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विषय (Topic): मैरीटाइम इंडिया समिट 2021 (Maritime India Summit 2021)
चर्चा का कारण
- हाल ही में मैरीटाइम इंडिया समिट-2021 (Maritime India Summit-2021) का उद्घाटन किया गया है।
प्रमुख बिन्दु
- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मैरीटाइम इंडिया समिट-2021 (Maritime India Summit-2021) का उद्घाटन किया है।
- इस अवसर पर भारतीय प्रधानमंत्री ने विश्व को भारत में आने और भारत की विकास गति का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि भारत समुद्री क्षेत्र में प्रगति के लिए उल्लेखनीय प्रयास कर रहा है और विश्व की एक अग्रणी ब्लू इकोनॉमी के रूप में उभर रहा है।
- उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के उन्नयन तथा ईज ऑफ डूईंग बिजनेस को बढ़ावा देने जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत का लक्ष्य ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को मजबूत बनाना है।
भारत में बंदरगाहों का उन्नयन
- भारत सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में बंदरगाहों के विकास हेतु काफी निवेश किया है।
- भारत में प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता वर्ष 2014 में 870 मिलियन टन थी उसे बढ़ाकर अब 1550 मिलियन टन कर दिया गया है।
- भारतीय बंदरगाहों में अब डाइरेक्ट पोर्ट डिलीवरी, डाइरेक्ट पोर्ट एंट्री और उन्नत पोर्ट कम्युनिटी सिस्टम (पीसीएस) जैसे उपाए किए गए हैं ताकि डेटा का सरल प्रवाह बना रहे।
- इसके अलावा, भारतीय बंदरगाहों में आने वाली और बाहर जाने वाली कार्गाे के लिए प्रतीक्षा समय कम कर दिया है।
- वधावन पारादीप और कांडला में दीनदयाल बंदरगाह में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ मेगा बंदरगाहों को विकसित किया जा रहा है।
- भारत सरकार ने वर्ष 2016 में बंदरगाह विकास को बढ़ावा देने हेतु सागरमाला परियोजना की घोषणा की थी। इस कार्यक्रम के तहत लगभग 6 लाख करोड़ रुपये की लागत से 574 से अधिक परियोजनाओं की 2015 से 2035 के दौरान कार्यान्वयन के लिए पहचान की गई है।
ब्लू इकोनॉमी के क्षेत्र में अन्य सरकारी प्रयास
- घरेलू जलमार्ग: घरेलू जलमार्ग माल ढुलाई के लिए सस्ते आरै पयार्वरण के अनुकूल परिवहन साधन होते हैं भारत सरकार का लक्ष्य 2030 तक 23 जलमार्गों को चालू करने का है। इसके अतिरिक्त, सरकार द्वारा कोच्चि, मुंबई, गुजरात और गोवा जैसे प्रमुख राज्यों और शहरों में शहरी जल परिवहन प्रणालियां शुरू करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।
- प्रकाश स्तंभः वर्तमान में भारत की विशाल तटरेखा पर लगभग 189 प्रकाश स्तंभ हैं भारत सरकार ने 78 प्रकाश स्तम्भों के आसपास की भूमि पर पर्यटन विकसित करने के लिए एक कार्यक्रम तैयार किया है। इस पहल का प्रमुख उद्देश्य मौजूदा प्रकाश स्तंभों का विकास करना और इनके आसपास के क्षेत्रों को विशिष्ट समुद्री पर्यटन स्थलों में विकसित करना है।
- बदंरगाह, नौवहन आरै जलमार्ग मंत्रालयः हाल ही में भारत सरकार ने शिपिगं मंत्रालय को बदंरगाह, नौवहन आरै जलमार्ग मंत्रालय का नया नाम देकर समुद्री क्षेत्र के दायरे का विस्तार किया है ताकि इस क्षेत्र में समग्रता से विकास हो सके। उल्लेखनीय है कि बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने लगभग 400 निवेश योग्य परियोजनाओं की एक सूची तैयार की है। इन परियोजनाओं में 31 बिलियन डॉलर या 2.25 लाख करोड़ रुपये की निवेश क्षमता है।
- घरेलू जहाज निर्माण आरै जहाज मरम्मत बाजारः भारत सरकार घरेलू जहाज निर्माण आरै जहाज मरम्मत बाजार पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है घरेलू जहाज निर्माण को प्रोत्साहित करने हेतु भारतीय शिपयार्ड के लिए जहाज निर्माण वित्तीय सहायता नीति को मंजूरी दी गई है। जहाजों की मरम्मत करने वाले क्लस्टरों को 2022 तक दोनों तटों (पूर्वी व पश्चिमी) के साथ विकसित किया जाएगा।
- मैरीटाइम इंडिया विजन-2030: भारत सरकार ने मैरीटाइम इंडिया विजन-2030 को घोषित किया है यह सरकार की प्राथमिकताओं को रेखांकित करता है।
- मर्केटाइल मरीन डामे ने अवेयरनेस सेंटर: हाल ही में भारत सरकार द्वारा मर्केटाइल मरीन डामे ने अवेयरनेस सेंटर की भी शुरुआत की गई है यह समुद्री सुरक्षा, खोज और बचाव क्षमताओं तथा समुद्री पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने हेतु एक सूचना प्रणाली है।
- वेल्थ फ्रामॅ वेस्ट: भारत सरकार ‘वेल्थ फ्रामॅ वेस्ट’ के सृजन हेतु घरेलू जहाज रिसाइक्लिगं उद्यागे को भी बढा़वा दे रही है भारत ने जहाज रिसाइक्लिगं अधिनियम, 2019 को लागू किया है और हांगकांग अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन के बारे में सहमति व्यक्त की है।
- द्वीप बुनियादी ढांचे आरै इकोसिस्टम का समग्र विकासः भारत सरकार द्वीपीय बुनियादी ढांचे आरै इकोसिस्टम के समग्र विकास पर ध्यान दे रही है
- समुद्री क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा: भारत सरकार समुद्री क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयागे को बढा़वा देने हेतु उल्लेखनीय प्रयास कर रही है सरकार देश के सभी प्रमुख बंदरगाहों पर सौर और पवन-आधारित बिजली प्रणाली स्थापित करने की प्रक्रिया में है। सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक भारत के सभी बंदरगाहों पर खपत होने वाली कुल ऊर्जा का 60 प्रतिशत से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा का हिस्सा हो।