खबरों में क्यों?
- 23 फरवरी को, राजस्थान सरकार ने 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद सेवा में
शामिल हुए सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली की घोषणा की।
घोषणा के कारण, राज्य में नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) को
बंद कर दिया जाएगा। राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ ने भी पुरानी पेंशन योजना की बहाली की घोषणा की।
पुरानी पेंशन योजना के बारे में
- पुरानी पेंशन योजना को परिभाषित पेंशन लाभ योजना के रूप में भी जाना जाता है।
- योजना सेवानिवृत्ति के बाद, आजीवन आय का आश्वासन देती है।
- आमतौर पर सुनिश्चित राशि अंतिम आहरित वेतन के 50% के बराबर होती है।
- पेंशन पर होने वाले खर्च को सरकार वहन करती है।
- योजना 2004 में बंद कर दी गई थी।
नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के बारे में
- प्रधानमंत्री वाजपेयी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 2003 में पुरानी पेंशन योजना को बंद करने का निर्णय लिया और एनपीएस की शुरुआत की गयी।
- यह योजना 1 अप्रैल 2004 से केंद्र सरकार की सेवा (सशस्त्र बलों को छोड़कर) में शामिल होने वाले सभी नए कार्मिको पर लागू है।
- एनपीएस की शुरूआत पर, केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 में संशोधन किया गया था।
- यह एक ऐसी योजना है, जहां कर्मचारी अपने वेतन से अपने पेंशन कोष में सरकार के बराबर का अंशदान करते हैं।
- निधियों का निवेश, पेंशन निधि प्रबंधकों के माध्यम से निर्धारित निवेश योजनाओं में किया जाता है।
- सेवानिवृत्ति के समय, वे कुल राशि का 60% निकाल सकते हैं, जो कर-मुक्त है और शेष 40% एनुयुटिस में निवेश किया जाता है, जिस पर कर लगता है।
- इसके दो घटक हो सकते हैं - टियर I और II
- टियर II एक स्वैच्छिक बचत खाता है जो निकासी के मामले में नम्यता प्रदान करता है, तथा टियर I खाते के विपरीत, किसी भी समय आहरण किया जा सकता है।
- निजी क्षेत्र में कार्यरत व्यक्ति इस योजना को चुन सकते हैं।
2019 में पेश किए गए बदलाव
- 2019 में वित्त मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के पास अपने टियर 1 खाते में पेंशन फंड (पीएफ) और निवेश पैटर्न चुनने का विकल्प है।
- डिफॉल्ट पेंशन फंड मैनेजर एलआईसी पेंशन फंड लिमिटेड, एसबीआई पेंशन फंड प्राइवेट लिमिटेड और यूटीआई रिटायरमेंट सॉल्यूशंस लिमिटेड एक पूर्वनिर्धारित अनुपात में हैं।
बाजार से जुड़े सरकारी कर्मचारियों के धन का प्रबंधन करने के लिए नियामक प्राधिकरण
- पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधि करण (पीएफआरडीए) एनपीएस के लिए नियामक है।
- पेंशन फंड की योजनाओं के अभिदाताओं के हितों की रक्षा के लिए पेंशन फंड विकसित करके वृद्धावस्था आय सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए पीएफआरडीए अधि नियम, 2013 के माध्यम से पीएफआरडीए की स्थापना की गई थी ।
ग्राहक आधार के बारे में
- 28 फरवरी को, 22.74 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और 55.44 लाख राज्य सरकार के कर्मचारी एनपीएस के तहत नामांकित थे।
सरकार के नवीनतम दिशा- निर्देश
- कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने 24 मार्च को संसद को सूचित किया कि भारत सरकार के विचाराधीन केंद्र सरकार के सिविल कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
- केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि रिटर्न का बाजार से जुड़ा होना एनपीएस की एक बुनियादी विशेषता है।
- पेंशन एक दीर्घकालिक उत्पाद होने के कारण अल्पावधि में अस्थिरता के बावजूद, निवेश को अच्छे रिटर्न देने में सक्षम बनाता है।
- पीएफआरडीए द्वारा निर्धारित विवेकपूर्ण दिशा-निर्देश, कठोर प्रक्रिया के माध्यम से चुने गए पेशेवर फंड मैनेजरों के कौशल, और विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों (इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड, सरकारी प्रतिभूतियों) में परिसंपत्ति आवंटन का विकल्प, अल्पकालिक अस्थिरता के बावजूद, सब्सक्राइबर के संचय को लंबी अवधि में बढ़ने में सक्षम बनाता है।