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28 Aug 2022
यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक को लोकसभा ने दिया कानूनी दजा (Lok Sabha gave legal status to the National Anti-Doping Bill)
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में लोकसभा द्वारा पिछले कुछ वर्षों से लंबित राष्ट्रीय डोपिंग रोधी
एजेंसी और राष्ट्रीय डोप जांच प्रयोगशाला से जुड़े राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी
विधेयक, 2021 को मंजूरी प्रदान कर दी गयी।
- एंटी डोपिंग कानून बनने के साथ ही भारत अब अमेरिका, चीन, ऑस्ट्रेलिया और
जापान जैसे देशों की सूची में शामिल हो गया है।
विधेयक की मुख्य विशेषताएँ:
डोपिंग पर प्रतिबन्धः
- यह विधेयक सभी खेलों, एथलीटों, एथलीट सपोर्ट कर्मियों और अन्य व्यत्तिफ़यों
के बीच डोपिंग को पूरी तरह से प्रतिबंधित करेगा।
उल्लंघन की सजाः
- डोपिंग रोधी नियम के उल्लंघन की स्थिति में खिलाड़ी को अयोग्य ठहराया जा सकता
है, जिसमें उस खिलाड़ी के पदक, अंक और पुरस्कार तो वापस लिए जा सकते हैं, साथ ही
उसे निर्धारित अवधि या आजीवन भर के लिए अयोग्य भी घोषित किया जा सकता है।
वैधानिक स्वरुप:
- राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह एजेंसी एक वैधानिक निकाय बन जायेगी।
- इसकी अध्यक्षता के लिए केंद्र सरकार महानिदेशक की नियुक्त करेगी।
इसके कार्यः
- एंटी डोपिंग गतिविधियों के लिए योजना बनाना, उनको लागू करना और उनकी निगरानी
करना।
- एंटी डोपिंग नियमों के उल्लंघन की जांच करना एंटी डोपिंग अनुसंधान को बढ़ावा
देना।
राष्ट्रीय एंटी डोपिंग बोर्डः
- एंटी डोपिंग से जुड़ी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के अनुपालन करने, एंटी
डोपिंग को विनियमित करने तथा सरकार की सलाहकारी सिफारिशों को लागू करने के लिये
खेल क्षेत्र में राष्ट्रीय डोपिंग रोधी बोर्ड की स्थापना का प्रावधान है।
- यह बोर्ड एजेंसी की गतिविधियों की निगरानी के साथ उसे निर्देशित भी करेगा।
- केंद्र सरकार डोपिंग रोधी मामलों की जांच के लिए देशभर में राष्ट्रीय डोप
परीक्षण प्रयोगशालाएँ स्थापित करेगी।
राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी विधेयक, 2021 से लाभः
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहतर हो जाएगा।
- खिलाड़ियों को डोप मुक्त बनाया जा सकेगा।
- खिलाड़ियों के डोपिंग टेस्ट के लिए अन्य देशों पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी।
- विश्वभर में भारत की साख बढ़ेगी।
- इससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ को बल मिलेगा।
- डोप परीक्षण प्रयोगशालाओं की व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
- पूरे भारत, खासकर ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ियों को अधिक प्रोत्साहन मिलेगा।
- भारत द्वारा नवंबर 2007 में अनुमोदित खेल में डोपिंग के विरुद्ध संयुक्त
राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन संबंधी अंतर्राष्ट्रीय समझौता
लागू हो जायेगा।
- अब नाडा (NADA) को मामलों की जांच और कार्रवाही करने का अधिकार मिल जायेगा।
डोपिंग क्या है?
- डोपिंग से मतलब ऐसे मादक पदार्थों या नशीली दवाओं से है जिनको प्रतियोगी
खेलों में खिलाड़ियों द्वारा इस्तेमाल करने पर पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया
है।
- इसके इस्तेमाल से न केवल खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि
उस देश की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छवि भी धूमिल होती है।
राष्ट्रीय एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा)
- यह एक ऐसा उत्तरदायी राष्ट्रीय संगठन है जो सभी खेलों में डोपिंग विरोधी
गतिविधियों को नियंत्रित, समन्वय और निगरानी करने का काम करता है।
- इस एजेंसी का गठन 24 नवंबर, 2005 को सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत
किया गया था।
- वर्तमान में इसके अध्यक्ष श्री नलिन कोहली जबकि उपाध्यक्ष श्री अभिनव
मुखर्जी हैं।
- उद्देश्य- डोपिंग विरोधी नियम लागू करना,
- डोप नियंत्रण कार्यक्रम को विनियमित करना,
- शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देना,
- डोपिंग से जुड़े मामलों के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना।
विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा)
- इस एजेंसी की स्थापना वर्ष 1999 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा की
गयी थी इसका मुख्यालय- मॉन्ट्रियल, कनाडा में है।
- वर्तमान अध्यक्ष- क्रेग रीडी (ब्रिटेन)।
- ईमानदारी, जवाबदेही और उत्कृष्टता सुनिश्चित करना इस एजेंसी के मुख्य मूल्य
हैं।
- इसकी प्रमुख कार्य- वैज्ञानिक अनुसंध शन, शिक्षा, एंटी-डोपिंग क्षमताओं का
विकास करना और विश्व एंटी-डोपिंग संहिता (कोड) की निगरानी करना।
- विश्व एंटी-डोपिंग संहिता यह सभी खेलों एवं देशों में डोपिंग विरोधी नीतियों
का प्रमुख दस्तावेज है।