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Daily-current-affairs / 14 Feb 2025

भारत और पेरिस एआई शिखर सम्मेलन 2025: वैश्विक एआई शासन को आकार देना

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सन्दर्भ : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) दुनिया भर में उद्योगों, अर्थव्यवस्थाओं और समाजों में क्रांति ला रहा है। इसके बढ़ते प्रभाव के साथ, एआई की पूरी क्षमता का उपयोग करने और उससे जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए संगठित नीतियों और नैतिक ढांचों की आवश्यकता बढ़ गई है। इसे ध्यान में रखते हुए, फ्रांस ने 10-11 फरवरी 2025 को पेरिस में एआई एक्शन समिट की मेजबानी की, जिसमें भारत ने सह-अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस सम्मेलन में न्यायसंगत एआई पहुंच, ओपन-सोर्स एआई को बढ़ावा देने और सतत एआई विकास को प्राथमिकता दी गयी, विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए, जिससे वैश्विक एआई चर्चा में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका और अधिक सशक्त हुई।

पेरिस एआई शिखर सम्मेलन 2025: प्रमुख मुख्य बिंदु:

पेरिस एआई शिखर सम्मेलन 2025 विश्व का तीसरा प्रमुख एआई सुरक्षा शिखर सम्मेलन था, इससे पहले यूके (2023) और दक्षिण कोरिया (2024) में इसी तरह के सम्मेलन आयोजित किए गए थे। यह उच्च-स्तरीय कार्यक्रम विश्व नेताओं, नीति-निर्माताओं और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों को एक मंच पर लाता है, ताकि एआई शासन के भविष्य को आकार दिया जा सके।

शिखर सम्मेलन के प्रमुख परिणाम:

1. भारत-फ्रांस एआई साझेदारी को मजबूत करना

  • भारत और फ्रांस ने एआई शासन, अनुसंधान और नीति विकास में सहयोग को गहरा किया।
  • इस साझेदारी का उद्देश्य जिम्मेदार एआई नवाचार को बढ़ावा देना और दोनों देशों की तकनीकी स्वायत्तता सुनिश्चित करना था।

2. वैश्विक भागीदारी और उच्च-स्तरीय प्रतिभागी

  • अमेरिका, चीन, कनाडा और यूरोपीय संघ सहित प्रमुख एआई-संचालित अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं ने भाग लिया।
  • प्रमुख व्यक्तित्वों में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस, चीन के उप-प्रधानमंत्री झांग गुओचिंग और शीर्ष उद्योग नेताओं जैसे सैम ऑल्टमैन (ओपनएआई) और सुंदर पिचाई (गूगल) की उपस्थिति रही।

3. एआई अनुसंधान और विकास में निवेश

  • एआई अनुसंधान में प्रारंभिक $500 मिलियन का निवेश घोषित किया गया, जो भविष्य में $2.5 बिलियन तक पहुंच सकता है।
  • यह वित्तीय सहायता विशेष रूप से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में एआई नवाचार को बढ़ाने और समाज के सभी क्षेत्रों तक इसके लाभ पहुंचाने के लिए है।

4. विकासशील देशों के लिए भारत की नेतृत्वकारी भूमिका

  • भारत ने AI4India और CPRG (Collaborative Partnership for Responsible Governance) जैसे पैनलों के माध्यम से एआई की पहुंच और निष्पक्षता पर चर्चाओं का नेतृत्व किया।
  • भारत ने एआई मॉडलों में पूर्वाग्रह (bias) को कम करने और वैश्विक दक्षिण (Global South)  में एआई पहुंच के लोकतंत्रीकरण का समर्थन किया।

5. ओपन-सोर्स एआई और सतत एआई विकास

  • शिखर सम्मेलन में पारदर्शिता और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए ओपन-सोर्स एआई मॉडल के महत्व पर जोर दिया गया।
  • फ्रांस ने एआई विकास में स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को एकीकृत करने के प्रयासों का नेतृत्व किया, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव को कम किया जा सके।

