चर्चा में क्यों?
- भारतीय नौसेना ने स्प्रिंट योजना के तहत आटोनामस आर्म्ड बोट स्वार्म के लिए सागर डिफेंस इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। भारतीय नौसेना द्वारा स्प्रिंट योजना के तहत हस्ताक्षरित यह 50वां अनुबंध है।
योजना के बारे में
- SPRINT का अर्थ है- रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (iDEX), नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण संगठन (NIIO) तथा प्रौद्योगिकी विकास त्वरण सेल (TDAC) के माध्यम से अनुसन्धान एवं विकास में पोल-वॉल्टिंग का समर्थन करना।
- इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 18 जुलाई, 2022 को नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण संगठन (NIIO) संगोष्ठी के दौरान लॉन्च किया गया था।
- यह एनआईआईओ और रक्षा नवाचार संगठन (डीआईओ) के बीच एक सहयोगी परियोजना है।
- यह घरेलू कंपनियों द्वारा रक्षा प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा देने की एक पहल है।
- इसका उद्देश्य भारतीय नौसेना के लिए उद्योगों द्वारा 75 नई स्वदेशी तकनीकों का विकास करना है।
- 75 नई प्रौद्योगिकियों को 15 अगस्त, 2023 तक आजादी का अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में शामिल किया जाएगा।
योजना का महत्त्व
- यह भारतीय नौसेना में स्वदेशी प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देगी।
- यह नवाचार और स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के साथ, रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ और राष्ट्र की सुरक्षा तथा समृद्धि के समग्र लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केंद्रित है।
- आत्मनिर्भर भारत के लिए ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण से ‘संपूर्ण राष्ट्र’ दृष्टिकोण में बदलाव- इस कार्यक्रम के तहत सरकार और नौसेना घरेलू उद्यमियों को समर्थन प्रदान करेगी जिससे रक्षा प्रतिष्ठान, शिक्षाविदों तथा निजी क्षेत्र के सहयोग से स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा मिलेगा।
बोट स्वार्मस के बारे में
इससे संचालन में नौसेना को निम्न मदद मिलेगी-
- उच्च गति पाबंदी।
- निगरानी और कांस्टेबुलरी ऑपरेशन।
- कमांड, नियंत्रण, संचार, कंप्यूटर (C4) इंटेलिजेंस।
- निगरानी और टोही (C4ISR)
- कम तीव्रता वाले समुद्री संचालन।
आगे की राह
- स्प्रिंट योजना हर स्थिति से निपटने के लिए तथा उसकी तैयारी में सुधार हेतु भारतीय नौसेना को खरीददार से बिल्डर तक की परिवर्तनकारी यात्रा में मदद करेगी। भारत की सामुद्रिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नौसेना एकसाथ कई स्टार पर कार्य कर रही है ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके।