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Daily-current-affairs / 07 Feb 2022

इन्टेंसिफाइड मिशन इंद्रधनुष 4.0 - समसामयिकी लेख

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की वर्ड्स :- आईएमआई 4.0, मिशन इंद्रधनुष, एनएफएचएस-5, गहन मिशन इंद्रधनुष 3.0, संयुक्त राष्ट्र एसडीजी 3, सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम

चर्चा में क्यों?

भारत वैश्विक स्तर पर सबसे बृहद टीकाकरण अभियान लागू कर रहा है। भारत के स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार हर साल तीन करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं और 2.6 करोड़ बच्चों को सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के माध्यम से कवर किया जायेगा।

संदर्भ :-

  • हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री द्वारा आईएमआई 4.0 पोर्टल को लॉन्च किया गया। इसी के दौरान आईएमआई 4.0 के लिए परिचालन दिशानिर्देश जरी किये गए जो निम्न हैं :-
  • शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण को मजबूत करना।
  • कार्रवाई के लिए एक ढांचा बनाना।
  • इस अवसर पर शहरी टीकाकरण पर महिला आरोग्य समिति और जागरूकता अभियान के लिए एक पुस्तिका भी जारी की गई।
  • स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि COVID-19 महामारी के कारण उभरी कमियों को दूर करने के लिए IMI 4.0 के तीन चरणों की योजना तैयार की गई है। इसे 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 416 जिलों में लागू किया जायेगा।
  • पहले चरण (फरवरी-अप्रैल 2022) में आईएमआई 4.0 का संचालन 11 राज्यों में किया जायेगा। ये राज्य- असम, उत्तराखंड, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा और छत्तीसगढ़ हैं।
  • अन्य 22 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशो में अप्रैल-मई 2022 में योजना का संचालन किया जायेगा। इन राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, बिहार, पुडुचेरी, दिल्ली, पंजाब, गोवा, तमिलनाडु हरियाणा, तेलंगाना, झारखंड, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह सम्मिलित हैं।

मिशन इंद्रधनुष क्या है?

  • मिशन इंद्रधनुष 2014 में आरम्भ किया गया भारत सरकार का एक स्वास्थ्य मिशन है। यह योजना 2022 तक भारत के 90% पूर्ण टीकाकरण कवरेज का लक्ष्य रखती है।
  • मिशन इंद्रधनुष का उद्देश्य उन सभी असंबद्ध अथवा आंशिक टीकाकृत बच्चों को कवर कर सार्वभौमिक टीकाकरण के लक्ष्य तक पहुंचना था।

इंटेन्सीफाइड मिशन इंद्रधनुष :-

  • टीकाकरण कार्यक्रम को और अधिक तीव्रता प्रदान करने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अक्टूबर 2017 को गहन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) का शुभारंभ किया। इसके माध्यम से सरकार का लक्ष्य दो साल तक के प्रत्येक बच्चे और उन सभी गर्भवती महिलाओं को कवर करना था जिन्हे इसके पूर्व की नियमित टीकाकरण कार्यक्रम/यूआईपी योजनाओ में इन्क्लूजन एरर का सम्मना करना पड़ा।
  • इस अभियान का मुख्य केंद्र चयनित जिलों और शहरों में टीकाकरण कवरेज में सुधार करना था। इसके माध्यम से 90% पूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य को 2020 के स्थान पर दिसंबर 2018 में ही पा लिया गया।

इन्टेंसिफाइड मिशन इंद्रधनुष 2.0 :-

  • देश में नियमित टीकाकरण कवरेज को बढ़ावा देने के लिए, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दिसंबर 2019 से सभी उपलब्ध टीकों की पहुंच से बाहर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण में तेजी लाने के लिए इन्टेंसिफाइड मिशन इंद्रधनुष 2.0 आरम्भ किया गया।
  • इसका उद्देश्य 2030 तक प्रिवेंटिव चाइल्ड डेथ को समाप्त करने के सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करना है।
  • इसका उद्देश्य 27 राज्यों में 272 जिलों और उत्तर प्रदेश और बिहार में ब्लॉक स्तर (652 ब्लॉक) पर टीकाकरण करना है। यह रिमोट क्षेत्रों तथा आदिवासी आबादी को कवर करता है।

इन्टेंसिफाइड मिशन इंद्रधनुष 3.0 :-

  • यह नियमित टीकाकरण कार्यक्रम से छूट जाने वाले बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण से सम्बंधित अभियान है।
  • इसका उद्देश्य मिशन मोड हस्तक्षेप के माध्यम से बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पूर्ण टीकाकरण में तेजी लाना है।
  • यह देश के 29 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पहले से पहचाने गए 250 जिलों/शहरी क्षेत्रों में आयोजित किया जा रहा है।
  • इसमें महामारी के दौरान टीकाकरण से वंचित प्रवास क्षेत्रों और दुर्गम क्षेत्रों के लाभार्थियों को लक्षित किया जाएगा।