एआई शिखर सम्मेलन 2025 के मुख्य विषय:

शिखर सम्मेलन में एआई शासन के भविष्य को प्रभावित करने वाले कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई:

1.   जनहित के लिए एआई (AI for Public Good)

o    एआई स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और शासन में क्रांति ला सकता है, संसाधनों के आवंटन को अनुकूलित कर सकता है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है।

2.   कार्य का भविष्य (The Future of Work)

o    एआई रोजगार के परिदृश्य को बदल रहा है, जहां यह नए रोजगार के अवसर पैदा कर रहा है लेकिन पारंपरिक नौकरियों को भी प्रभावित कर रहा है।

o    पुन: कौशल (reskilling) कार्यक्रमों की आवश्यकता है ताकि कार्यबल को एआई-संचालित उद्योगों के लिए तैयार किया जा सके।

o    मानव-एआई सहयोग विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाने में सहायक होगा।

3.   नवाचार और सांस्कृतिक परिवर्तन (Innovation & Cultural Transformation)

o    एआई कला, संस्कृति और डिजिटल सामग्री को नया आकार दे रहा है, जिससे उपयोगकर्ता अनुभव को व्यक्तिगत बनाया जा रहा है।

o    एआई-संचालित प्लेटफॉर्म मनोरंजन और मीडिया उद्योगों को वैश्विक स्तर पर प्रभावित कर रहे हैं।

4.   विश्वास और नैतिक एआई (Trust & Ethical AI)

o    सम्मेलन में एआई के जिम्मेदार उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शिता, जवाबदेही और नियामक ढांचे (regulatory frameworks) पर जोर दिया गया।

o    डेटा गोपनीयता (Data Privacy), गलत सूचना (Misinformation) और एआई मॉडलों में पूर्वाग्रह (bias) को कम करने पर विशेष चर्चा की गई।

5.   वैश्विक एआई शासन (Global AI Governance)

o    विभिन्न देशों की एआई नीतियों का सामंजस्य स्थापित करना सुनिश्चित करेगा कि एआई के लाभ सभी को समान रूप से मिलें।

o    इस दौरान कुछ कंपनियों या देशों द्वारा एआई पर एकाधिकार (monopolization) को रोकना प्राथमिकता बनी रही।

एआई विकास में भारत का नेतृत्व:

भारत एक वैश्विक एआई नेता के रूप में उभर रहा है, जो शासन ढांचे को आकार देने और एआई अवसंरचना (infrastructure) में निवेश करने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।

1. राष्ट्रीय एआई मिशन (2024)

  • भारत ने राष्ट्रीय एआई मिशन लॉन्च किया, जिसके तहत 10,000 GPUs द्वारा एआई मॉडलों को विकसित किया जा रहा है।
  • सरकार 40% सब्सिडी प्रदान कर रही है ताकि एआई विकास लागत-कुशल रहे।

2. वैश्विक एआई शिखर सम्मेलन (जुलाई 2024)

  • भारत ने  नई दिल्ली में 50 देशों के 12,000 विशेषज्ञों के साथ एआई शिखर सम्मेलन की मेजबानी की।
  • इसमें नैतिक एआई विकास और उत्तरदायी तैनाती (responsible deployment) पर केंद्रित चर्चाएँ हुईं।

3. भारत के एआई उद्योग में तीव्र वृद्धि

  • भारत का एआई उद्योग 25-35% की वार्षिक वृद्धि दर से आगे बढ़ रहा है और 2027 तक इसके $17 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है।
  • इस विकास को कुशल कार्यबल और समृद्ध स्टार्टअप इकोसिस्टम द्वारा गति मिल रही है।

भारत में एआई अवसंरचना का विकास:

भारत अपनी तकनीकी स्वतंत्रता को मजबूत करने के लिए एआई अवसंरचना में रणनीतिक प्रगति कर रहा है:

