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विषय (Topic): जीलैंडिया (Zealandia)
चर्चा का कारण
- न्यूजीलैंड के वैज्ञानिकों ने एक नए महाद्वीप का पता लगाया है, जिसका नाम उन्होने जीलैंडिया रखा है। यह ऑस्ट्रेलिया से दक्षिण- पूर्व में न्यूजीलैंड के ऊपर है, हालांकि ये महाद्वीप समुद्र के भीतर है।
- वैज्ञानिकों का दावा है कि यह महाद्वीप करीब 2.30 करोड़ वर्ष पहले समुद्र में समा गया था। इस महाद्वीप के बारे में पहली बार तीन वर्ष पहले पता चला था, तब से इस पर वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं।
प्रमुख बिन्दु
- वैज्ञानिकों का कहना है कि ये महाद्वीप कहलाने की शर्तों को पूरा करता है और इसीलिए इसे महाद्वीपीय पहचान दिलाने की कोशिश की जा रही है।
- अमरीकी जर्नल जियो लॉजिकल सोसायटी में प्रकाशित एक लेख में शोधकर्ताओं ने बताया है कि जीलैंडिया का क्षेत्रफल 50 लाख वर्ग किलोमीटर है, जोकि पड़ोसी ऑस्ट्रेलिया से आकार से थोड़ा ही छोटा है। (ऑस्ट्रेलिया के भू-क्षेत्र का दो तिहाई)
- इसका 94 फीसदी हिस्सा पानी के भीतर है। केवल कुछ द्वीप और तीन विशाल भू-क्षेत्र ही पानी के बाहर नजर आते हैं।
- महाद्वीप बनने के लिए जरूरी है कि भू-क्षेत्र पानी के ऊपर रहे। लेकिन शोध कर्ता एक अलग कोण और बिंदु से इसे देख रहे हैं। जो निम्नलििखत हैं- ( आस-पास के क्षेत्र से भू-क्षेत्र का उठान ( विशेष भूगर्भीय संरचना ( निश्चित क्षेत्रफल ( समुद्र की सतह से मोटी भूपर्पटी
- शोधकर्ताओं का कहना है, जीलैंडिया को महाद्वीप के रूप में वर्गीकृत करना केवल इसे एक अतिरित्तफ़ नाम देना नहीं है। क्योंकि इससे महाद्वीपीय पर्पटी की संरचना को समझने में भी मदद मिलेगी कि कोई भू-क्षेत्र समुद्र में डूब कर भी अविभाजित रह सकता है।
- वैज्ञानिकों का कहना है कि जीलैंडिया महाद्वीप गोंडवाना लैंड से 7.90 करोड़ साल पहले टूटा था।
- वैज्ञानिकों के अनुसार जीलैंडिया का अपना भूशास्त्र है, और इसका तल समुद्र तल से कहीं ज्यादा मोटा और कठोर है।
- यह तीन बड़े भू-भागों से मिलकर बना है। इसमें न्यूजीलैंड का उत्तरी और दक्षिणी द्वीप तथा न्यू कैलिडोनिया का उत्तरी हिस्सा शामिल है।
लॉर्ड होव आइलैंड के पास निकली गुंबदनुमा चट्टान
- जीलैंडिया का पूरा हिस्सा समुद्र के अंदर है, लेकिन लॉर्ड होवे आइलैंड के पास बॉल्स पिरामिड नाम की चट्टान समुद्र से बाहर निकली हुई है। इसी जगह से पता चलता है कि समुद्र के नीचे एक और महाद्वीप है। महाद्वीप का 94 फीसदी हिस्सा पानी में डूबा हुआ है।