शन, स्वास्थ्य और दक्षता पर रीयल-टाइम अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। इससे निर्माता संभावित समस्याओं की पूर्व पहचान कर सकते हैं, उत्पादन कार्यक्रमों को अनुकूलित कर सकते हैं और डाउनटाइम को न्यूनतम कर सकते हैं, इस प्रकार भौतिक उत्पादकता बढ़ाती हैं और परिचालन लागत को कम करते हैं।
      • उत्पादों का जीवनचक्र प्रबंधन:
        • डिजिटल ट्विन उत्पाद जीवनचक्र प्रबंधन की सुविधा प्रदान करते हैं, जिससे इंजीनियरों को वर्चुअल प्रोटोटाइप बनाने और विभिन्न स्थितियों में उनके व्यवहार का अनुकरण करने की अनुमति मिलती है। यह भौतिक प्रोटोटाइप बनाने से पहले डिजाइन सुधार और सत्यापन के लिए तेजी से उत्पाद विकास चक्र और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को सुनिश्चित करता है जो ग्राहक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
    • स्वास्थ्य सेवा:
      • व्यक्तिगत उपचार योजनाएँ:
        • स्वास्थ्य सेवा में, डिजिटल ट्विन मरीजों की वर्चुअल प्रतिकृति बनाते हैं जो उनके चिकित्सकीय आंकड़ों पर आधारित होते हैं। इसके अलावा चिकित्सक व्यक्तिगत उपचार योजनाएँ बना सकते हैं, विभिन्न हस्तक्षेपों का अनुकरण कर सकते हैं और अधिक सटीकता के साथ परिणामों की संभावना लगा सकते हैं। यह दृष्टिकोण, जिसे "मरीज-विशिष्ट मॉडलिंग" कहा जाता है, जटिल चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे सर्जरी या क्रोनिक रोग उपचार योजना में विशेष रूप से उपयोगी है।
      •  रिमोट मॉनिटरिंग:
        • डिजिटल ट्विन मरीजों की रिमोट मॉनिटरिंग को भी सक्षम करते हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवा प्रदाता रीयल-टाइम में महत्वपूर्ण संकेतों, दवा पालन और समग्र स्वास्थ्य स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं। इससे सक्रिय हस्तक्षेप और बेहतर मरीज परिणाम प्राप्त होते हैं।
    • परिवहन:
      • स्मार्ट मोबिलिटी और लॉजिस्टिक्स:
        • डिजिटल ट्विन परिवहन में नवाचार को प्रेरित करते हैं, जो वाहनों, नेटवर्क और बुनियादी ढांचे की डिजिटल प्रतिकृति बनाते हैं। साथ ही हितधारक मार्गों को अनुकूलित कर सकते हैं, ईंधन दक्षता में सुधार कर सकते हैं और समग्र प्रणाली के प्रदर्शन को बढ़ा सकते हैं। ऑटोमोटिव उद्योग में, डिजिटल ट्विन वाहन व्यवहार का अनुकरण करते हैं, उन्नत चालक सहायता प्रणालियों का परीक्षण करते हैं और स्वायत्त ड्राइविंग तकनीकों का विकास करते हैं। विमानन में, वे विमान संचालन को अनुकूलित करते हैं, रखरखाव की जरूरतों का अनुमान लगाते हैं और व्यक्तिगत सेवाओं के माध्यम से यात्री के सुखद अनुभव को बढ़ाते हैं।
    • शहरी योजना:
      • शहरी विकास का अनुकरण:
        • शहरी योजनाकार नए विकास, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और नीतिगत परिवर्तनों के प्रभाव का अनुकरण करने के लिए शहरों और बुनियादी ढांचे के वर्चुअल प्रतिकृति बनाने के लिए डिजिटल ट्विन का उपयोग करते हैं। डिजिटल ट्विन आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना और आपदा प्रबंधन का समर्थन भी करते हैं, जो रीयल-टाइम स्थितिजन्य जागरूकता और प्राकृतिक आपदाओं और अन्य संकटों के पूर्वानुमानित मॉडलिंग को प्रदान करते हैं।
  • भारत में डिजिटल ट्विन:
    • निजी क्षेत्र की पहल:
      • भारत में, इस समय कई स्टार्टअप विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकी को अपना रहे हैं। पैनिनियन (Paninian) जैसी कंपनियाँ एयरोस्पेस उत्पादों के लिए डिजिटल ट्विन बनाती हैं, ट्विन ग्रिड लैब (TwinGrid Labs) क्लाउड कंप्यूटिंग और मशीन लर्निंग को बढ़ाने के लिए उद्योग-विशिष्ट ट्विन बनाता है, और विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन परिणामों का अनुमान लगाने और निरीक्षण को स्वचालित करने के लिए डिजिटल ट्विन का उपयोग करता है।
    • सरकारी पहल:
      • भारत सरकार डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकी की संभावनाओं को आर्थिक विकास और नवाचार के रूप में प्रोत्साहित करती है। "संगम: डिजिटल ट्विन" जैसी पहल वर्ष 2035 तक प्रमुख शहरों के डिजिटल ट्विन बनाने का लक्ष्य रखती है। यह क्रॉस-सेक्टर पहल उद्योग, अकादमिक और स्टार्टअप के विशेषज्ञों को शामिल करती है, जो उभरती प्रौद्योगिकियों की परिवर्तनकारी भूमिका को उजागर करती है। दूरसंचार सचिव ने भारत के बुनियादी ढांचे को बदलने की पहल की क्षमता पर जोर दिया है। सरकार ने नीति निर्माण, शहरी योजना और आपदा प्रबंधन में सुधार के लिए निजी मैपिंग कंपनी जेनेसिस इंटरनेशनल (Genesys International) के साथ भी साझेदारी की है।
  • संभावनाएँ:
    • उपर्युक्त प्रगति के बावजूद, डिजिटल ट्विन के पूर्ण उपयोग हेतु एक सामान्य ढांचे की कमी स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में अपूर्ण संभावनाओं को छोड़ देती है। भारत की बिजली प्रणाली के एक व्यापक डिजिटल ट्विन से दक्षता और स्थिरता में काफी सुधार हो सकता है।

