संदर्भ:
हाल ही में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू की भारत यात्रा ने भारत और मालदीव के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण विकास को चिह्नित किया हैं। इस यात्रा के दौरान हुई चर्चाओं और समझौतों का उद्देश्य मालदीव के बढ़ते आर्थिक संकट को हल करना तथा समुद्री सुरक्षा, आर्थिक संबंधों, कूटनीतिक सहयोग को मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित करना था।
मुद्रा विनिमय समझौतों का विशलेषण:
मालदीव गंभीर ऋण संकट से गुजर रहा है। इसका विदेशी मुद्रा भंडार कम हो गया है, जिससे ऋण चुकाने की क्षमता प्रभावित हुई है।
भारत-मालदीव मुद्रा विनिमय समझौता:
· राष्ट्रपति मुइज़ू की भारत यात्रा के दौरान 760 मिलियन डॉलर के दो मुद्रा विनिमय समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
· इनमें 360 मिलियन डॉलर भारतीय रुपये में और 400 मिलियन डॉलर अमेरिकी डॉलर में विनिमय किया गया।
· इन समझौतों से मालदीव को अपने विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने में मदद मिलेगी, जिससे वह अपने ऋण और आयात के भुगतान का प्रबंधन कर सकेगा।
मुद्रा विनिमय समझौते:
· मुद्रा विनिमय (Currency Swap) वह प्रक्रिया है, जिसमें दो पक्ष (व्यक्ति या व्यवसाय) अलग-अलग मुद्राओं में एक निश्चित राशि का आदान-प्रदान करते हैं और एक तय समय सीमा के बाद उसी राशि को एक-दूसरे को वापस लौटाने का वचन देते हैं।
· मुद्रा स्वैप (Currency Swap) ऋण की तरह काम करता है, जिसमें दोनों पक्षों को विनिमय की गई राशि पर ब्याज देना होता है। लेकिन यह सामान्य ट्रेडिंग की तरह बाजार में नहीं होता। मुद्रा स्वैप दो पक्षों के बीच सीधा समझौता होता है, जिसे ओवर-द-काउंटर (OTC) कहा जाता है और इसे किसी औपचारिक एक्सचेंज या प्लेटफ़ॉर्म पर नहीं किया जाता।
· मुद्रा स्वैप एक निजी समझौता है, जिसमें दोनों पक्षों को अपनी-अपनी मुद्राओं में व्यापार करने और एक-दूसरे से धन उधार लेने का लाभ मिलता है।
· भारत ने स्थानीय मुद्रा व्यापार को बढ़ावा देने के लिए वाणिज्य मंत्रालय के तहत 23 देशों के साथ समझौते किए हैं। इनमें अंगोला, अल्जीरिया, नाइजीरिया, ईरान, इराक, ओमान, सऊदी अरब, यमन, जापान और रूस जैसे देश शामिल हैं।
मालदीव की आर्थिक चुनौतियाँ और ऋण संकट:
1. पर्यटन पर आर्थिक निर्भरता:
· मालदीव की अर्थव्यवस्था काफी हद तक पर्यटन पर निर्भर है, जो कोविड-19 महामारी के दौरान गंभीर रूप से प्रभावित हुई थी। हालांकि, पर्यटन क्षेत्र में फिर से वृद्धि देखी जा रही है, लेकिन पर्यटकों के कम ठहराव और कम खर्च के कारण राजस्व अभी भी अपेक्षाकृत कम बना हुआ है।
2. विदेशी मुद्रा भंडार:
· सितंबर 2024 तक मालदीव का विदेशी मुद्रा भंडार केवल 371.22 मिलियन डॉलर था, जो मुश्किल से 1.5 महीने के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त है।
· वर्तमान में मालदीव को 110 मिलियन डॉलर का बाह्य ऋण चुकाना है। 2025 तक यह राशि बढ़कर 557 मिलियन डॉलर हो जाएगी और 2026 तक 1 बिलियन डॉलर से अधिक हो जाने का अनुमान है।
3. रेटिंग डाउनग्रेड:
· बढ़ते कर्ज और घटते विदेशी मुद्रा भंडार के कारण फिच और मूडीज जैसी अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने मालदीव की ऋण रेटिंग में गिरावट दर्ज की है, जिससे देश की वित्तीय स्थिति और कमजोर हो गई है।
भारत और मालदीव के बीच राजनयिक संबंध:
कूटनीतिक रुख में बदलाव:
· मुइज़ू का प्रारंभिक चुनाव अभियान भारत-विरोधी रुख से चिह्नित था, जिसमें मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों को हटाने की मांग और आवश्यक वस्तुओं के लिए भारत पर निर्भरता की आलोचना शामिल थी।
· पदभार ग्रहण करने के बाद मुइज़ू ने मालदीव में तैनात भारतीय खोज एवं बचाव विमानों को संचालित करने वाले सैनिकों को हटाने का औपचारिक अनुरोध किया।
मेल-मिलाप और संबंधों को मजबूत बनाना:
· प्रारंभिक तनाव के बावजूद, मुइज़ू सरकार ने भारत के साथ संबंधों को सुधारने की दिशा में प्रयास किए हैं। मुद्रा विनिमय समझौतों पर हस्ताक्षर सुलह प्रक्रिया का संकेत देते हैं, जोकि भारत को मालदीव के लिए एक रणनीतिक और आर्थिक साझेदार के रूप में स्थापित करता है।
· आवश्यक वस्तुओं के कोटा के नवीकरण और दोनों पक्षों के बीच उच्च-स्तरीय राजनयिक यात्राओं ने द्विपक्षीय संबंधों में स्थिरता और मजबूती को और बढ़ावा दिया है।
समुद्री सुरक्षा में द्विपक्षीय सहयोग:
समुद्री एवं रक्षा सहयोग:
· भारत और मालदीव के बीच समुद्री सुरक्षा और रक्षा संबंध उनके आपसी रिश्तों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं, विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र के सामरिक महत्व को ध्यान में रखते हुए।
