होम > Brain-booster

Brain-booster / 22 Aug 2020

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (विषय: सीसा विषाक्तता पर यूनिसेफ की रिपोर्ट (UNICEF’s Report on Lead Poisoning)

image


यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): सीसा विषाक्तता पर यूनिसेफ की रिपोर्ट (UNICEF’s Report on Lead Poisoning)

सीसा विषाक्तता पर यूनिसेफ की रिपोर्ट (UNICEF’s Report on Lead Poisoning)

चर्चा का कारण

  • हाल ही में यूनिसेफ और एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन, ‘प्योर अर्थ’ (Pure Earth) की रिपोर्ट द टॉक्सिक ट्रूथः चिल्ड्रंस एक्सपोजर टू लेड पॉल्यूशन अंडरमाइंस ए जनरेशन ऑफ पॉटेंशियल (The Toxic Truth Childrens exposure to lead pollution undermines a generation of potential) के नाम से सामने आई। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर के करीब 80 करोड़ बच्चों के खून में जहरीला सीसा धातु का स्तर पांच माइक्रोग्राम प्रति डेसीलीटर या उससे भी ज्यादा है।

पवजह क्या है?

  • इसकी सबसे बड़ी वजह, एसिड बैटरियों के डिस्पोजल से जुड़ी लापरवाही बतायी जा रही है। इसकी वजह से बच्चों की इतनी बड़ी संख्या के लिए लेड पॉयजन का खतरा उत्पन्न हुआ है।

प्रमुख बिन्दु

  • संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के लगभग तीन चौथाई बच्चे (लगभग 800 मिलियन) सीसा (लेड) धातु के जहर के साथ जीने को मजबूर हैं।
  • यूनिसेफ की इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया का हर तीसरा बच्चा लेड जहर के साथ जी रहा है। इस रिपोर्ट की दूसरी सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात यह भी है कि इस जहर का मजबूरन सेवन करने वाले आधे बच्चे दक्षिण एशियाई देशों में रहते हैं जबकि भारत में सीसा से 27.5 करोड़ बच्चे प्रभावित हैं।
  • यूनिसेफ के मुताबिक बच्चों के रक्त में मौजूद सीसा धातु के गम्भीर दुष्परिणाम हो सकते हैं जिससे छुटकारा पाने के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ सकती है।

लेड एक शक्तिशाली न्यूरोटॉक्सिन

  • लेड एक शक्तिशाली न्यूरोटॉक्सिन है यानी दिमाग की नसों पर असर करने वाला जहर है। यह विशेष रूप से 5 वर्ष से कम उम्र के शिशुओं और बच्चों के लिए घातक होता है, क्योंकि यह उनके मस्तिष्क को पूरी तरह से विकसित होने से पूर्व ही क्षति पहुंचाता है, जिससे उन्हें आजीवन तंत्रिका-तंत्र संबंधी (Neurological), संज्ञानात्मक (Cognitive) तथा शारीरिक विकलांगता होने का संकट रहता है।
  • अजन्मे बच्चों और 5 साल से कम उम्र के बच्चों को सीसा के कारण अधिक जोखिम हो सकता है। उनमें इस कारण हमेशा के लिए मानसिक और कॉग्निटिव समस्याएं यानी समझ और बुद्धिमत्ता की कमी और स्थायी शारीरिक हानि भी हो सकती है।

सीसा विषाक्त का कारण

  • सीसा विषाक्तता का प्रमुख कारण लेड एसिड बैटरी का असुरक्षित तरीके से री-साइक्लिंग करना है। लेकिन इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक कचरा, खनन और मसालों में इसके इस्तेमाल, पेंट, बच्चों के खिलौने भी सीसा के अहम स्रोत हो सकते हैं।
  • साल 2000 के बाद से गरीब और कम आय वाले देशों में गाडि़यों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है और इस कारण लेड एसिट बैटरी के इस्तेमाल और इनकी रीसाइक्लिंग में भी इजाफा हुआ है- इनकी री-साइक्लिंग कई बार असुरक्षित तरीके से की जाती है।
  • दुनिया में लेड का जितना कुल उत्पादन होता है उसके 85 फीसदी हिस्से का इस्तेमाल लेड एसिड बैटरी बनाने में होता है- इसका एक बड़ा हिस्सा गाडि़यों में इस्तेमाल होने वाले लेड बैटरी की रीसाइक्लिंग से आता है।
  • अनियंत्रित तरीके से और अधिकतर अवैध रूप से होने वाले इस रीसाइक्लिंग के काम में लेड बैटरी को असुरक्षित तरीके से खोला जाता है। इस कारण एसिड और लेड डस्ट जमीन पर गिरता है, खुली भट्टियों में लेड को पिघलाया जाता है जिससे इसका जहरीला धुंआ हवा में फैलता है और आस पास के पूरे इलाके को प्रदूषित करता है।

आगे की राह

  • भारत में साल 2000 में लीड वाले ईंधन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। अब देश में इस्तेमाल होने वाले पेंट्स में भी लीड की मात्र सीमित कर 90 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) करने की जरूरत है।