नियामक चुनौतियाँ और आगे का रास्ता:

  • जैसे-जैसे डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकी विकसित होती है, इसका उद्योगों पर प्रभाव अधिक गहरा होता जाएगा। हालांकि, स्पष्ट विनियमों या दिशानिर्देशों की अनुपस्थिति संतुलित विकास के लिए चुनौतियाँ प्रस्तुत करती है। अतः सरकार को इस प्रौद्योगिकी से प्राप्त होने वाले लाभों के निष्पक्ष और न्यायसंगत वितरण को सुनिश्चित करने के लिए नियामक ढाँचे स्थापित करने की आवश्यकता है।

अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की भूमिका:

  • राष्ट्रीय सरकारें और अंतर-सरकारी संगठन जैसे संयुक्त राष्ट्र (यूएन) डिजिटल ट्विन के उपयोग और डिजिटल अर्थव्यवस्था में उनकी संभावित योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वर्ल्ड टेलीकम्यूनिकेशन और इन्फॉर्मेशन सोसाइटी डे जैसे प्लेटफॉर्म इन जागरूकता निर्माण प्रयासों को संचालित कर सकते हैं, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और ज्ञान साझा करने को बढ़ावा दे सकते हैं।

सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति:

  • डिजिटल ट्विन संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों और सार्वजनिक सेवाओं को अनुकूलित कर सकते हैं। नई प्रौद्योगिकियों पर चर्चा करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू दोनों स्तरों पर स्थान उपलब्ध कराने से डिजिटल अंतराल को पाटने और इन लक्ष्यों की ओर प्रगति को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

निष्कर्ष:

  • डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकी एक परिवर्तनकारी उन्नति का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें उद्योगों में व्यापक अनुप्रयोग हैं। इसका भौतिक और डिजिटल दुनियाओं को जोड़ने की क्षमता संगठनों को डेटा-आधारित निर्णय लेने, नवाचार को प्रेरित करने और अधिक दक्षता और स्थिरता प्राप्त करने में सक्षम बनाती है। जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी विकसित होती है, यह आवश्यक है कि स्पष्ट नियामक ढाँचे स्थापित किए जाएं और हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया जाए। ऐसा करके, डिजिटल ट्विन की पूरी संभावनाओं को बढ़ाया जा सकता है, जिससे अर्थव्यवस्थाओं, उद्योगों और समाज को कई लाभ हो सकते हैं।

UPSC मुख्य परीक्षा के संभावित प्रश्न:

  1. राष्ट्रीय सरकारें और अंतर-सरकारी संगठन डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकी के लिए नियामक ढाँचे स्थापित करने के लिए प्रभावी ढंग से कैसे सहयोग कर सकते हैं, जिससे इसके संतुलित विकास और विभिन्न उद्योगों में लाभों का समान वितरण सुनिश्चित हो सके? (10 अंक, 150 शब्द)
  2.  डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकी संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में शहरी योजना, स्वास्थ्य सेवा और स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में कैसे योगदान दे सकती है? (15 अंक, 250 शब्द)

स्रोत- ORF

 

किसी भी प्रश्न के लिए हमसे संपर्क करें