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Brain-booster / 10 Jul 2022

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: विश्व व्यापार संगठन मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (WTO Ministerial Conference)

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खबरों में क्यों?

  • 17 जून को, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य देशों ने वैश्विक वैक्सीन इक्विटी प्राप्त करने के लिए पेटेंट नियमों में ढील देने हेतु बारहवें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी12) में शिरकत की ताकि खाद्य, मत्स्य पालन और ई-कॉमर्स के लिए प्रासंगिक मुद्दों पर बातचीत कर सके।
  • इसके अतिरिक्त डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक न्गोजी ओकोंजो इवेला ने इसे जिनेवा पैकेज के रूप में संदर्भित किया। इस बैठक में भारत ने भी कुछ क्षेत्रों के संबंध में सफलताएँ प्राप्त की।

विश्व व्यापार संगठन के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन

  • मंत्रिस्तरीय सम्मेलन हर दो साल में एक बार होता है और किसी भी बहुपक्षीय व्यापार समझौते के तहत सभी मामलों पर निर्णय ले सकता है।
  • आईएमएफ या विश्व बैंक जैसे अन्य संगठनों के विपरीत, विश्व व्यापार संगठन निदेशक मंडल या किसी संगठनात्मक प्रमुख को शक्ति नहीं देता है।
  • विश्व व्यापार संगठन में सभी निर्णय सामूहिक रूप से और विभिन्न परिषदों और समितियों में सदस्य देशों के बीच आम सहमति के माध्यम से किए जाते हैं।
  • इस साल का सम्मेलन स्विट्जरलैंड के जिनेवा में हुआ था।

कृषि पर विवाद

  • इस विषय पर समझौता भारत के लिए विशेष महत्व रखते हैं।
  • विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में अपनी स्थिति का उल्लेख करते हुए, भारत ने पहले कहा था कि उसने कार्यक्रम के तहत खरीद के लिए कभी भी निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाया।
  • सभी पक्षों ने सहमति व्यक्त की कि सदस्य देश डब्ल्यूएफपी के मानवीय उद्देश्यों के लिए खरीदे गए खाद्य पदार्थों पर निर्यात प्रतिबंध नहीं लगाएंगे।
  • समझौते का केंद्रीय आधार जरूरतमंद लोगों को विशेष रूप से मानवीय आपात स्थितियों में भोजन की उपलब्धता, पहुंच और सामर्थ्य सुनिश्चित करना था।

मात्स्यिकी संबंधी समझौतों पर कोई सहमति नही

  • भारत ने अवैध, गैर-सूचित और अनियमित मछली पकड़ने में लगे लोगों को प्राप्त हो रही सब्सिडी समाप्त करने पर एक समझौता करने में सफल रहा।
  • अत्यधिक मछली वाले स्टॉक के लिए सब्सिडी जारी रखने का एकमात्र अपवाद तब होगा जब उन्हें जैविक रूप से टिकाऊ स्तर पर पुनर्निर्माण के लिए आवश्यक समझा जाता है।
  • इसके अलावा समझौते में यह माना गया कि विकासशील या कम विकसित देशों द्वारा अपने विशेष आर्थिक क्षेत्रों (ईईजेड) के भीतर मछली पकड़ने के लिए दी जाने वाली सब्सिडी पर कोई सीमा नहीं होगी।

इलेक्ट्रॉनिक प्रसारण पर अधिस्थगन (Electronic Transmission)

  • सदस्य देश इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन (ET) पर सीमा शुल्क नहीं लगाने पर मौजूदा स्थगन को MC 13 तक बढ़ाने पर सहमत हुए जो दिसंबर 2023 में होने वाला है।
  • 105 देशों जिनमें यू-एस-, यूके, ऑस्ट्रेलिया, चीन और जापान शामिल हैं, ने स्थगन का विस्तार करने की मांग की थी जबकि भारत और दक्षिण अफ्रीका इसके विरोध में थे।
  • मोटे तौर पर, इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन में संगीत, ई-किताबें, फिल्म, सॉफ्टवेयर और वीडियो गेम जैसी ऑनलाइन डिलीवरी शामिल हैं।
  • सीमा शुल्क क्षमता निर्माण के लिए आवश्यक पूंजी प्रवाह प्रदान करते हैं और बदले में, कम आय और विकासशील देशों में विशेष रूप से उच्च डिजिटल विभाजन को कम करने का प्रयास करते हैं।

पेटेंट छूट पर चर्चा

  • सदस्य देशों ने पेटेंट ऑनर की सहमति के बिना किसी सदस्य देश द्वारा COVID-19 टीकों के उत्पादन के लिए पेटेंट की विषय वस्तु के उपयोग को अनुमति प्रदान की।
  • इसके अलावा, यह सदस्य देशों को घरेलू बाजारों और सदस्य देशों को किसी भी संख्या में टीकों की आपूर्ति के लिए निर्यात प्रतिबंध सहित आवश्यकताओं में छूट प्रदान करता है।
  • हालाँकि, यह समझौता आर्थिक रूप से गरीब देशों के लिए बहुत कम, बहुत देर से आया है क्योंकि कई निम्न विकसित देशों (LDCs) को अब लगभग तीन साल पहले आयी महामारी से निपटने के अपने प्रयासों में नुकसान उठाना पड़ा है।
  • अगले छह महीनों के भीतर, सदस्यों से उम्मीद की जाती है कि वे COVID-19 डायग्नोस्टिक्स और चिकित्सीय उत्पादन एवं आपूर्ति को कवर करने के लिए समझौते के दायरे को बढ़ाने पर भी निर्णय लेंगे।