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Daily-current-affairs / 12 Jan 2024

मालदीवः पर्यटन, उग्रवाद और भू-राजनीतिक उथल-पुथल

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संदर्भ

हिंद महासागर का द्वीप राष्ट्र मालदीव, भारत के साथ तनावपूर्ण संबंध और चीन के साथ निकटता के बीच एक असमंजस भरी स्थिति से गुजर रहा है।हाल ही में चुने गए राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज़ु, "इंडिया आउट" अभियान जैसे राजनीतिक हथकंडे अपनाकर सत्ता में आए, ससे दोनों देशों के बीच एक दरार पैदा हो गई, परिणामस्वरूप भारतीय नागरिकों ने मालदीव की यात्रा का बहिष्कार किया। राजनीतिक बयानबाजी और नस्लवादी टिप्पणियों से प्रेरित इस आर्थिक राष्ट्रवाद ने मालदीव की गतिशीलता में एक महत्वपूर्ण बदलाव के लिए मंच तैयार किया है। अल्पावधि में, मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या में गिरावट देखी गई है, लेकिन चीनी आगंतुकों की आमद से इस कमी के भरने की उम्मीद है।

आर्थिक प्रभावः

मालदीव की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर बहुत अधिक निर्भर है और भारतीय पर्यटकों के बहिष्कार से यह संकट में पड़ सकती है। ज्ञातव्य हो कि मालदीव के सकल घरेलू उत्पाद का एक चौथाई हिस्सा पर्यटन से आता है2023 में, 200,000 से अधिक भारतीयों ने मालदीव की यात्रा की थी, स्पष्ट है भारत मालद्वीप के पर्यटन उद्योग में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हैहालिया घटनाक्रम के अल्पकालिक परिणाम महत्वपूर्ण हो सकते हैं, जो पर्यटन क्षेत्र पर निर्भर यहाँ के लोगों की आजीविका को प्रभावित कर सकते हैं। हालाँकि मालदीव को 2020 के कोविड-19 संकट के समान आर्थिक पतन का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन इसके आर्थिक नतीजों से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस राष्ट्र एक नए भू-राजनीतिक संतुलन की तलाश है ।

हालाँकि, भारत का ध्यान व्यापक आर्थिक विकास पर है और रोजगार सृजन एवं बाजार सुधार इसके केंद्र में है। परिणामतः जल्द ही मालदीव मुद्दे के सुर्खियों से गायब होने की संभावना है, यह भारत की घरेलू प्राथमिकताओं में केवल एक फुटनोट बनकर रह जाएगा। भारत में आम चुनाव की तैयारी तेजी से हो रहीं है और  सका ध्यान आर्थिक विकास को बढ़ाने, बढ़ते शेयर बाजारों में निवेश करने और सांस्कृतिक विकास की ओर हैइस परिदृश्य में मालदीव, जो कभी भारत के राजनयिक और आर्थिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण भागीदार था, परिधि से बाहर जा सकता है ।

धार्मिक कट्टरता

मालदीव में एक गंभीर चिंता राजनीतिक परिदृश्य के साथ धार्मिक कट्टरता का जुड़ाव भी है। यहाँ इस्लामी कट्टरता में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है, यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक उल्लेखनीय चिंता का विषय बन गया है। 2014 और 2018 के बीच, मालदीव से इस्लामिक स्टेट की तरफ बड़ी संख्या में व्यक्तियों ने पलायन किया है, जो इसके चरमपंथ के लिए एक संभावित स्थल के रूप में उभरने की ओर इशारा करता है। "इंडिया आउट" अभियान सहित वर्तमान प्रशासन की राजनीतिक नीति धार्मिक उग्रवाद पर अंकुश लगाने की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाती है। इसके अलावा मालदीव से आतंकवाद का उभार एक अतिरिक्त चिंता का विषय बन सकता है क्योंकि राजनयिक संबंधों में तनाव के माहौल में निवारक उपायों को खारिज कर दिया जाता है।

धार्मिक उग्रवाद के निहितार्थ भू-राजनीति मुद्दों से परे विस्तारित हैं, जो पर्यटन क्षेत्र को प्रभावित करने के साथ विस्फोटों से लेकर सांस्कृतिक स्थलों की तोड़-फोड़ और आतंकवाद की घटनाओं मे बढ़ोत्तरी के माध्यम से एक शांतिपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में मालदीव की छवि के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, इटली, संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों सहित अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, दक्षिण एशिया क्षेत्र में सुरक्षित विकल्पों का चयन करते हुए अपनी यात्रा प्राथमिकताओं पर पुनर्विचार कर सकता है। मालदीव की सरकार के द्वारा आतंकवाद को खत्म करने और धार्मिक उग्रवाद का मुकाबला करने की आवश्यकता देश के आर्थिक हितों और वैश्विक स्थिति की रक्षा के लिए अनिवार्य है।