भारत में टीकाकरण कार्यक्रम के परिणाम :-

  • भारत का टीकाकरण कार्यक्रम विश्व के सर्वाधिक लागत प्रभावी सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेपों में एक है। इसके कारण बाल मृत्यु दर को कम करने में सहायता मिली है।
  • 2014 में पोलियो उन्मूलन और 2015 में मातृ एवं नवजात टिटनेस उन्मूलन इस टीकाकरण की प्रमुख उपलब्धियां रही हैं।
  • 12-23 महीने की आयु के बच्चों में पूर्ण टीकाकरण कवरेज एनएफएचएस-4 के 62% से बढ़कर 76.4% (एनएफएचएस-5 में) हो गया है।
  • अप्रैल 2021 तक मिशन इंद्रधनुष के विभिन्न चरणों के दौरान कुल 3.86 करोड़ बच्चों और 96.8 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है।
  • समय-समय पर आयोजित नियमित टीकाकरण और गहनता अभियान को मजबूत करने के लिए वर्षों से निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2019-21) की नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार राष्ट्रीय स्तर की तुलना में टीकाकरण कवरेज में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2015-16) की अपेक्षा काफी सुधार हुआ है।

सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम :-

  • टीकाकरण पर विस्तारित कार्यक्रम 1978 में आरम्भ किया गया। 1985 में इसका नाम बदलकर सार्वभौमिक प्रतिरक्षण कार्यक्रम कर दिया गया। 1985 से इसे शहरी क्षेत्रों में भी लागू किया गया। 1992 में इसमें बाल जीवन रक्षा और सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम तथा 1997 राष्ट्रीय प्रजनन और बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम को इसमें सम्मिलित किया गया। 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन शुरुआत से ही सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के अभिन्न अंग के रूप में क्रियान्वित हुआ।
  • सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक है, जिसका लक्ष्य वार्षिक रूप से 2.67 करोड़ नवजात और 2.9 करोड़ गर्भवती महिलाओं को लक्षित करना है।
  • यूआईपी, 12 टीके से बचाव योग्य बीमारियों के खिलाफ मुफ्त टीकाकरण प्रस्तुत कर रहा-
  • राष्ट्रीय स्तर पर 9 बीमारियां - डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टिटनस, पोलियो, खसरा, रूबेला, तपेदिक, हेपेटाइटिस बी और हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी, मेनिनजाइटिस और निमोनिया सम्मिलित हैं।
  • उप-राष्ट्रीय स्तर पर 3 बीमारियों के खिलाफ- रोटावायरस डायरिया, न्यूमोकोकल न्यूमोनिया और जापानी एन्सेफलाइटिस सम्मिलित हैं।

आगे की राह :-

आंशिक रूप से प्रतिरक्षित और अप्रतिरक्षित बच्चे बचपन की बीमारियों के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं तथा पूर्ण रूप से टीकाकृत बच्चे के सापेक्ष इनके मृत्यु का जोखिम अधिक होता है। यह टीकाकरण बड़े पैमाने पर बीमारियों के प्रकोप को रोकने के साथ-साथ एक क्षेत्र में बीमारी को नियंत्रित कर स्वास्थ्य प्रणाली के स्ट्रेस को कम करता है।

अतः टीकाकरण मातृ मृत्यु दर तथा बाल मृत्युदर के संकेतकों को सुधारने में सहायक होता है। निष्कर्ष के तौर पर हम कह सकते हैं कि सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम योजना के साथ मिशन इंद्रधनुष संयुक्त राष्ट्र द्वारा बीमारियों के उन्मूलन, शिशु मृत्यु दर को कम करने और गर्भवती महिला और उसके बच्चे को अधिक सहायता प्रदान करने के स्थायी लक्ष्यों को पूरा करने में एक मास्टर स्ट्रोक है।

संयुक्त राष्ट्र एसडीजी 3 :- एसडीजी नवजात शिशुओं और 5 साल से कम उम्र के बच्चों की रोकी जा सकने वाली मौतों को समाप्त करने के उद्देश्य से लक्षित है। इसमें 2030 तक सभी देशों के लिए नवजात मृत्यु दर प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर 12 या उससे कम वहीं पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर 25 या उससे कम मौतों की संख्या लाने हेतु निर्धारित किया गया है।

स्रोत :- The Hindu

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2

  • स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/ सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय

मुख्य परीक्षा प्रश्न:

  • इन्टेंसिफाइड मिशन इंद्रधनुष 4.0 के शुभारंभ के संदर्भ में शिशुओं, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को रोगों एवं मृत्यु दर से बचाने के लिए इन्टेंसिफाइड मिशन इंद्रधनुष के दायरे पर चर्चा करें? आलोचनात्मक टिप्पणी करें। [250 शब्द]

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