होम > Daily-current-affairs

Daily-current-affairs / 04 Apr 2024

भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को AI अपनाने में सक्षम बनाना - डेली न्यूज़ एनालिसिस

image

सन्दर्भ:

  • तेजी से विकसित होती अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी; विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), भारत में व्यापार-व्यवसाय के लिए एक परिवर्तनकारी अवसर प्रस्तुत करती है। जैसे-जैसे दुनिया AI को अपना रही है, बड़े निगमों (उद्योगों) तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) दोनों के लिए AI कौशल का विकास करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता जा रहा है। भारत जैसे देश में, जहाँ MSME आर्थिक परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, AI को समझने और प्रभावी ढंग से इसके उपयोग करने से प्रतिस्पर्धा में वृद्धि हो सकती है और विकास को गति मिल सकती है। उत्तर प्रदेश में "AI फॉर ऑल" कार्यक्रम जैसी पहल युवा पीढ़ी को AI कौशल से युक्त करने के महत्व को रेखांकित करती है, जो उन्हें तेजी से बदलती डिजिटल दुनिया में बहुआयामी सफलता के लिए तैयार करती है।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) का सशक्तिकरण: AI साक्षरता की भूमिका

  • तेजी से विकसित होती प्रौद्योगिकी के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए एक कुशल कार्यबल की आवश्यकता है, खासकर MSME क्षेत्र में, ताकि AI के लाभों को पूरी तरह से प्राप्त किया जा सके। इस संदर्भ में, AI साक्षरता, जो AI-चालित तकनीकों को समझने और उनका उपयोग करने की क्षमता दर्शाता है, अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत में, जहां 6 करोड़ से अधिक MSME, रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, "AI फॉर ऑल" कार्यक्रम जैसे प्रयास डिजिटल युग के लिए कार्यबल को तैयार करने में सहायक हैं। इस सन्दर्भ में सरकारी स्कूलों में AI, कोडिंग और मशीन लर्निंग (ML) पर शिक्षा प्रदान करके, सरकार का लक्ष्य व्यक्तियों को प्रौद्योगिकी से संचालित भविष्य में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल से युक्त करना है।
  • चूंकि समाज स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने से लेकर सोशल मीडिया अनुभवों में क्रांति लाने तक AI के व्यापक प्रभाव को देख रहा है, इसलिए AI साक्षरता का महत्व और भी बढ़ जाता है। AI कौशल प्राप्त करने से केवल विभिन्न उद्योगों में रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं, बल्कि नवाचार और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलता है। इसे ध्यान में रखते हुए, नीति निर्माता स्कूली पाठ्यक्रम में AI शिक्षा को शामिल कर रहे हैं, जैसा कि युवाओं के लिए उत्तरदायी AI (YUVAi) कार्यक्रम जैसी पहल से स्पष्ट है। छात्रों को कम उम्र से ही AI के ज्ञान से साक्षर करके, भारत का लक्ष्य एक तकनीक-प्रेमी कार्यबल तैयार करना है, जो डिजिटल परिदृश्य की जटिलताओं को जिम्मेदारी से संभालने में सक्षम हो।

भविष्य की उपयोगिता:

  • समाज के विभिन्न क्षेत्रों में AI के एकीकरण से AI साक्षरता की आवश्यकता को बल मिलता है। संक्षेप में, AI साक्षरता में केवल AI के तकनीकी पहलुओं को समझना शामिल है, बल्कि इसके सामाजिक प्रभावों और नैतिक विचारों को भी शामिल किया जाता है। चूंकि इस समय भारत खुद को एक AI इनोवेशन हब के रूप में स्थापित कर रहा है, ऐसे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2023 जैसी पहल शिक्षा में उभरती प्रौद्योगिकियों की परिवर्तनकारी क्षमता पर बल देती है। शिक्षा प्रणाली में AI, मशीन लर्निंग (ML) और बिग डेटा एनालिटिक्स को एकीकृत करके, भारत शिक्षण विधियों को बेहतर बनाने, शैक्षिक पहुंच बढ़ाने और छात्रों को डिजिटल युग की मांगों के लिए तैयार करने का प्रयास कर सकता है।
  • YUVAi जैसे मंच छात्रों में AI साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए भारत के सक्रिय दृष्टिकोण का उदाहरण देते हैं। प्रासंगिक कौशल प्रदान करके और तकनीक-उन्मुख मानसिकता विकसित करके, ऐसी पहल युवाओं को सामाजिक और आर्थिक प्रगति के लिए AI का लाभ उठाने का समर्थन करती हैं। इसके अलावा, AI साक्षरता पहल को व्यापार व्यवसायियों तक विस्तारित करने से वैश्विक बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धा को और मजबूत किया जा सकता है। आज के AI-चालित व्यापार वातावरण में, उद्यमियों और व्यापार जगत के नेताओं के लिए AI सिद्धांतों की ठोस समझ आवश्यक है, जो नवाचार और विकास के लिए AI की क्षमता का लाभ उठाना चाहते हैं।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME): भारत की आर्थिक रीढ़:

