चर्चा में क्यों?
- विश्व आर्थिक मंच (WEF) की पांच दिवसीय वार्षिक बैठक 16 जनवरी, 2023 और 20 जनवरी, 2023 के बीच यूरोप के दावोस में आयोजित की गई। बैठक के दौरान, इस वर्ष की चुनौतियों और प्राथमिकताओं पर चर्चा करने के लिए फोरम ने सरकारों, व्यवसायों और नागरिक समाज को एक साझा मंच प्रदान किया।
प्रमुख बिंद
- विश्व आर्थिक मंच की इस वर्ष की थीम है ‘एक खंडित विश्व में सहयोग’।
- मंच ने दुनिया भर के नेताओं से उभरते आर्थिक संकट, ऊर्जा और खाद्य संकट, बढ़ती जनसंख्या, और जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के लिए एक अधिक सतत और लोच्य विश्व के लिए जमीनी कार्य करने का आ“वान किया।
- यह आयोजन विश्व के नेताओं और विभिन्न उद्योगों, गैर सरकारी संगठनों, थिंक टैंकों और शिक्षाविदों के प्रतिनिधियों को ज्ञान साझा करने, सहयोग करने और वैश्विक समस्याओं के अभिनव समाधान बनाने के लिए एक साथ लाया।
दावोस मेनिफेस्टा
- दावोस मेनिफेस्टो नैतिक सिद्धांतों का एक समूह है जो चौथी औद्योगिक क्रांति के युग में कंपनियों का मार्गदर्शन करने की परिकल्पना करता है।
- यह 1973 में बनाया गया था तथा 2020 में नवीनीकृत किया गया था और यह हितधारक पूंजीवाद के सिद्धांतों या व्यवसायों के लिए साझा लक्ष्यों की एक प्रणाली को निर्धारित करता है।
- नए मेनिफेस्टो 2020 के अनुसार, WEF औपचारिक रूप से हितधारक पूंजीवाद द्वारा निर्देशित हो, जो मानता है कि एक निगम को न केवल शेयरधारकों को बल्कि उन सभी को मूल्य प्रदान करना चाहिए जिनकी कंपनी की नियति में हिस्सेदारी है जैसे कर्मचारी, समाज और पृथ्वी आदि।
- इसके लक्ष्यों में ‘दुनिया की स्थिति में सुधार’ की प्रतिबद्धता शामिल है।
डब्ल्यूईएफ मिशन
- विश्व आर्थिक मंच की 53वीं वार्षिक बैठक दुनिया की सबसे अधिक दबाव वाली चुनौतियों से निपटने के लिए समाधान और सार्वजनिक-निजी सहयोग पर केंद्रित है।
- यह वैश्विक नेताओं को परस्पर जुड़े मुद्दों पर एक साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है, जैसेः
- ऊर्जा, जलवायु और पर्यावरण।
- निवेश, व्यापार और बुनियादी ढांचा।
- प्रौद्योगिकियां और नवाचार।
- नौकरियां, कौशल, सामाजिक गतिशीलता और स्वास्थ्य।
- बहुध्रुवीय विश्व में भू-राजनीतिक सहयोग।
दावोस 2023 में भारत
- वर्ष 2023 इस रूप में भी महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि यह भारत और WEF के बीच सहयोग का 36वां वर्ष है।
- भारत सरकार के अनुसार, इस वर्ष की WEF वार्षिक बैठक का विषय, ‘एक खंडित विश्व में सहयोग’, भारत के G-20 विषय ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ या ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के अनुरूप थी।
- भारत, जो ‘ग्लोबल साउथ’ के प्रतिनिधि के रूप में उभरा है, का उद्देश्य सभी की भलाई के लिए व्यावहारिक वैश्विक समाधान खोजने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाना है जिसमें इस बैठक का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।
- भारत के मुख्य एजेंडा भारत के स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र, महिला नेतृत्व, डिजिटल अर्थव्यवस्था, फिनटेक, लाइफ मिशन, ग्रीन इंडिया आदि को बढ़ाने के इर्द-गिर्द थे।