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विषय (Topic): ओपन स्काई संधि से अलग हुआ रूस (Russia’s Exit From Open Skies Treaty)
चर्चा का कारण
- हाल ही में रूस ने मुक्त आकाश समझौते या ओपन स्काई संधि (open sky treaty-OST) से खुद को अलग कर लिया है। गौरतलब है कि इससे पहले अमेरिका मुक्त आकाश संधि से अलग हो चुका है। रूस ने कहा कि, अमेरिका 2020 में इस समझौते से अलग हो गया था, इसलिए संतुलन कायम करने के लिए रूस का यह निर्णय लेना जरूरी हो गया था।
ओपन स्काई संधि क्या है?
- अमेरिकी राष्ट्रपति डी. आइजनहावर (Dwight Eisenhower) ने पहली बार जुलाई, 1955 में मुक्त आकाश संधि को लेकर प्रस्ताव पेश किया था। प्रस्ताव में कहा गया था कि अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ (Soviet Union) एक दूसरे के क्षेत्र में टोही उड़ानों की अनुमति दें। उस समय संधि को लेकर कुछ खास नहीं हो पाया।
- इसके बाद मई 1989 में जब राष्ट्रपति जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश ने फिर प्रस्ताव पेश किया। फिर नाटो देशों के बीच बातचीत शुरू हुई। इसके बाद फरवरी 1990 में वारशॉ पैक्ट लागू हुआ।
- कुछ देशों ने 24 मार्च 1992 को संधि पर हस्ताक्षर कर दिए, लेकिन रूस ने प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया था। हालांकि, 1 जनवरी 2002 में रूस ने भी मुक्त आकाश संधि पर हस्ताक्षर कर दिए और ये लागू हो गई।
- इस संधि पर अब तक 34 देश हस्ताक्षर कर चुके हैं। किर्गिस्तान संधि पर हस्ताक्षर करने वाला 35वां देश है, लेकिन उसने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है। मुक्त आकाश संधि के तहत 1,500 से अधिक उड़ानों का संचालन किया गया है।
ओपन स्काई संधि का उद्देश्य
- आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक, इन उड़ानों का मकसद सैन्य गतिविधि के बारे में पारदर्शिता को बढ़ावा देना है। साथ ही संधि के तहत हथियारों के नियंत्रण और अन्य समझौतों की निगरानी करना है।
- संधि में सभी देश अपने सभी क्षेत्रों को निगरानी उड़ानों के लिए उपलब्ध कराने पर सहमत हैं। हालांकि, रूस ने अभी भी कुछ क्षेत्रों में उड़ानों पर प्रतिबंध लगा रखा है।
- संधि की शर्तों के मुताबिक, निगरानी विमान सेंसर से लैस होने चाहिए जो आर्टिलरी, लड़ाकू विमान और बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों जैसे महत्वपूर्ण सैन्य उपकरणों की पहचान करने की निगरानी दल को क्षमता मुहैया करा सकते हों। हालांकि, सेटेलाइट्स के जरिये इससे कहीं ज्यादा और विस्तृत जानकारी आसानी से जुटाई जा सकती है। बावजूद इसके ये संधि की गई, क्योंकि इसके सभी सदस्य देशों के पास सेटेलाइट्स से निगरानी करने की क्षमता उपलब्धल नहीं है।
अमेरिका ओपन स्काई संधि से क्यों अलग हुआ था?
- अमेरिका ने मई 2020 में संधि तोड़ते हुए रूस पर ही आरोप लगाया था कि वो संधि के बहाने से टोह लेने की कोशिश कर रहा था। दरअसल साल 2017 में एक रूसी विमान ने अमेरिका के गोल्फ कोर्स पर उड़ान भरी थी। इसी बात का हवाला देते हुए अमेरिका ने खुद को संधि से बाहर कर लिया था।
प्रभाव
- ओपन स्काई ट्रीटी से अमेरिका और रूस के बाहर आने से साफ है कि उनके बीच तनाव दोबारा बढ़ सकता है। साल 2019 में भी दोनों ही देश आईएनएफ (Intermediate-Range Nuclear Forces treaty -INF) संधि से अलग हो गए थे। आईएनएफ संधि साल 1987 में दोनों के बीच हुआ अहम करार मानी जाती थी। इसके तहत दोनों ने ही मध्यम दूरी के घातक हथियारों को नष्ट करने का करार किया था ताकि परमाणु हथियारों की दौड़ रोकी जा सके। हालांकि ओपन स्काई संधि और आईएनएफ संधि एक दूसरे से अलग हैं।
- विशेषज्ञों का मानना है कि इसका असर एक और लेकिन बेहद अहम संधि पर हो सकता है। 'New START' नाम की ये संधि परमाणु नियंत्रण संधि है, जो फरवरी 2021 में समाप्त होने जा रही है। अगर ऐसे में तनाव बना रहा तो संधि आगे बढ़ने की बजाए ऽत्म हो जाएगी, जिससे दुनिया में परमाणु हथियारों की रेस तेजी से चल पड़ेगी।