चर्चा में क्यों?
- कुनमिंग-मॉन्ट्रियल ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क (जीबीएफ) 19 दिसंबर, 2022 को 15वें कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी15) में यूएन कन्वेंशन ऑन बायोलॉजिकल डायवर्सिटी (सीबीडी) द्वारा अनुमोदित किया गया। यह फ्रेमवर्क 23 लक्ष्यों को निर्धारित करता है जिन्हें वैश्विक समुदाय को 2030 तक पूरा करना होगा। ये लक्ष्य, 2050 के लिए समग्र लक्ष्यों की दिशा में मील के पत्थर के रूप में कार्य करेंगे।
बैठक के बारे में:
- बैठक दो भागों में आयोजित की गई, पहले इसे कुनमिंग, चीन में आयोजित किया जा रहा था तथा इसका दूसरा भाग मॉन्ट्रियल, कनाडा में संपन्न हुआ।
- कुनमिंग को COP-15 की पूरी बैठक आयोजित करनी थी लेकिन, चीन में कोविड की स्थिति अनुकूल नहीं होने के कारण, यह केवल एक हाइब्रिड बैठक आयोजित कर सका और सम्मेलन को अंततः मॉन्ट्रियल में स्थानांतरित कर दिया गया।
- फिर भी, सम्मेलन चीन की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था।
- कुल 196 देशों ने 2030 तक 30% विश्व प्रकृति की रक्षा के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए है
बैठक के प्रमुख बिंदुः
1. 30-बाय-30 डीलः
- यह 2030 तक दुनिया की कम से कम 30 प्रतिशत भूमि, महासागरों और तटीय क्षेत्रों की रक्षा करने की प्रतिबद्धता देती है।
- साथ ही साथ यह भी सुनिश्चित करना चाहती है कि 2030 तक कम से कम 30 प्रतिशत खराब भूमि या समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र पर बहाली गतिविधियां शुरू हो जाएं।
2. प्रकृति के लिए धनः
- हस्ताक्षरकर्ताओं का लक्ष्य यह सुनिश्चित करता कि $200 बिलियन प्रति वर्ष सार्वजनिक और निजी स्रोतों से संरक्षण पहलों के लिए दिया जाए।
- अमीर देशों को 2025 तक हर साल कम से कम 20 अरब डॉलर और 2030 तक कम से कम 30 अरब डॉलर का योगदान देने की बात कहीं गई।
3. बड़ी कंपनियां जैव विविधता पर प्रभाव की करेंगी रिपोर्टः
- पार्टियों ने बड़ी कंपनियों और वित्तीय संस्थानों को उनके संचालन, आपूर्ति श्रृंखला और पोर्टफोलियो के बारे में खुलासा करने के लिए ‘आवश्यकताओं’ के अधीन होने पर सहमति व्यक्त की।
4. हानिकारक सब्सिडी, प्रदूषण और कीटनाशकः
- देश उन प्रोत्साहनों को कम करने पर सहमत हुए जो 2030 तक प्रति वर्ष कम से कम $500 बिलियन जैव विविधता को कम करते हैं और संरक्षण के लिए सकारात्मक प्रोत्साहनों को बढ़ाते हैं।
- यह समझौता कीटनाशकों के उपयोग को दो-तिहाई तक कम करने और प्रदूषण के नकारात्मक प्रभावों को उस स्तर तक कम करने के प्रयास की बात करता है जो प्रकृति के लिए हानिकारक नहीं हैं।
जैव विविधता सम्मेलनः
- CBD 1992 के रियो पृथ्वी शिखर सम्मेलन का परिणाम स्वरूप स्थापित किया गया था, जैसा कि UNFCCC और CCD (कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन) को किया गया।
- यह सम्मेलन केवल पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण और बहाली के बारे में नहीं है, यह संसाधनों के सतत उपयोग और इन संसाधनों के उपयोग से समान लाभ साझा करने के बारे में भी है।
- इसने दो पूरक समझौतों को जन्म दिया हैः
- 2003 का कार्टाजेना प्रोटोकॉल।
- 2014 का नागोया प्रोटोकॉल।
- कार्टाजेना प्रोटोकॉल आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों की सुरक्षित हैंडलिंग, परिवहन आदि सुनिश्चित करके जैव विविधता की रक्षा करना चाहता है।
- नागोया प्रोटोकॉल जैविक और आनुवंशिक संसाधनों के व्यावसायिक उपयोग से संबंधित है।
निष्कर्षः
- यह पहली बार नहीं है कि सीबीडी में देशों ने जैव विविधता की रक्षा के लिए लक्ष्यों को सूचीबद्ध किया है। इसी तरह के लक्ष्यों को 2010 में एची लक्ष्य के माध्यम से हासिल किया जाना था, और रिपोर्ट के मुताबिक उनमें से कोई भी हासिल नहीं किया गया था। जैव विविधता का संरक्षण ‘साझा लेकिन विभेदित जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं’ (CBDR) पर आधारित होना चाहिए ताकि विकासशील देशों पर ही इसका बोझ न पड़े। लक्ष्य निर्धारित करना बहुत मददगार और महत्त्वपूर्ण हो सकता है यदि उनका कार्यान्वयन सुनिश्चित और प्रभावी हो।