यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)
विषय (Topic): वैक्सीन पासपोर्ट (Vaccine Passport)
चर्चा का कारण
- हाल ही में इजराइल ने एक प्रमाणन प्रणाली शुरू की है। यह प्रमाणन प्रणाली उन लोगों को कुछ सुविधाओं और इवेंट्स तक पहुंचने की अनुमति देती है, जिन्हें कोविड-19 के खिलाफ टीका लगाया गया है। इसे "वैक्सीन पासपोर्ट" कहा जा रहा है। यह पासपोर्ट देश में जिम, रेस्तरां और होटल जैसी सार्वजनिक सुविधाओं के लिए पहुँच प्रदान करता है।
वैक्सीन पासपोर्ट का विचार
- वैक्सीन पासपोर्ट को "टीकाकरण के प्रमाण" के रूप में डिजाइन किया गया है, जिसे कुछ देशों ने कोविड-19 महामारी से पहले ही अनिवार्य कर दिया है। कोविड-19 महामारी से पहले ही कई अफ्रीकी देशों से अमेरिका या भारत जाने वाले यात्रियों को इस बात का प्रमाण देना होता था कि कि वे पीत ज्वर (yellow fever) जैसे रोगों से बचाव के लिए वैक्सीनेशन कराये हैं या नहीं।
- अधिकांश वैक्सीन पासपोर्ट की परिकल्पना डिजिटल दस्तावेजों के रूप में की गई है। इसका उद्देश्य एक ऐसा यूनिवर्सल टूल डेवलप करना है, ताकि यह पता चल सके कि एक से दूसरे देश में ट्रैवल करने वाले व्यक्ति ने वैक्सीन ली है या नहीं। इसी के तहत वैक्सीन पासपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
- वैक्सीन पासपोर्ट एक तरह से किसी व्यक्ति का हेल्थ कार्ड होगा जिसमें कोरोना वैक्सीनेशन से जुड़ी सभी जानकारी देनी अनिवार्य होंगी। मसलन कोरोना वैक्सीन लगी है या नहीं। कोरोना टेस्ट हुआ है या नहीं, और ये पॉजिटिव है या नेगेटिव आदि। गौरतलब है कि ये वैक्सीन पासपोर्ट विदेशी यात्राओं के दौरान ही नहीं बल्कि किसी सार्वजनिक स्थान, स्टेडियम, दफ्रतर, सिनेमा हॉल आदी में एंट्री लेते समय दिखाना भी अनिवार्य होगा। अगर किसी व्यक्ति वैक्सीनेशन हुआ है तो उसे एंट्री दी जाएगी वरना उसे लौटा दिया जाएगा।
- वैक्सीन पासपोर्ट एक और जरूरी काम करेगा, वह है पूरे देश में टीकाकरण रिकॉर्ड को डिजिटल बनाना। हालांकि कुछ देशों ने बायपास क्वारंटाइन नॉर्मस को दरकिनार करने के लिए वैक्सीनशेन के प्रूफ को स्वीकार करना शुरू कर दिया है, वैक्सीन पासपोर्ट का एक सामान्य और यूनिवर्सिली रूप से स्वीकृत संस्करण अभी तक आना बाकी है।
वैक्सीन पासपोर्ट से जुड़ी चिंताएँ
- हाल ही में फेसबुक और व्हॉट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आरोप लगे कि इनके इस्तेमाल से यूजर्ट का डेटा लीक हो रहा है। ऐसे में वैक्सीन पासपोर्ट को लेकर सबसे बड़ी चिंता इसकी गोपनीयता को लेकर होगी। हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ एक दस्तावेज के रूप में आएगा या इसके लिए कोई एप बनेगी।
वैक्सीन पासपोर्ट में WHO की भूमिका
- वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी WHO को वैक्सीन पास्पोर्ट को लेकर अहम रोल निभाना होगा। दरअसल WHO को दुनिया के हर देश से ट्रस्टेड बॉडी या उन संस्थाओं की सूची लेनी होगी जो कोरोना परीक्षण और टीकाकरण का ई-सर्टिफिकेट जारी करेंगी। इसके साथ ही इन संस्थाओं को भी अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वाले लोगों की पूरी जानकारी WHO को देनी होगी।
- इतना ही नहीं WHO के पोर्टल पर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट, कोरोना टेस्ट और वैक्सीन पासपोर्ट भी अपलोड करना होगा। डब्लयूएचओ इन डॉक्यूमेंट्स का मिलान तय करेगा कि सर्टिफिकेट और पासपोर्ट ऑथेंटिक हैं या नहीं। इसके बाद यात्री का QR कोड जारी किया जाएगा, जिसे लेकर वह ट्रैवल कर सकेगा।
- हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि, COVID-19 के लिए वैक्सीन पासपोर्ट का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि कोरोनोवायरस के टीके दुनिया भर में आसानी से उपलब्ध नहीं हैं।
वैक्सीन पासपोर्ट से संभावित लाभ
- दरअसल, कोरोना आने के बाद से कई देशों में इंटरनेशनल ट्रैवलर के आने पर पाबंदी है। इसके आने से दुनिया के टूरिज्म सेक्टर में फिर से बहार आने की उम्मीद है। इसलिए अब यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गनाइजेशन (UNWTO) ने दुनियाभर के देशों से वैक्सीन पासपोर्ट को लागू करने की मांग की है।
- साल 2020 में एयरलाइन उद्योग को लगभग 118.5 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका और साल 2021 में और 38.7 अरब डॉलर का नुकसान होने के अनुमान हैं। यही कारण है कि जल्द से जल्द अर्थव्यवस्था को चलाने की कवायद में ये कोशिशें हो रही हैं।