होम > Daily-current-affairs

Daily-current-affairs / 24 Oct 2024

"प्रौद्योगिकी के माध्यम से ग्रामीण भारत में युवा सशक्तिकरण की दिशा" -डेली न्यूज़ एनालिसिस

image

सन्दर्भ:

भारत के युवा डिजिटल परिवर्तन की प्रक्रिया में एक केंद्रीय भूमिका निभा रहे हैं। इस परिवर्तन के माध्यम से ग्रामीण युवाओं का जीवन सशक्त हो रहा हैं। डिजिटलीकरण ने अनेक नए अवसरों का सृजन किया है, विशेष रूप से ग्रामीण युवाओं के लिए, जोकि तेजी से प्रौद्योगिकी को अपने दैनिक जीवन में शामिल कर रहे हैं।

·        जुलाई 2022 से जून 2023 तक किए गए व्यापक वार्षिक मॉड्यूलर सर्वेक्षण के अनुसार, ग्रामीण युवा जीवन के विभिन्न पहलुओं में डिजिटल उपकरणों को एकीकृत कर रहे हैं, जिससे विभिन्न सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों के बीच की विभाजन रेखा को समाप्त करने में मदद मिल रही है।

 ग्रामीण भारत में प्रौद्योगिकी का उपयोग:

ग्रामीण भारत में प्रौद्योगिकी को अपनाने और डिजिटल दुनिया से जुड़ने के संदर्भ में उल्लेखनीय परिवर्तन हो रहा है। प्रमुख आँकड़े इस प्रवृत्ति को स्पष्ट रूप से उजागर करते हैं:

        मोबाइल फोन का उपयोग: ग्रामीण क्षेत्रों में 15-24 वर्ष आयु के लगभग 95.7% व्यक्ति मोबाइल फोन का उपयोग कर रहे हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा 97% है।

        4जी कवरेज: ग्रामीण क्षेत्रों में 99.5% आबादी को 4जी कनेक्टिविटी उपलब्ध है, वहीं शहरी क्षेत्रों में यह कवरेज 99.8% है।

        इंटरनेट की सुलभता: 15-24 वर्ष की आयु के ग्रामीण युवाओं में से 82.1% इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं, जोकि एक सकारात्मक संकेत है। शहरी क्षेत्रों में इसी आयु वर्ग के लिए यह आंकड़ा 91.8% है।

        हाल ही में इंटरनेट का उपयोग: सर्वेक्षण के अनुसार, 15-24 वर्ष की आयु के 80.4% ग्रामीण युवाओं ने सर्वेक्षण से पहले के तीन महीनों में इंटरनेट का उपयोग किया, जोकि ग्रामीण भारत में दर्ज किया गया सबसे उच्च प्रतिशत है। इसके विपरीत, 15-29 वर्ष के शहरी युवाओं में इंटरनेट उपयोग दर 91.0% रही।

 प्रौद्योगिकी के उपयोग का उद्देश्य:

        ग्रामीण भारत की डिजिटल यात्रा तेजी से आगे बढ़ रही है क्योंकि युवा लोग विभिन्न तकनीकी कौशल धीरे-धीरे हासिल कर रहे हैं। मुख्य निष्कर्ष इस प्रकार हैं:

बुनियादी संचार कौशल: 15-24 आयु वर्ग के 74.9% युवा संदेश भेज सकते हैं, जोकि डिजिटल संचार को अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

        डेटा प्रबंधन कौशल: 15-24 आयु वर्ग के 67.1% लोग और 15-29 आयु वर्ग के 65.6% लोग डेटा प्रबंधन कार्य जैसे कि कॉपी करना, पेस्ट करना और डेटा स्थानांतरित करना कर सकते हैं।

        सूचना खोज: 15-24 आयु वर्ग के 60.4% युवा तथा 15-29 आयु वर्ग के 59.3% युवा सक्रिय रूप से ऑनलाइन सूचना खोज रहे हैं।

हालाँकि, कुछ क्षेत्रों में चुनौतियाँ बनी हुई हैं:

        ईमेल दक्षता: 15-24 वर्ष आयु वर्ग के केवल 43.6% ग्रामीण युवा ही ईमेल भेज सकते हैं।

        ऑनलाइन बैंकिंग: 15-24 आयु वर्ग के 31% युवा तथा 15-29 आयु वर्ग के 33.3% युवा ऑनलाइन बैंकिंग लेनदेन कर सकते हैं।

