चर्चा में क्यों?
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लाभों को रेखांकित करने के लिए सिरसा के किसानों के प्रयासों की सराहना की है। पीएम ने कहा कि यह प्रयास महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है।
योजना का उद्देश्य
- मत्स्य पालन क्षेत्र की क्षमता का सतत, जिम्मेदार, समावेशी और न्यायसंगत तरीके से दोहन करना।
- भूमि और जल के विस्तार, गहनता, विविधीकरण और उत्पादक उपयोग के माध्यम से मछली उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करना।
- पोस्ट-हार्वेस्ट, प्रबंधन और गुणवत्ता सुधार सहित मूल्य श्रृंखला का आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण करना।
- मछुआरों और मछली पालकों की आय को दोगुना करना और सार्थक रोजगार पैदा करना।
- कृषि जीवीए और निर्यात में मत्स्य पालन क्षेत्र के योगदान को बढ़ाना।
- मछुआरों और मछली पालकों के लिए सामाजिक, शारीरिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- एक मजबूत मत्स्य प्रबंधन और नियामक ढांचे का निर्माण करना।
पीएमएमएसवाई के लक्ष्य
मछली उत्पादन और उत्पादकताः
- मछली उत्पादन को 2018-19 में 13.75 मिलियन मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2024-25 तक 22 मिलियन मीट्रिक टन करना।
- जलीय कृषि उत्पादकता को 3 टन के वर्तमान राष्ट्रीय औसत से बढ़ाकर 5 टन प्रति हेक्टेयर करना।
- घरेलू मछली की खपत को 5 किलोग्राम से बढ़ाकर 12 किलोग्राम प्रति व्यक्ति करना।
आर्थिक मूल्यवर्धन (जीवीए):
- कृषि जीवीए में मात्स्यिकी क्षेत्र का योगदान 2018-19 के 7.28 प्रतिशत से बढ़कर 2024-25 तक लगभग 9 प्रतिशत करना।
- निर्यात आय 2018-19 के 46,589 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 तक 1,00,000 करोड़ रुपये करना।
- मत्स्य पालन क्षेत्र में निजी निवेश और उद्यमिता के विकास को सुविधाजनक बनाना।
- फसल कटाई के बाद के नुकसान को 20-25% से घटाकर लगभग 10% करना।
आय और रोजगार सृजन में वृद्धिः
- मूल्य शृंखला के साथ 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करना।
- मछुआरों और मछली पालकों की आय दोगुनी करना।
पीएमएमएसवाई की रणनीतिक प्राथमिकताए
मत्स्य पालन विभाग ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत निम्न रणनीतिक प्राथमिकताओं की पहचान की है।
- समुद्री मत्स्य पालनः 5.31 मिलियन टन समुद्री उत्पादन की क्षमता को अनलॉक करने के लिए, पीएमएमएसवाई निम्नलिखित में वृद्धि करेगाः-
- गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले जहाजों की संख्या,
- मौजूदा जहाजों को अपग्रेड करने में,
- यंत्रीकृत उपकरणों में जैव शौचालयों का निर्माण करने में,
- खुले समुद्री पिंजरों की स्थापना करने में।
अंतर्देशीय मत्स्य पालनः
- पीएमएमएसवाई का उद्देश्य प्रौद्योगिकी निवेश, नए मीठे पानी की हैचरी और ब्रूड बैंकों (Brood Banks) की स्थापना, नए पालन तालाबों का निर्माण, जलाशयों में पिंजरों और पेन का निर्माण करके अंतर्देशीय मत्स्य पालन का विस्तार करना, उनमे तेजी और विविधता लाना है।
मछुआरों का कल्याणः
- पीएमएमएसवाई (PMMSY) के माध्यम से, भारत सरकार सुरक्षा किट, प्रतिस्थापन नौका और जाल, मछली पकड़ने वाले जहाजों और मछुआरों के लिए बीमा, मछली पकड़ने पर प्रतिबंध और कम उत्पादन अवधि के दौरान मछुआरा परिवारों को आजीविका तथा पोषण संबंधी सहायता प्रदान करके मछुआरों और मछली किसानों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण को बढ़ावा देने का प्रयास करेगी।
बुनियादी ढांचा और पोस्ट-हार्वेस्ट प्रबंधनः
- आधुनिक मछली पकड़ने के बंदरगाहों और लैंडिंग केंद्रों को विकसित और आधुनिक बनाया जाएगा।
- मछली और मत्स्य पालन उत्पादों के प्रसंस्करण, भंडारण, मूल्य वर्धन, पैकेजिंग, परिवहन तथा विपणन के लिए अपेक्षित बुनियादी ढांचे को पूंजी और प्रौद्योगिकी निवेश के माध्यम से बढ़ाया जाएगा।
जलीय स्वास्थ्य प्रबंधनः
- जलीय जानवरों के स्वास्थ्य में सुधार और गुणवत्ता के अंतरराष्ट्रीय मानकों को सुनिश्चित करने के लिए, पीएमएमएसवाई रोग नैदानिक तथा गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं और मोबाइल क्लीनिकों की स्थापना का समर्थन करेगा।
सजावटी मत्स्य पालनः
- घरेलू मांग बढ़ाने और निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, पीएमएमएसवाई सजावटी मछली की खेती को बढ़ावा देगा।