  •  भारत के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) रीढ़ की हड्डी की तरह कार्य करते हैं। ये रोजगार सृजन, नवाचार और समावेशी विकास को गति प्रदान करते हैं। MSMEs की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए, MSME मंत्रालय सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल व्यापार वातावरण की आवश्यकता पर बल देता है। इस परिदृश्य में, गतिशील व्यापार जगत में सफल होने के लिए MSMEs को सशक्त बनाने में AI साक्षरता उत्प्रेरक की भूमिका निभाती है।
  • AI टूल्स का लाभ उठाकर, MSME विभिन्न क्षेत्रों में परिचालन को अनुकूलित कर सकते हैं, बाजार के रुझानों का अनुमान लगा सकते हैं और अपनी दक्षता बढ़ा सकते हैं। AI की परिवर्तनकारी क्षमता परिचालन सुधारों से आगे बढ़कर लोक प्रशासन और डिजिटल ढांचे जैसे क्षेत्रों को भी शामिल करती है। अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार की गई AI साक्षरता पहलों के माध्यम से, MSME नियामक जटिलताओं को सरल बना सकते हैं और सरकारी योजनाओं तक प्रभावी ढंग से पहुंच बना सकते हैं। इसके अलावा, वित्तीय प्रबंधन और डेटा विश्लेषण में AI के अनुप्रयोग MSMEs को सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाते हैं, जिससे तेजी से प्रतिस्पर्धी बाजार में व्यापार वृद्धि और लचीलापन बना रह सकता है।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र पर AI का नकारात्मक प्रभाव:

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को निम्नलिखित तरीकों से नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है:

  •  रोजगार विस्थापन: AI चालित स्वचालन MSME कर्मचारियों द्वारा वर्तमान में किए जाने वाले कुछ कार्यों को प्रतिस्थापित कर सकता है। इससे नौकरी छूटने की समस्या उत्पन्न हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो आसानी से स्वचालित हो सकने वाली भूमिकाओं में कार्यरत हैं, जैसे कि नियमित विनिर्माण कार्य या ग्राहक सेवा इत्यादि।
  • बढ़ती प्रतिस्पर्धा:  AI का लाभ उठाने वाले बड़े उद्यम या तकनीक-प्रेमी स्टार्टअप MSME की तुलना में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ये बड़ी कंपनियां अपने संचालन, विपणन और ग्राहक सेवा को अनुकूलित करने के लिए जटिल AI प्रणालियों में निवेश कर सकती हैं, जिससे MSME के लिए बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
  •  कौशल अंतर: AI प्रौद्योगिकियों को लागू करने के लिए अक्सर विशेष कौशल और ज्ञान की आवश्यकता होती है। MSME को AI प्रणालियों को प्रभावी ढंग से तैनात करने और बनाए रखने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता तक पहुंचने या उसका वहन करने में कठिनाई हो सकती है, जो उन्हें अधिक संसाधनों वाली बड़ी कंपनियों की तुलना में नुकसान में डालता है।
  • आर्थिक बोझ:  हालांकि AI प्रौद्योगिकियां लंबे समय में दक्षता बढ़ाने और लागत कम करने का वादा करती हैं, लेकिन इसके लिए आवश्यक प्रारंभिक निवेश काफी अधिक हो सकता है। भारत में कई MSME सीमित बजट पर काम करते हैं और उन्हें AI समाधान अपनाने के लिए धन आवंटित करना मुश्किल हो सकता है।
  • गोपनीयता और सुरक्षा संबंधी चिंताएं: AI अनुप्रयोगों में ग्राहक संबंधी जानकारी की गोपनीयता और सुरक्षा संबंधी चिंताओं को पर्याप्त रूप से संबोधित करने के लिए MSME के पास संसाधनों की कमी हो सकती है, जिससे उन्हें कानूनी और प्रतिष्ठा संबंधी जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है।
  • डिजिटल विभाजन:  ग्रामीण या अल्पविकसित क्षेत्रों में स्थित MSME को विश्वसनीय इंटरनेट कनेक्टिविटी और AI प्रौद्योगिकियों का प्रभावी ढंग से लाभ उठाने के लिए आवश्यक अन्य बुनियादी ढांचे तक पहुंचने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। यह डिजिटल विभाजन शहरी और ग्रामीण उद्यमों के बीच की खाई को विस्तृत कर सकता है, जिससे छोटे व्यवसायों को और अधिक हाशिये पर चले जाने की संभावना बढ़ सकती है।
  •   नियामक अनुपालन: AI प्रौद्योगिकियों को लागू करने से MSME को अतिरिक्त नियामक अनुपालन आवश्यकताओं का पालन करना पड़ सकता है, खासकर डेटा सुरक्षा और उपभोक्ता अधिकारों के संबंध में। इन विनियमों का पालन करना जटिल और महंगा हो सकता है, खासकर सीमित कानूनी विशेषज्ञता वाले छोटे व्यवसायों के लिए।
  • तकनीकी प्रदाताओं पर निर्भरता: यदि प्रदाता तकनीकी समस्याओं, सेवा में रुकावटों, या मूल्य निर्धारण अथवा सेवा की शर्तों में बदलाव का सामना कर सकते हैं, तो तृतीय-पक्ष AI समाधानों या प्लेटफार्मों पर बहुत अधिक निर्भर रहने वाले MSME कमजोर हो सकते हैं। यह निर्भरता MSME संचालन की स्थिरता और लचीलेपन को कमजोर कर सकती है।