इन अंतरालों के बावजूद, ग्रामीण युवाओं द्वारा डिजिटल कौशल को धीरे-धीरे अपनाना एक अधिक जुड़े हुए और सशक्त ग्रामीण भारत की ओर प्रगति का संकेत है, जहां प्रौद्योगिकी तेजी से अवसर और विकास के द्वार खोल रही है।

 

डिजिटल इंडिया पहल:

·        1 जुलाई 2015 को भारत सरकार द्वारा शुरू की गई डिजिटल इंडिया पहल का उद्देश्य भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना है।

·        यह कार्यक्रम 1990 के दशक के मध्य में शुरू हुए -गवर्नेंस प्रयासों पर आधारित है, जो देश भर में प्रौद्योगिकी तक पहुंच बढ़ाने और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए एक सुसंगत ढांचे की आवश्यकता को संबोधित करता है।

पहल के मुख्य पहलू:

        परिवर्तनकारी प्रणाली : इसका मुख्य उद्देश्य प्रौद्योगिकी को विभिन्न क्षेत्रों में परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक बनाना है।

        व्यापक कार्यक्रम: डिजिटल इंडिया में विभिन्न विभागों और पहलों को शामिल किया गया है, जो एक ही दृष्टिकोण के अंतर्गत विभिन्न विचारों और रणनीतियों को एक साथ लाता है।

        व्यापक दृष्टि: यह अनेक व्यक्तिगत तत्वों को जोड़ता है, जिससे प्रत्येक तत्व स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकता है तथा एक बड़े, एकीकृत लक्ष्य में भी योगदान दे सकता है।

        समन्वय और कार्यान्वयन: कार्यक्रम का समन्वय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई ) द्वारा किया जाता है और इसे पूरे सरकार द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।

        समन्वित क्रियान्वयन: प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मौजूदा योजनाओं का पुनर्गठन और पुनर्केन्द्रण किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे एक साथ सामंजस्यपूर्ण ढंग से काम करें।

        लागत-प्रभावी सुधार: पहल के कई घटक प्रक्रिया सुधारों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जिनके लिए न्यूनतम व्यय की आवश्यकता होती है तथा दक्षता और प्रभाव को अधिकतम किया जाता है।

 सार्वभौमिक कनेक्टिविटी और डिजिटल इंडिया के लिए सरकारी पहल:

डिजिटलीकरण और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने कई पहल शुरू की हैं:-

        डिजिटल इंडिया पहल: यह पहल विभिन्न प्रौद्योगिकी-आधारित स्टार्टअप और नवाचार योजनाओं का समर्थन करती है, जिनमें शामिल हैं:

o    प्रौद्योगिकी इनक्यूबेशन और उद्यमियों का विकास (TIDE 2.0)

o    नवोन्मेषी स्टार्टअप के लिए जेन-नेक्स्ट सपोर्ट (जेनेसिस)

o    डोमेन-विशिष्ट उत्कृष्टता केंद्र ( सीओई )

o    इनक्यूबेशन योजना (एनजीआईएस)

        भारतनेट परियोजना: इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ना और ब्रॉडबैंड पहुंच का विस्तार करना है।

         सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि (यूएसओएफ): यह पहल दूरदराज के गांवों तक 4जी सेवाएं पहुंचाने पर केंद्रित है।

         भारत बीपीओ संवर्धन योजना (आईबीपीएस) और पूर्वोत्तर बीपीओ संवर्धन योजना (एनईबीपीएस): ये योजनाएं वंचित क्षेत्रों में आईटी/आईटीईएस विकास को प्रोत्साहित करने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कार्यरत हैं।

        पीएम-वाणी पहल: इसका मुख्य उद्देश्य पूरे देश में सार्वजनिक स्थलों पर वाई-फाई हॉटस्पॉट उपलब्ध कराना है।

 निष्कर्ष:

भारत में ग्रामीण डिजिटल विस्तार ने युवाओं को प्रौद्योगिकी अपनाने, उनके दैनिक जीवन में बदलाव लाने और शहरी-ग्रामीण विभाजन को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। किफायती उच्च गति इंटरनेट और विभिन्न सरकारी पहलों के माध्यम से, ग्रामीण युवा तेजी से डिजिटल उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं। इससे संचार, शिक्षा और वित्तीय सेवाओं में उनकी पहुंच में वृद्धि हो रही है।  यह बदलाव प्रौद्योगिकी की भूमिका को उजागर करता है, जोकि विकास और नए अवसरों को बढ़ावा देने में सहायक है। जैसे-जैसे डिजिटल साक्षरता और बुनियादी ढांचा बेहतर होता जा रहा है, ग्रामीण युवा समावेशी भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार हैं।