खबरों में क्यों?
- वाशिंगटन डीसी स्थित विश्व बैंक समूह ने 16 सितंबर, 2021 को कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) रैंकिंग के प्रकाशन को रोका जा रहा है
ईओडीबी रैंकिंग क्या है
- रैंकिंग 190 देशो की आर्थिक व्यवस्था में नियमों के स्तर को रेखांकित करती है
- यह एक व्यवसाय को शुरू करने, बनाए रखने और बंद करने के लिए आवश्यक 12 मापदंडों की तुलना करता है
- एक व्यवसाय शुरू करना, निर्माण परमिट, बिजली कनेक्शन प्राप्त करना, संपत्ति का पंजीकरण, ऋण प्राप्त करना, अल्पसंख्यक निवेशकों की रक्षा करना, करों का भुगतान करना, सीमाओं के पार व्यापार करना, अनुबंधों को लागू करना और दिवाला का समाधान करना पैरामीटर हैं
- डूइंग बिजनेस रिपोर्ट की सफलता के लिए "एनफोर्सिंग कॉन्ट्रैक्ट्स इंडिकेटर" आवश्यक है
- समय, लागत औरन्यायिक प्रक्रिया की गुणवत्ता तीन चर हैं जिन्हें विश्व बैंक ने देशों की रैंकिंग के लिए ध्यान में रखा है
रिपोर्ट का महत्व
- दुनिया भर के राष्ट्र इस सूचकांक को विशेष महत्व देते हैं
- यह सूचकांक सबसे व्यापार-अनुकूल से सबसे कम व्यापार-अनुकूल देशों की रैंकिंग को दर्शाता है
- यह रिपोर्ट बहुत प्रतिस्पर्धी और गतिशील है
- भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, ब्राजील और नाइजीरिया जैसे विकासशील देशों ने अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की तलाश में सूचकांक पर विशेष ध्यान दिया है
गलत कृत्य
- विश्व बैंक के पूर्व अध्यक्ष जिम योंग किम और पूर्व सीईओ क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने डूइंग बिजनेस टीम को चीन के डेटा का पुनर्मूल्यांकन करने का निर्देश दिया ताकि वह अपनी 78 रैंक बनाए रख सके
- डेटा हेरफेर के आरोपों के साथ जून 2020 में आंतरिक ऑडिट को सक्रिय किया गया था
- विश्व बैंक पर चीन के अनुचित प्रभाव को लेकर चिंता जताई गई
इतनी बुरी हालत में क्यों?
- जनवरी 2018 में, विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री पॉल रोमर ने घोषणा की कि पिछले चार वर्षों की रैंकिंग को सही किया जाएगा और पुनर्गणना की जाएगी
- चिली की पूर्व राष्ट्रपति मिशेल बाचेलेट के प्रशासन के दौरान,चिली को गलत तरीके से दंडित किया गया था
- पिछली समीक्षाओं और ऑडिट के निष्कर्षों के बाद, विश्व बैंक के प्रबंधन ने डूइंग बिजनेस रिपोर्ट को बंद करने का निर्णय लिया है
सरकार का रुख
- केंद्र ने इस मामले पर आधिकारिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है
- कुछ अधिकारियों को डर है कि इससे भारत के कारोबारी सुगमता के प्रयसों को बदनामी होगी
- अधिकारियों का मानना है कि यह चीन की गैर-नैतिक प्रथाओं को उजागर करने में मदद करेगा
- भारत को उम्मीद है की वैश्विक व्यापर में महवपूर्ण भूमिका निभानेवाली संस्थाए चीन से भारत में अपनी आपूर्ति श्रृंखला स्थानांतरित करेंगी
रैंकिंग की विश्वसनीयता
- इस विवाद से पहले भी ये बात सार्वजनिक थी कि इसमें कई खामियां हैं
- डेटा केवल भारत से दिल्ली और मुंबई-चीन से बीजिंग और शंघाई जैसे शहरों को ध्यान में रखता है
- इन शहरों में से बाहर , "व्यापार करने में आसानी" उल्लेखनीय रूप से भिन्न होती हैचीन की रैंकिंग में इन लूप-होल का शोषण किया गया था
कार्यप्रणाली में सुधार
विश्व बैंक के एक बाहरी पैनल ने निम्न सुझाव दिया
- "वास्तविक" व्यापार मालिकों से अधिक डेटा संग्रह
- आवश्यक सार्वजनिक सुविधाए जैसे परिवहन, संचार, कौशल कार्यबल, कानून और व्यवस्था आदि प्रदान करने के लिए सरकारी कार्यों को महत्व दें
- व्यापार करने की पारदर्शिता और निगरानी में सुधार करें
- "सरकार के साथ अनुबंध" संकेतक को और अधिक प्रासंगिक बनाएं
- "रोजगार कामगार" संकेतक को पुनर्स्थापित और सुधारें लेकिन देशों को रैंक न करें
- "अल्पसंख्यक शेयरधारकों की रक्षा" और "दिवालियापन का समाधान" संकेतकों को हटा दें
- देशों की कर दरें संकेतक नहीं होनी चाहिए
भारत के लिए ईओडीबी का महत्व
- भारत की स्थिति 2014 में 142 के निचले स्तर से उछलकर 2019 में 63वें स्थान पर पहुंच गई, जो एक अद्वितीय उपलब्धि है
- भारत का जल्द से जल्द टॉप 50 क्लब में शामिल होने का लक्ष्य
- स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय स्तरों पर व्यापार करने की स्थितियों में सुधार के लिए सरकार द्वारा व्यापक सुधार शुरू किए गए
- सरकार ने घरेलू और विदेशी दर्शकों के सामने बड़े पैमाने पर रैंकिंग की मार्केटिंग की