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विषय (Topic): स्वच्छ सर्वेक्षण रिपोर्ट - 2020 (Swachh Survekshan Survey 2020)
चर्चा का कारण
- केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रलय द्वारा हाल ही में स्वच्छ सर्वेक्षण रिपोर्ट 2020 जारी की गई । स्वच्छ सर्वेक्षण रिपोर्ट-2020 देश के वार्षिक स्वच्छ सर्वेक्षण का पांचवाँ संस्करण है।
पृष्ठभूमि
- 2014 में स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (एसबीएम-यू) की शुरुआत 100 प्रतिशत ठोस कचरे के प्रबंधन के साथेशहरी भारत को 100 प्रतिशत खुले में शौच मुक्त बनाने के उद्देश्य से की गई थी।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 की रिपोर्ट के प्रमुख बिन्दु
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 की रिपोर्टर के अनुसार, लगातार चौथे साल इंदौर को देश में सबसे स्वच्छ शहर का दजा र् दिया गया है। विदित हो कि 4,000 से अधिक शहरों में स्वच्छता का सर्वेक्षण इस वर्ष की शुरुआत में 28 दिनों में किया गया था।
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में कुल 4242 शहरोंं, 62 छावनी बोर्डो और 97 गंगा शहरों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 1.87 करोड़ नागरिकों की भागीदारी रही।
- 1 लाख से अधिक आबादी वालेे शहरों में इंदौर को नंबर एक पर रखा गया, इसके बाद सूरत, नवी मुंबई, अंबिकापुर, मैसूर, विजयवाड़ा़ा, अहमदाबाद, नई दिल्ली, चंद्रपुर और खरगोन शामिल हैं। 1 लाख से कम आबादी वालेे छोटे शहरों में शीर्ष तीन शहर - कराड (Karad), सस्वाद (Saswad) और लोनावला हैं जो सभी महाराष्ट्र में स्थित हैं।
- छत्तीसगढ़ ने 100 से अधिक शहरी स्थानीय निकायोंं (ULBs) की श्रेणी में भारत के सबसे स्वच्छ राज्य का प्रतिष्ठित ख़िताब जीता जबकि दूसरा और तीसरा स्थान क्रमशः महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश को प्राप्त हुआ।
- 100 से कम शहरी स्थानीय निकायोंं वालेे राज्यों की श्रेणी में झारखण्ड को भारत का सबसे स्वच्छ राज्य घोषित किया गया। इसके बाद हरियाणा, उत्तराखंड, सिक्किम, असम और हिमाचल प्रदेश का स्थान है।
- ‘गंगा शहरोंं’ की श्रेणी में वाराणसी, सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार दिया गया। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) सबसे स्वच्छ राजधानी नगर है।
- देश के सबसे स्वच्छ छावनी बॉर्डर की श्रेणी में पहला स्थान जालंधर छावनी बॉर्डर को प्राप्त हुआ है। इसके बाद दिल्ली छावनी बॉर्डर और मेरठ छावनी बॉर्डर ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया।
प्रमुख उपलब्धियां
- 2014 में अपनी शुरुआत के बाद से, स्वच्छ भारत मिशन-शहरी ने स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन दोनों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। 4,324 शहरी यू एल बी को ओ डी एफ घोषित किया गया है, 1,319 शहरों को ओडीएफ+ और 489 शहरों को ओडीएफ++ को मंत्रालय के स्वच्छता प्रोटोकॉल के अनुसार प्रमाणित किया गया है।
- यह 66 लाख से अधिक व्यक्तिगत घरेलु शौचालयोंं और 6 लाख से अधिक साम ुदायिक/साव र्जनिक शौचालयोंं के निर्माण के माध्यम से संभव बनाया गया है, जो मिशन के लक्ष्यों से अधिक है। इसके अतिरिक्त, 2900+ शहरों में 59,900 से अधिक शौचालयोंं को गूगल मानचित्र पर लाइव किया गया है। ठोस कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में 96 प्रतिशत वार्डो में डोर टू डोर कलेक्शन है, जबकि उत्पन्न कुल कचरे का 66 प्रतिशत पहलेे के 18 प्रतिशत प्रसंस्करण के 2014 के स्तर के लगभग 4 गुना अधिक है।
- कुल 6 शहरों (इंदौर, अंबिकापुर, नवी मुंबई, सूरत, राजकोट और मैसूरु) को 5-स्टार शहरोंं, 86 शहरों को 3-स्टार और 64-शहरों को 1-स्टार के रूप में दर्जा दिया गया है। कचरा निस्तारण के मामले में मंत्रालय स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल के अनुसार कचरा मुक्त शहर घोषित किया गया है।