चीन के साथ रणनीतिक भूलः

चीन के प्रति राष्ट्रपति मुइज़ु का झुकाव, उनके चुनावी अभियान और विदेश नीति में स्पष्ट दिखाई दिया है, यह  मालदीव के भविष्य को आकार देने वाला दूसरा महत्वपूर्ण कारक है। चीन के साथ गठबंधन और "इंडिया आउट" रुख अपनाने से, मालदीव एक बड़े भू-राजनीतिक खेल में एक प्यादा बनने का जोखिम उठा रहा है। इन घटनक्रमों के आर्थिक परिणामों को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए, क्योंकि श्रीलंका जैसे राष्ट्र चीन की ऋण-संचालित कूटनीति के नतीजों से जूझ रहे हैं। मालदीव पर भी दिवालियापन का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि यह अपारदर्शी वित्तीय स्थितियों और चीन द्वारा संभावित दंडात्मक उपायों में उलझा हुआ है।

भारत को हिन्द महासागर में घेरने की चीन की रणनीति चिंता का विषय है और इस शृंखला में राष्ट्रपति मुइज़ु की बीजिंग के साथ गठबंधन करने की इच्छा मालदीव की स्वायत्तता को खतरे में डाल सकती है। श्रीलंका जैसे अन्य देशों का उदाहरण चीन के प्रति ऋण से जुड़े जोखिमों को रेखांकित करते है। यद्यपि मालदीव चीन के लिए एक मूल्यवान सहयोगी की भूमिका निभा रहा है, लेकिन इसे उन आर्थिक नुकसानों से बचने के लिए सावधानी से कदम उठाना होगा जो राष्ट्र को बाहरी प्रभाव और नियंत्रण के प्रति संवेदनशील बना सकते हैं।

निष्कर्ष

आर्थिक राष्ट्रवाद, धार्मिक उग्रवाद और चीन के साथ रणनीतिक गठबंधन की जटिल अंतःक्रिया के परिणामस्वरूप मालदीव एक चौराहे पर खड़ा है। भारत से दूरी बनाने और चीन के नजदीक जाने के फैसले का पर्यटन पर तत्काल प्रभाव पड़ सकता है और इसकी आर्थिक स्थिरता पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है। राजनीति के साथ धार्मिक कट्टरता का जुड़ाव जटिलता को ओर बढ़ाता है, जिससे एक शांतिपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में राष्ट्र की छवि खतरे में पड़ गई है।

राष्ट्रपति मुइज़ु के राजनयिक विकल्पों और मालदीव के राजनीतिक प्रक्षेपवक्र से एक अलगाव पैदा हो सकता है जो न केवल आर्थिक समृद्धि बल्कि भू-राजनीतिक प्रासंगिकता के लिए भी खतरा है। भारत आंतरिक विकास और संवृद्धि को प्राथमिकता दे रहा है, परिणामतः मालदीव अपने निर्णयों के नतीजों से जूझ सकता है। भारत सहित अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को संप्रभु विकल्प चुनने के लिए राष्ट्रों की स्वायत्तता को मान्यता देते हुए, आवश्यकता पड़ने पर समर्थन देने और उभरती स्थिति की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए। भू-राजनीति में, मालदीव जैसे छोटे राष्ट्र आसानी से शिकार हो सकते हैं और इस रणनीतिक भूल की कीमत गंभीर हो सकती है। भारत-मालदीव संबंधों का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि  राष्ट्रपति मुइज़ू जटिल भू-राजनीतिक क्षेत्र में कैसे काम करते हैं और क्या मालदीव अपने तात्कालिक हितों और दीर्घकालिक स्थिरता के बीच संतुलन बना पाएगा ?

यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न

1. मालदीव के "इंडिया आउट" अभियान सहित चीन की ओर हाल के रणनीतिक बदलाव के आर्थिक और भू-राजनीतिक प्रभावों का विश्लेषण करें। पर्यटन पर भारी निर्भरता के संदर्भ में मालदीव की अर्थव्यवस्था, क्षेत्रीय स्थिरता और देश की स्वायत्तता के लिए संभावित जोखिमों और लाभों का आकलन करें।(10 Marks, 150 Words)

2. मालदीव के राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में धार्मिक कट्टरता की भूमिका और घरेलू स्थिरता एवं एक पर्यटन स्थल के रूप में राष्ट्र की छवि पर इसके प्रभाव की जांच करें। वैश्विक धारणाओं और राजनयिक संबंधों के लिए व्यापक प्रभावों पर विचार करते हुए, धार्मिक उग्रवाद से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए मालदीव के नेतृत्व को क्या उपाय करने चाहिए, इस पर चर्चा कीजिए। (15 Marks, 250 Words)

 

Source – Indian Express