प्रसंग:
भारत का पर्यटन क्षेत्र अपनी समृद्ध धरोहर, सांस्कृतिक विविधता और खूबसूरत स्थलों के कारण विश्वभर में लोकप्रिय हो रहा है। पर्यटन क्षेत्र आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और लाखों लोगों के जीवन में सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत ने 2047 तक 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का पर्यटन अर्थव्यवस्था बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
पर्यटन मंत्रालय ने 27 सितंबर, 2024 को विश्व पर्यटन दिवस मनाया, जिसमें अंतर-सांस्कृतिक बातचीत के माध्यम से वैश्विक शांति को बढ़ावा देने में पर्यटन की भूमिका पर जोर दिया गया। इस दिशा में, भारतीय सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 2,479 करोड़ का बजट पर्यटन विकास के लिए निर्धारित किया है।
27 सितंबर को मनाए जाने वाले विश्व पर्यटन दिवस 2024 की थीम“पर्यटन और शांति,” पर्यटन और शांति निर्माण के बीच के महत्वपूर्ण संबंध को उजागर करता है। यह दिखाता है कि यात्रा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और स्थायी पर्यटन प्रथाएँ कैसे संघर्ष समाधान, सुलह और वैश्विक सामंजस्य को बढ़ावा दे सकती हैं। विश्व पर्यटन दिवस पर लॉन्च किए गए प्रमुख पहल:
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भारत में पर्यटन का वैश्विक परिप्रेक्ष्य:
विश्व आर्थिक मंच द्वारा प्रकाशित 2024 की यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक (TTDI) के अनुसार, COVID-19 महामारी के बाद वैश्विक पर्यटन में वृद्धि देखने को मिली हैं। भारत 119 देशों में 39वां स्थान रखता है, जो तीन प्रमुख क्षेत्रों में सुधार को दर्शाता है:
- यात्रा और पर्यटन को प्राथमिकता देना
- सुरक्षा और सुरक्षा
- स्वास्थ्य और स्वच्छता
भारत सरकार 2047 तक देश को एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य में बदलने के लिए काम कर रही है, जिसका उपयोग सामाजिक समावेशन, रोजगार सृजन और आर्थिक प्रगति के लिए किया जा रहा है।
भारत में विदेशी पर्यटन:
2023 में भारत ने विदेशी पर्यटकों की संख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी। कुल 9.24 मिलियन विदेशी पर्यटकों ने भारत की यात्रा की, जो 2022 में 6.44 मिलियन की तुलना में 43.5% की वृद्धि दर्शाता है। इससे विदेशी मुद्रा अर्जन (FEEs) में ₹2.3 लाख करोड़ की वृद्धि हुई, जो पिछले वर्ष के ₹1.39 लाख करोड़ से 65% अधिक है।
2024 की पहली अवधि में 47.78 लाख विदेशी पर्यटकों ने भारत की यात्रा की, जिससे ₹1.27 करोड़ का विदेशी मुद्रा अर्जन हुआ। इन संख्याओं में वृद्धि के लिए, सरकार ने कई प्रभावशाली उपाय लागू किए हैं, जैसे:
· साहसिक और विशेष पर्यटन को बढ़ावा देना।
· ई-वीज़ा की प्रक्रिया को सरल बनाना।
· पर्यटकों के लिए 24x7 बहुभाषी हेल्पलाइन शुरू करना।
"पर्यटन दीदी" और "पर्यटन मित्र" कार्यक्रम, जिन्हें विश्व पर्यटन दिवस पर लॉन्च किया गया, का उद्देश्य भारत में पर्यटकों को एक स्वागत योग्य और यादगार अनुभव प्रदान करना है।
घरेलू पर्यटन में वृद्धि:
घरेलू पर्यटन भारत के पर्यटन विकास का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। सरकार ने निम्नलिखित पहलों की शुरुआत की है:
- देखो अपना देश: यह कार्यक्रम भारत की समृद्ध धरोहर और कम ज्ञात स्थलों को बढ़ावा देकर घरेलू यात्रा को प्रोत्साहित करता है।
- प्रसाद PRASHAD (तीर्थाटन पुनरुद्धार और आध्यात्मिक संवर्धन योजना): यह योजना तीर्थ स्थलों को स्थायी रूप से एकीकृत करने के लिए लॉन्च की गई है, जिससे धार्मिक पर्यटन के अनुभव को बढ़ाया जा सके।
- वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम: 4,800 करोड़ के वित्तीय प्रावधान के साथ, यह कार्यक्रम सीमावर्ती राज्यों के 2,963 चुने हुए गांवों का विकास करता है, जिससे पर्यटन और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है।
