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Daily-current-affairs / 27 May 2024

हिंद-प्रशांत में मिनिलैटरलिज़्म और समुद्री सुरक्षा: 'स्क्वाड' का उदय : डेली न्यूज़ एनालिसिस

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संदर्भ
हिंद-प्रशांत क्षेत्र, विशेषकर दक्षिण चीन सागर (SCS) चीन की आक्रामक नौसैन्य गतिविधियों के कारण, भू-राजनीतिक तनाव का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन गया है। इस क्षेत्र में रणनीतिक हित रखने वाले देश, जैसे कि संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगी, चीन की सैन्य गतिविधियों से उत्पन्न खतरों का मुकाबला करने के लिए विभिन्न कदम उठा रहे हैं। इस संदर्भ में एक नया सुरक्षा समूह, जिसे अनौपचारिक रूप से 'स्क्वाड' कहा जा रहा है, का गठन हुआ है। इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस शामिल हैं। यह गठबंधन चीन की आक्रामक कार्रवाइयों, विशेष रूप से फिलीपींस के खिलाफ समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेगा
स्क्वाड: सुरक्षा और दक्षिण चीन सागर
ध्यातव्य है कि दक्षिण चीन सागर लंबे समय से भू-राजनीतिक संघर्ष का केंद्र रहा है। चीन की विवादित समुद्री क्षेत्रों पर नियंत्रण करने के आक्रामक प्रयासों से तनाव अधिक बढ़ गया है। चीन के इन आक्रामक कदमों का मुख्य लक्ष्य फिलीपींस रहा है, जिससे दोनों देशों के बीच बार-बार टकराव हुए हैं।पश्चिम फिलीपींस सागर जो कि दक्षिण चीन सागर का एक हिस्सा है, इस पर फिलीपींस का अधिकार है। चीन के इस पर दावे से यह विवादों का केंद्र बन गया है। 2016 में, फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर में चीन के विस्तारित दावों के खिलाफ मध्यस्थता की मांग की थी, जिसके परिणामस्वरूप एक निर्णय आया था ,इसमें चीन की नाइन-डैश लाइन को समुद्री अधिकारिता के आधार के रूप में अस्वीकार कर दिया गया था। इसके बावजूद, इस क्षेत्र में चीन की गतिविधियां बिना रुके जारी हैं, जिससे आपसी झड़पें और रिश्तों में तनाव बढ़ा है।

हाल ही में, चीनी और फिलीपींस बलों के बीच एक संघर्ष में फिलीपीनी जहाजों को नुकसान पहुंचा है, जिसके बाद राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने चीनी कार्रवाइयों के खिलाफ मजबूत प्रतिवाद की बात कही। इस घटना ने समुद्री सुरक्षा सहयोग की आवश्यकता को और भी उजागर किया है। परिणामस्वरूप, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस के रक्षा मंत्रियों ने हवाई में समुद्री नेविगेशन की सुरक्षा और चीनी आक्रामकता को रोकने के सामूहिक उपायों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक आयोजित की। इस बैठक मेंस्क्वाडसमूह की औपचारिकता को चिह्नित किया गया, और बाद की बैठकों में क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति समूह की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई।

मार्कोस जूनियर का रणनीतिक बदलाव और अमेरिकी सहयोग

राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर के 2022 में पद संभालने के बाद चीन के प्रति फिलीपींस के दृष्टिकोण में बदलाव आया है और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अधिक निकटता से इसके संबंध संरेखित हुए हैं। यह सहयोग मनीला की सक्रिय भागीदारी में वाशिंगटन में आयोजित अमेरिका-जापान-फिलीपींस त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन में अप्रैल 2024 में अधिक स्पष्ट हुआ है। इसके अलावा, मई 2024 की बैठक, जिसमें अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने नेतृत्व किया, ने समुद्री सहयोग को बढ़ाने और दक्षिण चीन सागर में चीनी बाधाओं का मुकाबला करने के लिए स्क्वाड के सदस्यों के सामूहिक संकल्प को उजागर किया। यह बैठक जून 2023 में उनकी पहली बैठक से चल रही प्रारंभिक चर्चाओं पर आधारित थी, जो चीन द्वारा उत्पन्न सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक सतत प्रयास को दर्शाती है।

स्क्वाड में भाग लेने के अलावा, फिलीपींस अन्य रणनीतिक गठबंधनों में भी शामिल है। इसमें अमेरिका-जापान-फिलीपींस के साथ त्रिपक्षीय और अमेरिका एवं जापान के साथ द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया की भागीदारी, यद्यपि वर्तमान में संयुक्त सैन्य अभ्यास और समुद्री सहयोग गतिविधियों तक सीमित है, क्षेत्रीय सुरक्षा के प्रति एक व्यापक प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

समुद्री सुरक्षा में स्क्वाड की भूमिका और संदर्भ

स्क्वाड का उदय, आसियान जैसे मौजूदा बहुपक्षीय संस्थानों की सीमाओं को ध्यान में रखते हुए देखा जाना चाहिए, जो चीनी दबाव का प्रभावी ढंग से सामना करने में असफल रहे हैं। आसियान की चीन की कार्रवाइयों की खुले तौर पर निंदा करने में अनिच्छा ने समुद्री सुरक्षा के लिए नए और अधिक लचीले संगठनों के गठन की आवश्यकता पैदा की है। अतः, स्क्वाड द्विपक्षीय और त्रिपक्षीय सहयोग के माध्यम से पश्चिम फिलीपींस सागर में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक पूरक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है।