· मुइज़ू की यात्रा के दौरान दोनों देशों ने आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध मछली पकड़ने जैसे मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।
· भारतीय नौसेना ने मालदीव के तटरक्षक बल को जहाज प्रदान करने के साथ-साथ उनके रखरखाव में सहायता देकर महत्वपूर्ण सहयोग दिया है, जिससे समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच साझेदारी और अधिक सुदृढ़ हुई है।
तटरक्षक सहायता :
· भारत ने नई दिल्ली द्वारा पूर्व में प्रदान किए गए मालदीव के तट रक्षक जहाज की मरम्मत और पुनर्निर्माण पर सहमति व्यक्त की हैं, जिससे रक्षा सहयोग और मजबूत होगा।
· हाइड्रोग्राफी समझौता : मालदीव ने पहले भारत के साथ द्विपक्षीय हाइड्रोग्राफी समझौते से बाहर निकलने का विकल्प चुना था, लेकिन यात्रा के दौरान चर्चाओं ने इस क्षेत्र में निरंतर क्षमता निर्माण की आवश्यकता को उजागर किया। भारत इस दिशा में मालदीव की सहायता के प्रति प्रतिबद्ध है।
मालदीव के आर्थिक सुधार में भारत की भूमिका:
अर्थव्यवस्था की स्थिरता हेतु सहायता :
· मुद्रा विनिमय समझौतों के अलावा, मालदीव ने अपनी आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने के लिए भारत से और सहायता की मांग की है। इस संदर्भ में विभिन्न उपायों पर चर्चा जारी है, जिसमें दोनों देशों के बीच आर्थिक लचीलेपन और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
· वर्ष की शुरुआत में, भारत ने भारतीय स्टेट बैंक द्वारा 100 मिलियन डॉलर मूल्य के ट्रेजरी बिलों को रोल-ओवर करने पर सहमति दी, जिससे मालदीव को आवश्यक वित्तीय राहत प्राप्त हुई।
· हाल ही में, मालदीव ने 25 मिलियन डॉलर का सुकुक भुगतान किया, जिससे उसने विफलता के खतरे से बचने में सफलता प्राप्त की। इस प्रक्रिया में भारत ने वित्तीय सहायता प्रदान कर महत्वपूर्ण योगदान दिया।
संभावित मुक्त व्यापार समझौता :
· वार्ता के दौरान दोनों राष्ट्र द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर चर्चा शुरू करने पर सहमत हुए, जिससे आर्थिक सहयोग को और बढ़ावा मिल सकेगा।
पर्यटन और RuPay लॉन्च:
भारतीय पर्यटन को बढ़ावा देना :
· महामारी के बाद भारत मालदीव के लिए पर्यटकों का एक प्रमुख स्रोत रहा है, हालाँकि हाल ही में भारतीय पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। इस अवधि के दौरान, चीन, रूस और इटली प्रमुख पर्यटक स्रोतों के रूप में उभरे हैं।
· राष्ट्रपति मुइज्जू ने मालदीव की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में भारतीय पर्यटकों के महत्व को स्वीकार करते हुए भारतीय पर्यटकों की संख्या में वृद्धि का आह्वान किया है।
रुपे कार्ड लॉन्च :
· मालदीव में रुपे कार्ड के शुभारंभ से भारतीय पर्यटकों के लिए वित्तीय लेनदेन आसान हो जाने की उम्मीद है, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
विपक्ष की आलोचना और घरेलू प्रतिक्रियाएँ:
· मुइज़ू के सहयोग को लेकर मालदीव में विपक्षी नेताओं ने आलोचना की है, जिनमें से कई ने उन पर अपने पूर्व के भारत विरोधी रुख से "यू-टर्न" लेने का आरोप लगाया है।
· यूटीएफ कोस्ट गार्ड पोर्ट और अड्डू में प्रस्तावित भारतीय वाणिज्य दूतावास जैसी परियोजनाओं के संदर्भ में उनका तर्क है कि इन परियोजनाओं को पहले सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा उपनिवेशीकरण योजना के रूप में चित्रित किया गया था।
निष्कर्ष:
मुइज़ू की भारत यात्रा ने भारत-मालदीव के कूटनीतिक संबंधों में एक निर्णायक मोड़ लाते हुए नए सिरे से सहयोग और संवाद की संभावनाओं को उजागर किया है। प्रारंभिक तनावों के बावजूद यात्रा के दौरान हुई चर्चाओं में हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों पर भारत और मालदीव के बीच निरंतर और घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया गया। मालदीव वर्तमान में गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसके कारण भारत की भूमिका एक प्रमुख सहयोगी के रूप में अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गई है। इस संदर्भ में, भारत की सहायता और सहयोग द्वीप राष्ट्र की दीर्घकालिक स्थिरता, विकास और समृद्धि सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होगा।
स्रोत: द हिंदू
यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न: मालदीव के लिए विकास भागीदार के रूप में भारत की भूमिका की जांच करें। भारत की आर्थिक और सुरक्षा सहायता दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय गतिशीलता को कैसे आकार देती है? |