- स्वदेश दर्शन 2.0: इस पहल का मुख्य उद्देश्य पर्यटन सुविधाओं का सुदृढ़ विकास और स्थायी व जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देना है। इसके तहत 57 स्थलों का चयन किया गया है, जिनमें गुजरात के ‘धोलावीरा’ और ‘द्वारका’, राजस्थान के ‘बुंदी (केशोरायपाटन)’ और ‘जोधपुर’, तथा महाराष्ट्र के ‘सिंधुदुर्ग’ और ‘अजंता-एलोरा’ प्रमुख हैं। इन स्थलों का विकास इस प्रकार से किया जाएगा कि स्थानीय समुदायों को भी आर्थिक, सांस्कृतिक, और पर्यावरणीय लाभ मिल सकें।
- क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना – उड़ान: इस योजना के तहत लगभग 519 मार्गों को चालू किया गया है, जिससे पर्यटन केंद्रों तक पहुंच में सुधार हुआ है।
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य पर्यटक स्थलों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और देश भर में पर्यटन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देना है। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, भारत ने साल 2023 में 2,509.63 मिलियन घरेलू पर्यटक आगमन (DTVs) दर्ज किया, जो 2022 में 1,731.01 मिलियन घरेलू पर्यटक आगमन से अधिक है।
पर्यटन के माध्यम से रोजगार सृजन:
- वर्ष 2022-23 में, पर्यटन ने भारत में रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस क्षेत्र ने 76.17 मिलियन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन किया, जो 2021-22 में 70.04 मिलियन था। पर्यटन से जुड़े रोजगार में वृद्धि की उम्मीद है क्योंकि बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी में सुधार हो रहा है।
- भारत की पर्यटन संभावनाएं रोजगार सृजन से आगे बढ़कर 2036 के ओलंपिक और 2029 के युवा ओलंपिक जैसे आयोजनों की मेज़बानी की तैयारी में हैं। इससे पर्यटन क्षेत्र में बुनियादी ढांचा, कौशल विकास और सेवाओं का उन्नयन आवश्यक हो जाएगा, जिससे देश की वैश्विक छवि और विकास को नई दिशा मिलेगी।
बुनियादी ढांचे का विकास:
भारत ने पर्यटन बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने के लिए 1 बिलियन डॉलर का निवेश किया है, जिससे सुविधाओं में सुधार और पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने में मदद मिल रही है। इस निवेश से देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों को विकसित करने के साथ-साथ नए गंतव्यों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे घरेलू और विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि सुनिश्चित की जा सके। इन प्रयासों से भारत की छवि एक प्रमुख वैश्विक पर्यटन गंतव्य के रूप में सुदृढ़ हो रही है।
निष्कर्ष:
भारत का पर्यटन उद्योग एक सकारात्मक दिशा में अग्रसर है, जिसका उद्देश्य 2047 तक 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की पर्यटन अर्थव्यवस्था स्थापित करना है। यह लक्ष्य "विकसित भारत@2047" पहल के अंतर्गत रखा गया है।
हालांकि, इस क्षेत्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, फिर भी यह निरंतर विकास के पथ पर है। बुनियादी ढांचे के विकास, स्थायी पर्यटन प्रथाओं को अपनाने और समग्र यात्रा अनुभव को समृद्ध करने के लिए कई रणनीतिक पहलों को लागू किया जा रहा है।
भारत सरकार अवसरों का अधिकतम लाभ उठाने और बाधाओं को दूर करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इस दृष्टिकोण के साथ, भारत वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख यात्रा गंतव्य बनने की दिशा में अग्रसर है।
यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न:
भारत के पर्यटन क्षेत्र पर सांस्कृतिक विविधता और विरासत के प्रभाव का विश्लेषण करें, सफल सांस्कृतिक पर्यटन पहलों के उदाहरण दें।