निष्कर्ष

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) तकनीक भारतीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए अपार अवसर प्रस्तुत करती है, जिससे उन्हें नवाचार, दक्षता वृद्धि और बाजार विस्तार में सहायता मिल सकती है।  हालाँकि, यह सफर चुनौतियों से रहित नहीं है। AI अपनाने से सम्बंधित लागत, कौशल अंतराल, डिजिटल विभाजन और नियामक अनुपालन जैसी जटिलताओं का समाधान ढूंढना आवश्यक है। इस संदर्भ में, सरकार को कौशल विकास कार्यक्रमों, वित्तीय सहायता और अनुकूल नियामकीय ढांचे के माध्यम से MSME को सशक्त बनाने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। उद्योग जगत को भी AI समाधानों को अधिक किफायती और सुलभ बनाने के लिए प्रयास करने चाहिए। साथ ही, MSMEs को स्वयं भी AI के सिद्धांतों को समझने और उन्हें अपने कार्यों में लागू करने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।
  • AI साक्षरता को बढ़ावा देना इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्कूलों और कॉलेजों में AI पाठ्यक्रमों को शामिल करना, उद्यमियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना, और AI के लाभों को प्रदर्शित करने वाली सफलता की कहानियों को साझा करना - ये सभी उपाय MSME क्षेत्र को AI अपनाने के लिए प्रेरित करने में सहायक होंगे। इस प्रकार, AI भारतीय MSME क्षेत्र के लिए एक द्विधारा मार्ग है। चुनौतियों का समाधान ढूंढकर और अवसरों का लाभ उठाकर, भारत केवल अपने MSMEs को सशक्त बना सकता है, बल्कि वैश्विक AI परिदृश्य में एक अग्रणी के रूप में भी स्थापित हो सकता है।

यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न:

1.    नौकरी विस्थापन, कौशल अंतराल, वित्तीय बोझ और नियामक अनुपालन सहित एआई अपनाने के संबंध में भारत में एमएसएमई के सामने आने वाली बहुमुखी चुनौतियों का विश्लेषण करें। (10 अंक, 150 शब्द)

2.    "सभी के लिए एआई साक्षरता" और "युवाओं के लिए जिम्मेदार एआई (YUVAI)" जैसी एआई साक्षरता पहल के संदर्भ में, भारत में एमएसएमई के बीच एआई अपनाने के भविष्य को आकार देने में सरकारी नीतियों की भूमिका पर चर्चा करें। (15 अंक, 250 शब्द)

 

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस