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विषय (Topic): प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पाँच वर्ष (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana - PMFBY Completes Five Years)
चर्चा का कारण
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के पांच साल पूरे हो गए हैं। सरकार ने इस योजना को 13 जनवरी, 2016 को लागू किया था।
प्रमुख बिन्दु
- 13 जनवरी, 2016 को लॉन्च होने के बाद से अब तक इस योजना के तहत किसानों के 90,000 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया गया है। कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भी लगभग 70 लाख किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया और लाभार्थियों को 8741.30 करोड़ रुपये प्रदान किए गए।
- देश भर में किसानों को सबसे कम समान प्रीमियम पर एक व्यापक जोखिम समाधान प्रदान करने के लिए एक उल्लेखनीय पहल के रूप में इस योजना की परिकल्पना की गई थी।
- किसान के हिस्से के अतिरक्त प्रीमियम का खर्च राज्यों और भारत सरकार द्वारा समान रूप से सहायता के रूप में दिया जाता है। हालांकि, भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में दिलचस्पी बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने इस क्षेत्र में 90 प्रतिशत प्रीमियम सहायता साझा की है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
- किसानों के लिए शुरू से अंत तक जोखिम को कम करने की व्यवस्था के रूप में, योजना में बुवाई से पूर्व चक्र से लेकर कटाई के बाद तक फसल के पूरे चक्र को शामिल किया गया है, जिसमें रोकी गई बुवाई और फसल के बीच में प्रतिकूल परिस्थितियों से होने वाला नुकसान भी शामिल है।
- बाढ़, बादल फटने और प्राकृतिक आग जैसे खतरों के कारण होने वाली स्थानीय आपदाओं और कटाई के बाद होने वाले व्यत्तिफ़गत खेती के स्तर पर नुकसान को शामिल किया गया है।
- योजना की कुछ प्रमुख विशेषताओं में किसानों का आसानी से नाम लिखने के लिए पीएमएफबीवाई पोर्टल, फसल बीमा मोबाइल ऐप को भूमि रिकॉर्ड से जोड़ना, फसल नुकसान का आकलन करने के लिए सैटेलाइट इमेजरी, रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी, ड्रोन, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल शामिल है।
- यह योजना फसल बीमा ऐप, सीएससी केंद्र या निकटतम कृषि अधिकारी के माध्यम से किसी भी घटना के होने के 72 घंटों के भीतर किसान के लिए फसल नुकसान की रिपोर्ट करना आसान बनाती है।
- लगातार सुधार लाने के प्रयास के रूप में, इस योजना को सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक बनाया गया था, फरवरी 2020 में इसमें सुधार किया गया।
- PMFBY में प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब हुई फसल के मामले में बीमा प्रीमियम को बहुत कम रखा गया है। इससे PMFBY तक हर किसान की पहुंच बनाने में मदद मिली है। PMFBY योजना वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए भी बीमा सुरक्षा प्रदान करती है। इसमें हालांकि किसानों को 5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। भारतीय कृषि बीमा कंपनी (एआईसी या AIC) इस योजना को चलाती है।
किसान कल्याण मंत्रालय के कार्य
- कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने योजना के बारे में किसानों में जागरूकता
पैदा करने के लिए कई कदम उठाए हैं। मंत्रालय और राज्य कृषि विभागों के सहयोग से
विभिन्न बीमा कंपनियों ने देश भर
में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है। विभिन्न गतिविधियों जैसे कि स्थानीय स्तर पर जागरूकता अन्य लोगों के बीच जनसंचार माध्यमों से व्यापक अभियान, जमीनी स्तर पर जागरूकता पैदा करने के लिए संचालित किए जा रहे हैं। - सभी किसानों को अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल के नुकसान से सुरक्षा के रूप में फसल बीमा का लाभ उठाने के लिए पीएमएफबीवाई के तहत नामांकन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।