होम > Brain-booster

Brain-booster / 12 Jul 2020

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: सिक्किम-तिब्बत कन्वेंशन, 1890 (Sikkim-Tibet Convention of 1890)

image


यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): सिक्किम-तिब्बत कन्वेंशन, 1890 (Sikkim-Tibet Convention of 1890)

सिक्किम-तिब्बत कन्वेंशन, 1890 (Sikkim-Tibet Convention of 1890)

चर्चा का कारण

  • हाल ही में सिक्किम के नाकु ला में वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control - LAC) पर चीन और भारत के सैनिकों के मध्य बढ़ते गतिरोध के तीस्ता ने वर्ष 1890 के ऐतिहासिक सिक्किम-तिब्बत संधि (Sikkim-Tibet Convention of 1890) पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।
  • जानकारों का मानना है कि वर्ष 1890 के सिक्किम-तिब्बत संधि के अनुसार, नाकु-ला क्षेत्र भारत का हिस्सा है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1975 में सिक्किम का भारत में विलय से पहले ही चीन ने आधिकारिक रूप से इस सीमांकन को कर लिया था।

प्रमुख बिन्दु

  • नाकु ला क्षेत्र में सीमा का निर्धारण वाटरशेड प्रिंसिपल्स के आधार पर किया गया है। इसके अनुच्छेद 1 में कहा गया है कि सिक्किम और तिब्बत की सीमा, सिक्किम के तीस्ता में बहने वाले पानी और इसके तिब्बती मोचू और उत्तर में तिब्बत की अन्य नदियों में बहने वाले पानी को अलग करने वाली पर्वत शृंखला होगी।
  • यह जल विभाजन वहां से नेपाल की सीमा तक आता है। 1894 में गैजेटियर ऑफ सिक्किम में सिक्किम की भौतिक विशेषताओं के साथ ही उस सीमा का भी उल्लेख किया है जो नाकु ला-चोर्टेन न्यिमा ला के साथ चलती है।
  • इसकी भौगोलीय बनावट ऐसी है कि इसे बड़ी आसानी से देखा और पहचाना जा सकता था। इसके साथ ही गूगल इमेज पर मौजूद तस्वीरों में भी नाकु ला को स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है क्योंकि इस क्षेत्र में पानी को अलग करने वाली रेखा बहुत स्पष्ट थी।
  • कूटनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि सीमा की अस्पष्ट आधिकारिक स्थिति के कारण चीन सिक्किम में भी मोर्चा खोल सकता है।
  • रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि सीमा के सिक्किम-तिब्बत खंड पर 1890 के एंग्लो-चाइनीज कंवेंशन के मुताबिक सुलह हो चुकी है और 1895 में ही इसके सीमा का निर्धारण हो चुका है।

अनुच्छेद 2

  • दूसरे अनुच्छेद में सिक्किम पर ब्रिटिश सरकार के नियंत्रण पर सहमति बनी। इसमें कहा गया ,य्यह माना जाता है कि ब्रिटिश सरकार, जिसकी सिक्किम राज्य पर सत्ता यहाँ स्वीकार की जाती है, का राज्य के आंतरिक प्रशासन और विदेशी सम्बन्धों पर प्रत्यक्ष और एकाधिकार नियंत्रण होगा, और ब्रिटिश सरकार की इजाजत के बिना, राज्य का कोई शासक, न ही उसका कोई अधिकारी किसी और देश के साथ, औपचारिक या अनौपचारिक रिश्ते नहीं रखेगा।

वर्ष 1904 की संधि

  • वर्ष 1904 में तिब्बत की राजधानी ल्हासा में ग्रेट ब्रिटेन और तिब्बत के मध्य एक समझौते के रूप में एक अन्य संधि पर हस्ताक्षर किये गए थे। इस संधि के अनुसार, तिब्बत ने वर्ष 1890 के संधि का सम्मान करने और सिक्किम एवं तिब्बत के मध्य सीमा को मान्यता देने के लिए सहमति प्रकट किया जैसा कि उपर्युत्तफ़ संधि के अनुच्छेद (1) में परिभाषित किया गया है।

वर्ष 1906 की संधि

  • 27 अप्रैल, 1906 को चीन में ग्रेट ब्रिटेन और चीन के बीच एक संधि पर हस्ताक्षर किये गए थे जिसने ग्रेट ब्रिटेन और तिब्बत के बीच वर्ष 1904 में हुए अभिसमय की पुष्टि की थी।

विवाद के बिन्दु

  • चीन और आजादी के बाद भारत ने इस संधि और सेमांकन का पालन किया । ऐसे स्थिति तब तक चलती रही जब तक 1975 में सिक्किम भारत का एक राज्य नहीं बन गया ।हालांकि चीन का भूटान से सीमा विवाद और वहाँ से भारत के अच्छे रिश्तों ने हालिया तनाव पैदा करने में भूमिका निभाई है।