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विषय (Topic): राष्ट्रीय बालिका दिवस 2021 (National Girl Child Day 2021)
चर्चा का कारण
- हाल ही में पूरे देश में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया। राष्ट्रीय बालिका दिवस हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है।
- इसकी शुरुआत वर्ष 2008 में महिला और बाल विकास मंत्रालय तथा भारत सरकार द्वारा की गई थी।
राष्ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्य
- इसका लक्ष्य राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाए जाने के मुख्य रूप से तीन उद्देश्य हैं-
- बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने के साथ ही बालिकाओं की शिक्षा, उनके स्वास्थ्य व पोषण के महत्व को लेकर जागरूकता फैलाना है।
- विभिन्न अत्याचारों और असमानताओं के बारे में बात करना, जो लड़कियों को अपने दैनिक जीवन में सामना करना पड़ता है
- लड़कियों के शिक्षा और स्वास्थ्य का महत्व समझाने तथा इसे बढ़ावा देने हेतु
सरकारी प्रयास
- भारत सरकार ने ऐसी कई पहल की है, जो शिक्षा तक पहुंच, बेहतर स्वास्थ्य और लिंग संवेदनशीलता में सुधार सहित बालिकाओं के सशक्तिकरण पर केन्द्रित हैं।
- शिक्षा, खेल, कौशल विकास मंत्रालय जैसे भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने बालिकाओं की प्रगति और सशक्तिकरण के लिए विभिन्न पहल और कार्यक्रम लागू किए हैं।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 में बालिकाओं के विकास पर केन्द्रित ‘लिंग समावेशन कोष’ (Gender Inclusion Fund) पेश किया गया है।
- एनईपी में कहा गया है कि भारत सरकार सभी बालिकाओं को गुणवत्तापूर्ण और समान शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए "लिंग समावेशन कोष" की स्थापना करेगी।
- इस कोष के माध्यम से स्कूली पढ़ाई में बालिकाओं का 100 प्रतिशत नामांकन और उच्च शिक्षा में एक रिकॉर्ड भागीदारी दर, सभी स्तरों पर लिंग असमानता में कमी, लिंग समानता का पालन और समाज में समावेशन तथा सकारात्मक नागरिक संवाद के माध्यम से बालिकाओं की नेतृत्व क्षमता में सुधार पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
- स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग (शिक्षा मंत्रालय) द्वारा स्कूली शिक्षा के लिए एक एकीकृत योजना ‘समग्र शिक्षा’ का कार्यान्वयन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत बालिकाओं की शिक्षा पर केन्द्रित कई कदम उठाए गए हैं।
- स्कूली शिक्षा में हर स्तर पर लिंग और सामाजिक श्रेणी से जुड़ी खामियों को दूर करना ‘समग्र शिक्षा’ के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है।
योजनाओं का लाभ
- खेलों में महिलाओं के लिए जागरूकता का माहौल तैयार किया और खेलों में सक्रिय भागीदारी के लिए बालिकाओं को प्रेरित किया गया साथ ही खेलो इंडिया योजना के तहत खेल गतिविधियों में बालिकाओं और महिलाओं के सामने आने वाली बाधाओं को सीमित किया गया है जिससे 2018 से 2020 के बीच खेलो इंडिया गेम्स में महिलाओं की भागीदारी में 161 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
- इसी प्रकार कौशल विकास मंत्रालय द्वारा भारत में महिलाओं को कुशल बनाने के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया गया है जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप प्रोत्साहन योजना (एनएपीएस) में, महिला अप्रेंटिसों की भागीदारी अगस्त, 2016 की 4 प्रतिशत की तुलना में दिसंबर, 2020 में बढ़कर 12 प्रतिशत हो गई है।