अमृत काल के लिए विजन- एक सशक्त और समावेशी अर्थव्यवस्था
- वित्त मंत्री ने कहा कि अमृत काल से जुड़े हमारे विजन में:
- मजबूत सरकारी वित्तीय स्थिति के जरिए प्रौद्योगिकी एवं ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था।
- एक मजबूत वित्तीय क्षेत्र सुनिश्चित करना शामिल है जिसे हासिल करने के लिए ‘सबका साथ सबका प्रयास’ के जरिए जन भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।
- उन्होंने कहा कि भारत@100 की हमारी इस यात्रा में इन फोकस क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अमृत काल के दौरान निम्नलिखित चार अवसर रूपांतरकारी साबित हो सकते हैं:
1- महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण:
- दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने ग्रामीण महिलाओं को 81 लाख स्वयं सहायता समूहों के रूप में संगठित कर उल्लेनीय सफलता हासिल की है ।
- अब हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उन विशाल उत्पादक उद्यमों या सामूहिक संस्थाओं के गठन के जरिए ये समस्त समूह आर्थिक विकास के अगले चरण में पहुंच जाएं जिनमें से प्रत्येक में हजारों सदस्य होंगी और उनका प्रबंधन प्रोफेशनल ढंग से होगा।
2- पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान (पीएम विकास):
- सदियों से परंपरागत कारीगरों और शिल्पकारों, जो विभिन्न उपकरणों का उपयोग करते हुए अपने हाथों से काम करते हैं, ने भारत को काफी गौरवान्वित किया है जिन्हें आम तौर पर विश्वकर्मा कहा जाता है।
- इनकी विशिष्ट कला और इनके द्वारा तैयार हस्तशिल्प से आत्मनिर्भर भारत की सच्ची भावना उभरकर सामने आती है।
- इस योजना के घटकों में न केवल वित्तीय सहायता देना शामिल होगा बल्कि निम्न शामिल होंगे:
- उन्नत कौशल प्रशिक्षण।
- अत्याधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकियों और प्रभावकारी हरित प्रौद्योगिकियों का ज्ञान।
- ब्रांड संवर्धन।
- स्थानीय एवं वैश्विक बाजारों से जुड़ाव।
- डिजिटल भुगतान।
- सामाजिक सुरक्षा।
- इससे अनुसूचित जातियां, अनुसूचित जनजातियां, ओबीसी, महिलाएं और समाज के कमजोर तबकों से जुड़े लोग काफी हद तक लाभान्वित होंगे।
3- पर्यटनः
- वित्त मंत्री ने कहा कि देश में घरेलू एवं विदेशी पर्यटकों को व्यापक रूप से आकर्षित किया जा रहा है क्योंकि पर्यटन में व्यापक संभावनाएं निहित हैं।
- उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने का काम मिशन मोड में किया जाएगा जिसमें राज्यों की सक्रिय भागीदारी होगी, सरकारी कार्यक्रमों का आपस में सामंजस्य होगा और सार्वजनिक-निजी भागीदारी होगी।
4- हरित विकासः
- वित्त मंत्री ने हरित विकास के लिए निम्न नीतियां लागू की जा रही हैं:
- हरित ईंधन।
- हरित ऊर्जा।
- हरित कृषि।
- हरित गतिशीलता।
- हरित भवन।
- हरित उपकरण।
- नविभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में ऊर्जा के प्रभावकारी उपयोग के लिए नीतियां।