सन्दर्भ:
- निरंतर सरकारी समर्थन, तकनीकी नवाचार और प्रतिभाओं के तेजी से विकसित होते परिदृश्य में भारत का ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र अभूतपूर्व विकास की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री द्वारा देश के प्रमुख गेमर्स के साथ हाल ही में हुई वार्ता ने भारत को एक वैश्विक गेमिंग केंद्र के रूप में स्थापित करने की क्षमता को पुनः उजागर किया है। यह दृष्टिकोण व्यापक डिजिटल इंडिया पहल के साथ तालमेल बिठाता है, जिसका उद्देश्य प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर राष्ट्र की अर्थव्यवस्था और समाज में परिवर्तन लाना है।
भारत में तीव्र गेमिंग वृद्धि:
- वित्त वर्ष 2020 से 2023 की अवधि में भारत के ऑनलाइन गेमिंग उद्योग ने अभूतपूर्व वृद्धि का प्रदर्शन किया है, जिसमें आश्चर्यजनक 28% की संचयी वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) दर्ज की गई है। एक अनुमान के अनुसार यह वृद्धि निरंतर बनी रहेगी, और उम्मीद है कि 15% की स्थिर CAGR से प्रेरित होकर, यह क्षेत्र वित्त वर्ष 2028 तक ₹33,243 करोड़ तक पहुँच जाएगा। यह वृद्धि न केवल सांख्यिकीय आंकड़ों से परे है; बल्कि यह भारतीय जनमानस द्वारा मनोरंजन के उपभोग और प्रौद्योगिकी के साथ जुड़ाव के तरीके में एक मौलिक बदलाव का प्रतिनिधित्व भी करती है।
- उद्योग का रोजगार सृजन और निवेश आकर्षण में योगदान एक उल्लेखनीय विशेषता है। यह न केवल विदेशी और घरेलू निवेश को आकर्षित करता है, बल्कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार के रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करता है। सूचना प्रौद्योगिकी में भारत की दक्षता का लाभ उठाते हुए, गेमिंग क्षेत्र राष्ट्र को आर्थिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की अपार क्षमता रखता है। यद्यपि इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, फिर भी वैश्विक गेमिंग राजस्व में भारत की हिस्सेदारी अभी भी 1.1% के साथ अपेक्षाकृत कम है, जो गेमिंग विस्तार के लिए पर्याप्त अवसर का संकेत देता है।
सरकारी समर्थन और नियामक ढांचा:
- भारतीय गेमिंग उद्योग के महत्व को स्वीकार करते हुए, भारत सरकार इसके विकास को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय प्रयास कर रही है। एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक और एक्सटेंडेड रियलिटी टास्क फोर्स की स्थापना इस क्षेत्र में प्रतिभा और नवाचार को पोषित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की नोडल मंत्रालय के रूप में भूमिका डिजिटल परिदृश्य में गेमिंग को एकीकृत करने पर दिए गए महत्व को रेखांकित करती है।
- नियामकी उपायों को लागू करना, जैसे कि आईटी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया नैतिकता संहिता) नियम, 2021 का उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग स्टार्टअप्स को स्पष्टता और निश्चितता प्रदान करना है। इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन गेमिंग स्टार्टअप्स पर कर कटौती के संबंध में हालिया स्पष्टीकरण लंबे समय से चली आ रहे विरोधाभाषों को दूर करता है, साथ ही उद्यमियों और निवेशकों दोनों के लिए एक अनुकूल वातावरण प्रदान करते हैं। ये उपाय न केवल अनिश्चितता को कम करते हैं बल्कि उद्योग में निरंतर नवाचार और विकास के लिए आधार भी तैयार करते हैं।
चुनौतियां और अवसर:
