संविधान सभा की मांग
- पहली बार 1934 में एम. एन. रॉय ने भारत के लिए एक संविधान सभा की मांग की।
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1935 में पहली बार आधिकारिक तौर पर एक संविधान सभा की मांग की
- 1940 में "अगस्त प्रस्ताव" द्वारा, ब्रिटिश सरकार ने अंततः सैद्धांतिक रूप से मांग को स्वीकार कर लिया
- क्रिप्स मिशन 1942 में भारत आया और द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद डोमिनियन राज्य स्थिति की पेशकश की. गांधी ने क्रिप्स की पेशकश को "पोस्टडेटेड चेक जिसका बैंक नष्ट होने वाला है" कहा था
- 1946 में कैबिनेट मिशन भारत आया इसने संविधान सभा के लिए एक योजना प्रस्तुत की
संविधान सभा की संरचना
- संविधान सभा में 389 सदस्य थे. इनमें से 296 सदस्य ब्रिटिश भारत से और 93 सदस्य देशी रियासतों से थे
संविधान सभा की पहली बैठक
- संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई थी
- डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा को विधानसभा का अस्थायी अध्यक्ष चुना गया
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया था
उद्देश्य प्रस्ताव
- 13 दिसंबर 1946 को जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा में उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया
- इसने संवैधानिक संरचना के मौलिक और दर्शन को निर्धारित किया
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के कारण तीन बड़े परिवर्तन हुएः-
- संविधान सभा पूरी तरह से संप्रभु निकाय बन गई
- अब संविधान सभा को दो कार्य करने थे
- संविधान निर्माणः- इसकी अध्यक्षता डॉ राजेंद्र प्रसाद ने की थी. बाद में डॉ राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति बने
- प्रांतीय विधानमंडलः- इसकी अध्यक्षता जी वी मावलंकर ने की थी. बाद में वे भारत के लोकसभा के पहले अध्यक्ष बने
मुस्लिम लीग के सदस्य (पाकिस्तान क्षेत्रों से सम्बद्ध) भारत के लिए संविधान सभा से हट गए, अब संविधान सभा में 299 सदस्य थे, जिनमें से 229 सदस्य भारतीय प्रांतों से थे और 70 देसी रियासतों से थे
संविधान का प्रवर्तन
- 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को आंशिक रूप से लागू किया गया था
- अनुच्छेद 5, 6, 7, 8, 9, 60, 324, 366, 367, 379, 380, 388, 391, 392 और 393 को 26 नवंबर 1949 को लागू किया गया
- 26 जनवरी 1950 को शेष लेऽ लागू हुए
- "संविधान का प्रारंभ" 26 जनवरी 1950 को हुआ
संविधान सभा की समितियाँ
- संघ शक्ति कमेटी - जवाहरलाल नेहरू
- संघीय संविधान समिति - जवाहरलाल नेहरू
- प्रांतीय संविधान समिति - सरदार पटेल
- प्रारूप समिति - डॉ बी आर अम्बेडकर
- मौलिक अधिकारों, अल्पसंख्यकों एवं जनजातीयों तथा बहिष्कृत क्षेत्रों के लिए सलाहकार समिति - सरदार पटेल
- संचालन समिति - डॉ राजेंद्र प्रसाद
- प्रक्रिया समिति - डॉ राजेंद्र प्रसाद
प्रारूप समिति
- 29 अगस्त, 1947 को संविधान सभा ने प्रारूप समिति की नियुक्ति की। इसके 7 सदस्य थेः-
- डॉ बी आर अम्बेडकर (अध्यक्ष)
- एन गोपालस्वामी अय्यंगार
- अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर
- सैयद मोहम्मद सादुल्ला
- डॉ के एम मुंशी
- एन माधव राव (बी एल मित्तर की जगह)
- टी टी कृष्णमाचारी (डीपी खेतान की जगह)
21 फरवरी, 1948 को भारत के संविधान का पहला प्रारूप प्रकाशित किया गया था
संविधान का प्रभाव में आना
- भारत के संविधान का अंतिम प्रारूप 4 नवंबर, 1948 को पेश किया गया था और पहली बार वाचन हुआ था
- दूसरा वाचन 15 नवंबर, 1948 से 17 अक्टूबर 1949 तक हुआ
- तीसरा वाचन 14 नवंबर 1949 से 26 नवंबर 1949 तक हुआ 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने "भारत के संविधान" को अपनाया- इसमें एक प्रस्तावना, 22 भागों में 395 अनुछेद और 8 अनुसूचियां थी