यद्यपि स्क्वाड एक अपेक्षाकृत नया और भौगोलिक रूप से केंद्रित संगठन है। इसका गठन हिंद-प्रशांत में मिनिलैटरलिज़्म की एक व्यापक प्रवृत्ति का हिस्सा है। स्क्वाड और मौजूदा क्वाड (जिसमें अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं) जैसे मिनिलैटरल समूह, साझा सुरक्षा चिंताओं और रणनीतिक हितों के आधार पर विशिष्ट, लक्षित सहयोग की आवश्यकता को दर्शाते हैं। व्यापक क्वाड, जो हिंद-प्रशांत सुरक्षा मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला को संबोधित करता है, के विपरीत, स्क्वाड दक्षिण चीन सागर, विशेष रूप से पश्चिम फिलीपींस सागर में तात्कालिक चुनौतियों पर केंद्रित है।

समुद्री सुरक्षा और मिनिलैटरलिज़्म का तर्क

स्क्वाड जैसे मिनिलैटरल समूहों के उदय के कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहले, हिंद-प्रशांत की विशाल और विविध समुद्री भौगोलिक विशिष्टता के कारण उप-क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। विभिन्न देश स्वाभाविक रूप से उन क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हैं जो सीधे उनके सुरक्षा और आर्थिक हितों को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिका मुख्य रूप से प्रशांत क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करता है, जबकि भारत हिंद महासागर को प्राथमिकता देता है। फिलीपींस, जो दक्षिण चीन सागर में प्रत्यक्ष खतरों का सामना कर रहा है, को अपने तत्काल समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा की आवश्यकता है।

दूसरे, मिनिलैटरल समूहों में कम संख्या में शामिल देशों के बीच अधिक सुसंगत और प्रतिबद्ध सहयोग  स्थापित होता है। ये समूह साझा खतरों और उद्देश्यों पर अधिक आसानी से सहयोग कर सकते हैं। स्क्वाड में अमेरिका के सुरक्षा संधि भागीदार इस सिद्धांत के उदाहरण है। इसमें प्रत्येक सदस्य को दक्षिण चीन सागर में चीनी आक्रामकता का मुकाबला करने में सीधी रुचि है।

मिनिलैटरलिज़्म छोटे और विकासशील देशों के लिए रणनीतिक लाभ भी प्रदान करता है, जिससे उन्हें व्यापक शक्ति प्रतिद्वंद्विताओं में उलझे बिना अपनी सुरक्षा को बढ़ाने में सहायता मिलती है। विशिष्ट क्षेत्रीय चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करके, ये देश अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं और परिस्थितियों को संबोधित करने वाले अनुकूलित सुरक्षा ढांचे विकसित कर सकते हैं।

निष्कर्ष

स्क्वाड का गठन हिंद-प्रशांत में सुरक्षा सहयोग की बदलती प्रकृति को रेखांकित करता है। आसियान जैसे बहुपक्षीय संस्थानों के क्षेत्रीय सुरक्षा खतरों का समाधान करने में संघर्ष के कारण, मिनिलैटरल समूह समुद्री रक्षा को मजबूत करने में देशों के लिए एक व्यवहार्य विकल्प प्रदान करते हैं। ऐसे संगठनों का उदय हिंद-प्रशांत के विविध और जटिल रणनीतिक वातावरण को दर्शाता है, जहां राष्ट्र अपने हितों की रक्षा के लिए गठबंधनों और साझेदारियों के एक जटिल जाल को निर्मित करते है।

स्क्वाड, अपने केंद्रित जनादेश और साझा खतरे की धारणाओं के साथ, इस बात का एक मॉडल प्रदान करता है कि कैसे छोटे समूह विशिष्ट क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान कर सकते हैं। यह दृष्टिकोण केवल इसके सदस्यों की सुरक्षा को बढ़ाता है, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र की व्यापक स्थिरता में भी योगदान देता है। जैसे-जैसे भू-राजनीतिक प्रतियोगिताएं जारी रहेंगी, क्षेत्रीय सुरक्षा गतिशीलता को आकार देने में मिनिलैटरलिज़्म की भूमिका संभवतः अधिक महत्वपूर्ण हो जाएगी।

यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न

1.     स्क्वाड जैसे बढ़ते हुए लघु समूहों के संदर्भ में हिंद-प्रशांत क्षेत्र के रणनीतिक महत्व पर चर्चा करें। ये समूह क्षेत्रीय सुरक्षा खतरों के प्रबंधन में आसियान जैसे पारंपरिक बहुपक्षीय संस्थानों की सीमाओं का कैसे समाधान करते हैं?(10 marks, 150 words)

2.    हिंद-प्रशांत क्षेत्र की भू-राजनीतिक गतिशीलता पर दक्षिण चीन सागर में चीन की नौसैनिक गतिविधियों के प्रभाव का विश्लेषण करें। स्क्वाड के गठन ने फिलीपींस जैसे देशों की सुरक्षा नीतियों और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसी बड़ी शक्तियों के साथ उनके संरेखण को कैसे प्रभावित किया है?(15 marks, 250 words)

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