- भारतीय ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में सकारात्मक गति के बावजूद, कई चुनौतियां आज भी विद्यमान हैं, जिसके लिए नीति निर्माताओं को एक सूक्ष्म दृष्टिकोण की आवश्यकता है। ऐसी ही एक चुनौती कौशलयुक्त गेमिंग और जुए के बीच का अंतर है, जो विवाद का विषय बना हुआ है। शीर्ष गेमर्स के साथ प्रधानमंत्री की वार्ता इस मुद्दे को संबोधित करने के महत्व को रेखांकित करती है, क्योंकि यह नियामक वातावरण और उद्योग की गतिशीलता को व्यापक स्तर पर प्रभावित कर सकता है। इसके साथ ही, उत्तरदायी और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए 2021 के आईटी नियमों में उल्लिखित स्व-नियामक उपायों का प्रभावी कार्यान्वयन आवश्यक है।
- उपर्युक्त के अलावा कराधान एक अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र है जहाँ जांच की आवश्यकता है, विशेषकर हालिया संशोधनों के आलोक में, जो ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर उच्च कर दरों को लागू करते हैं। हालांकि ये उपाय अल्पकालिक कर राजस्व को बढ़ा सकते हैं, लेकिन ये उद्योग की दीर्घकालिक व्यवहार्यता और रोजगार सृजन की क्षमता को कमजोर करने का जोखिम उठाते हैं। भारत के गेमिंग क्षेत्र की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए राजकोषीय विचारों और उद्योगों की स्थिरता के बीच संतुलन बनाना अनिवार्य है।
सांस्कृतिक धरोहर और सॉफ्ट पावर:
- वैश्विक गेमिंग परिदृश्य में भारत की विशिष्ट पहचान बनाने के लिए इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एक अद्वितीय अवसर प्रस्तुत करती है। भारतीय पौराणिक कथाओं से प्रेरित खेलों की बढ़ती संख्या, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के दर्शकों को आकर्षित करने का एक सुनहरा अवसर उपलब्ध कराती है। इन कथाओं का लाभ उठाकर, डेवलपर्स ऐसे अनुभव तैयार कर सकते हैं, जो विविध जनसांख्यिकीय समूहों के साथ जुड़ते हैं, जिससे वैश्विक पटल पर भारत के सॉफ्ट पावर को सुदृढ़ किया जा सकता है।
- इसके अलावा, गेमिंग उद्योग में विविधता और समावेशिता को बढ़ावा देना इसके दीर्घकालिक विकास और प्रासंगिकता के लिए आवश्यक है। इस क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना न केवल अधिक समावेशी वातावरण को बढ़ावा देता है, बल्कि प्रतिभाओं के अनछुए स्रोतों का उपयोग भी करता है, जिससे नवाचार और रचनात्मकता को बल मिलता है। जैसे-जैसे गेमिंग को करियर विकल्प के रूप में देखा जा रहा है, वैसे-वैसे भारत को अधिक विविध और गतिशील कार्यबल से लाभ होने की संभावना है, जो इस क्षेत्र में विकास को प्रोत्साहित करेगा।
निष्कर्ष:
- वर्तमान भारतीय गेमिंग उद्योग एक परिवर्तनशील चरण में है, जिसमें वैश्विक स्तर पर इस क्षेत्र के भविष्य को निर्धारित करने की अपार क्षमता विद्यमान है। सरकारी सहायता का रणनीतिक उपयोग, नवोन्मेष को प्रोत्साहित करने के लिए एक अनुकूल वातावरण का निर्माण और विनियामक चुनौतियों का समाधान, भारत को एक प्रमुख वैश्विक गेमिंग केंद्र के रूप में स्थापित करने में सहायक हो सकता है। अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का लाभ उठाकर, विविधता और समावेश को बढ़ावा देकर तथा तकनीकी प्रगति का सदुपयोग करते हुए, भारत न केवल अपने डिजिटल अर्थव्यवस्था को $1 ट्रिलियन के लक्ष्य की ओर अग्रसर कर सकता है, बल्कि गेमिंग जगत में नवाचार और सृजनात्मकता का अग्रणी भी बन सकता है। इस प्रकार भारतीय गेमिंग उद्योग के भविष्य की राह संभावनाओं से भरपूर है और उपयुक्त रणनीतियों के कार्यान्वयन के साथ भारत अपने गेमिंग क्षेत्र की सम्पूर्ण क्षमता को उजागर करने के लिए पूर्णतया तैयार है।
यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न:
|
स्रोत- द हिंदू