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Brain-booster / 13 Sep 2020

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (विषय: पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच मतभेद एवं भारत (Pakistan and Saudi Arabia Drifting Apart)

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यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच मतभेद एवं भारत (Pakistan and Saudi Arabia Drifting Apart)

पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच मतभेद एवं भारत (Pakistan and Saudi Arabia Drifting Apart)

चर्चा का कारण

  • जम्मू और कश्मीर को लेकर पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच दरार देखने को मिल रही है। हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सऊदी अरब का दौरा किया, लेकिन प्रतिनिधिमंडल को क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ बैठक करने की अनुमति नहीं मिली। इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर पर समर्थन हासिल करने के लिए चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की है।

सऊदी अरब-पाकिस्तान का आर्थिक

  • भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध के दौरान सऊदी अरब और पाकिस्तान के आर्थिक बहुत गहरे थे। उस समय की रिपोर्टो के अनुसार सऊदी अरब ने भारतीय कार्यवाई को मानवीय मूल्योंं के ख़िलाफ़ विश्वासघाती और खतरनाक बताया था। एक रिपोर्टर के अनुसार, 1971 के युद्ध के दौरान सऊदी अरब ने पाकिस्तान को लगभग 75 लड़ाकू जहाज के साथेहथियार और अन्य उपकरण उपलब्ध कराए थे।
  • 1971 के युद्ध के बाद, सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 1977 तक अमेरिका से F-16 लड़ाकू जहाज, हार्पून मिसाइलें व हथियार खरीदने के लिए लगभग 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण दिया।
  • पाकिस्तान द्वारा परमाणुु परीक्षण के बाद लगे अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच सऊदी अरब ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास किया । पिछले दो दशकों में सऊदी अरब ने आर्थिक कठिनाई की स्थिति में पाकिस्तान को विलंबित भुगतान पर तेल उपलब्ध कराया है।
  • वर्ष 1990 में इराक के कुवैत पर आक्रमण के दौरान पाकिस्तान ने सऊदी अरब की रक्षा के लिये अपनी थल सेना भेजी थी।

पाकिस्तान-सऊदी अरब के बीच मतभेद के मुद्दे

  • वर्ष 2015 में पाकिस्तान की संसद ने यमन में अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार को बहाल करने के सऊदी सैन्य प्रयास का समर्थन न करने का फैसला किया।
  • पुलवामा आतंकी हमलेे के बाद फरवरी 2019 में अमेरिका सहित सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने विंग कमांडर अभिनन्दन को छोड़ने के लिये पाकिस्तान पर दबाव बनाया। सऊदी क्राउन प्रिंस ने उस समय पाकिस्तान और भारत का दौरा किया, और यह स्पष्ट किया कि वे आर्थिक अवसरोंं को महत्व देते हैं।
  • पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि ओआईसी ने भारत के ख़िलाफ़ पाकिस्तान का समर्थन करने में नतृत्व की भूमिका नहीं निभाई थी। इससे नाराज होकर सऊदी अरब ने जो नवंबर 2018 में सऊदी अरब ने पाकिस्तान के लिए 6.2 बिलियन डॉलर के ऋण पैकेज की घोषणा की थी, को 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण की वापस किये जाने की मांग की और विलम्बित भुगतान पर पाकिस्तान को तेल बेचने से इंकार कर दिया। इसके प्रतिक्रिया स्वरूप पाकिस्तान ने तुरंत 1 बिलियन डॉलर सऊदी अरब को लौटाए, जिससे दोनों देशों के बीच दरार दिखाई दी।

सऊदी अरब और भारत

  • पिछले साल, भारत द्वारा कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद, पाकिस्तान ने भारत के इस कदम की निंदा के लिए ओआईसी के साथेसाथेसऊदी अरब के समर्थन की उम्मीद की थी किन्तुु, सऊदी अरब और यूएई ने ऐसे बयान जारी किए जो पाकिस्तान की उम्मीदो पर खरेे नहीं उतरे।
  • सऊदी अरब की स्थिति में बदलाव एक प्रमुख कारण या है कि इसकी अर्थव्यवस्था तेल पर निर्भर करती है और सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापार साझेदाऱ (चीन, अमेरिका और जापान के बाद) और ऊर्जा का एक बड़ा स्त्रोत है। भारत अपनी कच्चे तेल की आवश्यकता का लगभग 18% सऊदी अरब से आयात करता है। सऊदी अरब भारत के लिए एलपीजी का भी एक प्रमुख स्रोत है। इस कारण सऊदी अरब भारत को एक मूल्यवान भागीदार के रूप में देखता है।
  • अमेरिकी दबाव को देखते हुए भारत द्वारा ईरान से तेल के आयात को स्थगित करने के बाद भारत के लिये सऊदी अरब का महत्त्व काफी बढ़ गया है।

चीन की भूमिका

  • पाकिस्तान और चीन ने खुद को ष्सभी मौसम के सहयोगी (All weather allies) कहा है। पिछले एक साल में बीजिंग ने कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन किया है साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तीन बार इस मुद्दे को उठाया है।
  • चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे में पाकिस्तान सबसे बड़ा़ लाभार्थी है। सऊदी अरब ने भी सीपीईसी परियोजनाओ में 10 बिलियन डॉलर का निवेश किया है, लेकिन पाकिस्तान अब कूटनीतिक और आर्थिक समर्थन के लिए बीजिंग की ओर देखता है।