गतिशक्ति- राष्ट्रीय मास्टर प्लान
- पीएम नरेंद्र मोदी ने 13 अक्टूबर 2021 को मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने और लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने के उद्देश्य से बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की।
पीएम गतिशक्ति का उद्देश्य
- पीएम गतिशक्ति का उद्देश्य विभागीय साइलो को तोड़ना है।
- यह बहु-मोडल कनेक्टिविटी और अंतिम-मील कनेक्टिविटी के मुद्दों को संबोधित करने की दृष्टि से परियोजनाओं की अधिक समग्र और एकीकृत योजना तथा निष्पादातित करने का प्रयास करता है।
योजनाकार और जनादेश
- कैबिनेट सचिव और 18 मंत्रालयों के सचिवों की अध्यक्षता में सचिवों का एक अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएस) का गठन किया जाएगा।
- वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के रसद प्रभाग के प्रमुख समूह के सदस्य संयोजक के रूप में कार्य करेंगे।
- ईजीओएस को रसद दक्षता सुनिश्चित करने के लिए प्रधान मंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) के कार्यान्वयन की समीक्षा और निगरानी करने के लिए अनिवार्य किया गया है। इसे एनएमपी में बाद में कोई भी संशोधन करने के लिए रूपरेखा और मानदंड निर्धारित करने का अधिकार है
कुशल नीति निर्माण
- आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) के गठन, संरचना और संदर्भ की शर्तों को भी मंजूरी दे दी है जिसमें संबंधित बुनियादी ढांचा मंत्रालयों के नेटवर्क योजना विंग के प्रमुख शामिल हैं और यह ईजीओएस की सहायता करेगा। एनपीजी को लॉजिस्टिक्स डिवीजन में स्थित एक तकनीकी सहायता इकाई (टीएसयू) द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी
योजना के मुख्य स्तंभ हैं
1- व्यापकताः इसमें एक केंद्रीकृत पोर्टल में विभिन्न मंत्रालयों तथा विभागों की सभी मौजूदा और नियोजित पहलों का विवरण शामिल होगा।
अब परियोजनाओं के व्यापक नियोजन और निष्पादन के क्रम में महत्वपूर्ण डेटा का आदान - प्रदान करते हुए प्रत्येक विभाग को एक- दूसरे की गतिविधियों से अवगत रहने की सुविधा होगी।
2- प्राथमिकताः इसके माध्यम से विभिन्न विभाग विविध क्षेत्रों से संबंधित पारस्परिक व्यवहार के जरिए अपनी परियोजनाओं को प्राथमिकता देने में सक्षम होंगे।
3- अधिकतम उपयोगः यह राष्ट्रीय मास्टर प्लान महत्वपूर्ण खामियों की पहचान के बाद विभिन्न परियोजनाओं की योजना बनाने में विभिन्न मंत्रालयों की सहायता करेगा।
माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए, यह मास्टर प्लान समय और लागत की दृष्टि से अधिकतम उपयोगी मार्ग चुनने में मदद करेगा।
4- सामंजस्यीकरणः अलग-अलग मंत्रालय और विभाग अक्सर एक-दूसरे से अलग-थलग होकर काम करते हैं। परियोजनाओं के नियोजन एवं क्रियान्वयन को लेकर उनके बीच समन्वय का अभाव होता है जिसके परिणामस्वरूप विलम्ब होता है। पीएम गतिशक्ति प्रत्येक विभाग की गतिविधियों के साथ-साथ शासन- प्रणाली की विभिन्न परतों के बीच काम का समन्वय सुनिश्चित करके उनके बीच समग्र रूप से सामंजस्य स्थापित करने में मदद करेगी।
5- गतिशीलताः सभी मंत्रालय और विभाग अब जीआईएस प्लेटफॉर्म के माध्यम से विविध क्षेत्रों से संबंधित परियोजनाओं की प्रगति की परिकल्पना, समीक्षा और निगरानी करने में सक्षम होंगे, क्योंकि उपग्रह इमेजरी समय-समय पर धरातल पर होने वाली प्रगति की जानकारी देगी और उसके अनुरूप परियोजनाओं की प्रगति से संबंधित जाकारी को नियमित रूप से पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा। यह कदम इस मास्टर प्लान को आगे बढ़ाने और उसे अपडेट करने से संबंधित महत्वपूर्ण उपायों की पहचान करने में मदद करेगा।