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Brain-booster / 10 Aug 2020

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (विषय: सक्रिय औषधीय सामग्री पर टीआईएफएसी की रिपोर्ट (Report on Active Pharmaceutical Ingredients)

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यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): सक्रिय औषधीय सामग्री पर टीआईएफएसी की रिपोर्ट (Report on Active Pharmaceutical Ingredients)

सक्रिय औषधीय सामग्री पर टीआईएफएसी की रिपोर्ट (Report on Active Pharmaceutical Ingredients)

चर्चा का कारण

  • भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन, प्रौद्योगिकी सूचना पूर्वानुमान और मूल्यांकन परिषद (टीआईएफएसी) द्वारा हाल ही में‘सक्रिय औषधीय सामग्री- स्थिति, मुद्दे, प्रौद्योगिकी तत्परता और चुनौतियां’ शीर्षक पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई।

प्रमुख बिन्दु

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि सक्रिय औषधीय सामग्री (एपीआई) के स्वदेशी उत्पादन को उस स्तर तक बढ़ाया जाना चाहिए, जहां उत्पादन आर्थिक रूप से व्यवहार्य हो।
  • रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि भारतीय एपीआई उद्योग के लिए एक संभावित क्षेत्र जैसे एंजाइमैटिक अभिक्रियाओं या फरमेंटेशन से जुड़े मध्यवर्ती उत्पादन के लिए बॉयोकेटालाईसिस के माध्यम से काइरल और एंटीवायरल दवाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, जिनके लिए न्यूक्लिक एसिड ब्लॉक्स- थायमिडाइन/साइटोसिन एडेनिन/गुआनिन की आवश्यकता होती है।
  • रिपोर्ट में सलाह दी गई है कि रासायनिक घटकों जैसे स्टेरॉयड, अमीनो एसिड, कार्बाेहाइड्रेट, न्यूक्लियोसाइड्स आदि में काम करने वाली भारतीय कंपनियों को सरकारी प्रोत्साहन मिलना चाहिए ताकि प्रौद्योगिकी विकास और व्यावसायीकरण के लिए अकादमिक-उद्योग से करीबी संपर्क की आवश्यकता के साथ-साथ प्रौद्योगिकी विकास अथवा त्वरित प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में सहयोग दिया जा सके।
  • रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि भारतीय एपीआई उद्योग के लिए एक संभावित क्षेत्र जैसे एंजाइमैटिक अभिक्रियाओं या फरमेंटेशन से जुड़े मध्यवर्ती उत्पादन के लिए बॉयोकेटालाईसिसके माध्यम से काइरल और एंटीवायरल दवाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, जिनके लिए न्यूक्लिक एसिड ब्लॉक्स- थायमिडाइन/साइटोसिन एडेनिन/गुआनिन की आवश्यकता होती है। इनमें से किसी का भी सायनीकरणपौधों की कमी के कारण भारत में निर्माण नहीं होता हैं।
  • चीन से आयात लगातार बढ़ रहा है और अब यह लगभग 68 प्रतिशत हो गया है। इसका निराकरण करने के लिए ही, टीआईएफएसी ने हमारे देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लघु और मध्यम अवधि में एपीआई की आवश्यकता को पूरा करने के लिए नई नीतियों की सलाह दी है।

सक्रिय औषधीय सामग्री क्या है

  • सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) को आमतौर पर ‘ड्रग पदार्थ’ या ‘बल्क फार्मास्युटिकल केमिकल’ के रूप में जाना जाता है। एपीआई (API) वे रासायनिक यौगिक होते हैं जो किसी दवा के उत्पादन करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कच्चा माल होते हैं।

भारतीय दवा उद्योग

  • भारतीय दवा उद्योग जीवन रक्षक तथा आवश्यक दवाओं का उत्पादन करने के लिए चीन से आयातित होने वाले ऐक्टिव फॉर्मास्युटिकल्स इनग्रेडिएंट या एपीआई तथा इंडरमीडियेट्स पर अत्यधिक निर्भर है।
  • चीन और इटली के बाद फार्मास्युटिकल उद्योग के मामले में,भारत का व्यापार दुनिया में तीसरे स्थान पर है और मूल्य की दृष्टि से दुनिया में चौदहवें स्थान पर है। भारत के पास3,000 औषध उद्योगों का मजबूत नेटवर्क है और लगभग 10,500 विनिर्माण इकाइयां हैं । 2019 में देश में 1.4 लाख करोड़ रुपये (20.03 बिलियन अमरीकी डॉलर) के घरेलू कारोबार के साथ दुनिया के 200 से अधिक देशों को निर्यात किया गया हैं।