1. घरेलू GPU विकास

  • भारत ओपन-सोर्स या लाइसेंस प्राप्त चिपसेट का उपयोग करके अपना स्वयं का GPU विकसित कर रहा है।
  • यह पहल विदेशी चिप निर्माताओं पर निर्भरता को कम करने और 3-5 वर्षों के भीतर एक प्रतिस्पर्धी घरेलू एआई पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने का लक्ष्य रखती है।

2. भारत के लिए फाउंडेशनल एआई मॉडल

  • 10,370 करोड़ के IndiaAI मिशन के तहत, भारत एक बड़ा भाषा मॉडल (Large Language Model - LLM) विकसित कर रहा है।
  • इसके प्रमुख उद्देश्य हैं:
    • छह डेवलपर्स के साथ सहयोग, ताकि भारत की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के अनुरूप एआई मॉडल बनाए जा सकें।
    • एआई-जनित सामग्री में पूर्वाग्रह (bias) को कम करना, जिससे निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके।

3. एआई कंप्यूट इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार

  • सरकार 18,693 GPUs का अधिग्रहण कर रही है, जिसमें योट्टा (9,216 GPUs), जियो प्लेटफॉर्म्स, टाटा कम्युनिकेशंस और E2E नेटवर्क्स शामिल हैं।
  • एक कॉमन GPU कंप्यूट फैसिलिटी स्थापित की जा रही है, जो एआई स्टार्टअप्स और शोधकर्ताओं का समर्थन करेगी।
  • उच्च-स्तरीय GPUs ₹150 प्रति घंटा और निम्न-स्तरीय GPUs ₹115.85 प्रति घंटा की सब्सिडी दर पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे एआई विकास अधिक किफायती होगा।

एआई द्वारा कार्यबल विकास और शिक्षा में सुधार:

एआई-संचालित भविष्य के लिए भारत शिक्षा और कौशल विकास में निवेश कर रहा है:

1. शिक्षा में एआई के लिए उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence for AI in Education)

  • 500 करोड़ का बजट आवंटन, जिससे शिक्षा के लिए एआई उत्कृष्टता केंद्र (CoE) स्थापित किया जाएगा।
  •  यह भारत की 2023 में शुरू की गई पहल पर आधारित है, जिसके तहत कृषि, स्वास्थ्य सेवा और सतत (sustainable) शहरों के लिए एआई केन्द्रीय उत्कृष्टता केंद्र (CoE) स्थापित किए गए थे।

2. राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र (National Centres of Excellence for Skilling)

  • पांच नए राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जो एआई उद्योग प्रशिक्षण पर केंद्रित होंगे।
  • ये केंद्र वैश्विक सहयोग और मानकीकृत एआई प्रमाणन (standardized AI certifications) को बढ़ावा देंगे।

 

निष्कर्ष:

पेरिस एआई शिखर सम्मेलन 2025 में भारत का नेतृत्व वैश्विक एआई शासन (AI Governance) में उसकी बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। नैतिक एआई (Ethical AI), न्यायसंगत एआई पहुंच (Equitable AI Access) और ओपन-सोर्स मॉडल का समर्थन करके, भारत एक उत्तरदायी और समावेशी एआई परिदृश्य तैयार कर रहा है।

चूंकि एआई लगातार विकसित हो रहा है, इसलिए तकनीकी प्रगति के साथ नैतिकता, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण संबंधी विचारों को संतुलित करना आवश्यक है। सतत एआई विकास (Sustainable AI Development), कार्यबल कौशल  और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में भारत का निवेश यह सुनिश्चित करता है कि एआई के लाभ व्यापक रूप से वितरित हों, जिससे नवाचार (Innovation) और समानता (Equity) को बढ़ावा मिले।

 

मुख्य प्रश्न: भारत में एआई का स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और शासन जैसे क्षेत्रों को बदलने में क्या योगदान है?