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Brain-booster / 15 Jul 2020

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: कानून का शासन सूचकांक (Rule of Law Index)

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यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): कानून का शासन सूचकांक (Rule of Law Index)

कानून का शासन सूचकांक (Rule of Law Index)

चर्चा का कारण

  • हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने कानून का शासन सूचकांक 2020 से संबंधित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। इस याचिका द्वारा कानून का शासन सूचकांक में भारत की निम्न स्थिति को सुधारने पर केन्द्र, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को विशेषज्ञों की समितियां गठित करने की मांग की गयी थी।

पृष्ठभूमि

  • वर्ल्ड जस्टिस प्रोजेक्ट द्वारा जारी कानून का शासन सूचकांक (रूल ऑफ लॉ इंडेक्स-2020) में भारत को 69 वाँ रैंकिंग प्रदान किया गया है।
  • रूल ऑफ लॉ इंडेक्स में, शासकीय खुलापन, मौलिक अधिकार, दीवानी और फौजदारी न्याय व्यवस्था तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश, नियमों के प्रवर्तन जैसे आठ मापदंडो पर भारत का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है।
  • इस सूचकांक में भारत को कभी भी शीर्ष 50 देशों के मध्य स्थान नहीं मिला है, इसके बावजूद भी विभिन्न सरकारों द्वारा भारत की अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार करने हेतु आवश्यक कदम नहीं उठाये गये हैं।
  • याचिका में वैकल्पिक उपाय के रूप में विधि आयोग को इस सूचकांक में शामिल शीर्ष 20 देशों की व्यवस्थाओं का अध्ययन करके भारत की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार के उपायों के बारे में सुझाव देने की मांग की गयी थी।
  • याचिका में कहा गया कि विधि का खराब शासन, जीवन, स्वतंत्रता, आर्थिक न्याय, बंधुत्व, व्यत्तिफ़गत गरिमा आदि के अधिकार तथा राष्ट्रीय एकीकरण पर हानिकारक प्रभाव डालता है।
  • विधि का खराब शासन, संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत प्रदत्त अधिकारों की भी अवमानना करता है।

न्यायालय का वक्तव्य

  • सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि यह न्यायालय के लिये उचित मामला नहीं है। पीठ ने कहा कि याचिका को सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रतिवेदन के रूप में स्वीकार किया जा सकता है। याचिका में की गई मांगों को उचित पाए जाने पर सरकार छह माह के भीतर उचित निर्णय ले सकती है।

रूल ऑफ लॉ इंडेक्स

  • यह सूचकांक एक स्वतंत्र संगठन 'वर्ल्ड जस्टिस प्रोजेक्ट' द्वारा प्रतिवर्ष जारी किया जाता है।
  • इस सूचकांक में विश्व के 128 देशों को शामिल किया गया है। इसमें किसी देश की रैंकिंग का आधार उस देश का शासकीय खुलापन, मौलिक अधिकार, दीवानी और फौजदारी न्याय व्यवस्था तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश पाने जैसे कई बिन्दुओं के आधार पर तैयार की जाती है।
  • वर्ल्ड जस्टिस प्रोजेक्ट', विधि के शासन को निम्नलििखत चार सिद्धांतों को आधार बनाकर पारिभाषित करता हैंः
  • सरकार, इसके अधिकारी तथा प्रतिनधि, विधि के अधीन उत्तरदायी हो।
  • कानूनों को अधिनियमित करने, प्रशासित करने तथा लागू करने की प्रक्रिया, सुलभ, दक्ष और निष्पक्ष हो।
  • न्याय में सक्षम, नीतिपरक, निष्पक्ष ,स्वतंत्र तथा सभी समुदायों का उचित प्रतिनिधित्व हो।
  • देश में बनाये गए कानून स्पष्ट, प्रचारित, स्थिर और निष्पक्ष हों तथा व्यत्तिफ़यों तथा संपति की सुरक्षा करने सहित मूल अधिकारों की भी रक्षा करने में समर्थ हाें।

सूचकांक के अन्य प्रमुख बिंदु

  • 128 देशों की सूची में डेनमार्क प्रथम स्थान पर रहा। नॉर्वे और फीनलैंड को क्रमशः दुसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
  • इस सूचकांक में सबसे निम्न स्थिति वेनेजुएला की रही एवं यह 128वाँ स्थान पर रहा। इसके अलावा कम्बोडिया को इस सूची में 127 स्थान प्राप्त हुआ।