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विषय (Topic): कामधेनु दीपावली अभियान (Kamdhenu Deepavali Campaign)
चर्चा का कारण
- राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (आरकेए) ने इस साल दीपावली के अवसर पर ‘कामधेनु दीपावली अभियान’ मनाने का फैसला किया है।
क्या है कामधेनु दीपावली अभियान?
- राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (आरकेए) का लक्ष्य इस वर्ष दीपावली त्योहार के दौरान 11 करोड़ परिवारों में गाय के गोबर से बने 33 करोड़ दीयों को प्रज्वलित करना है।
- इसी संदर्भ में कामधेनु दीपावली अभियान’ के माध्यम से राष्ट्रीय कामधेनु आयोग, इस दिवाली महोत्सव के दौरान गाय के गोबर/पंचगव्य उत्पादों के व्यापक उपयोग को बढ़ावा दे रहा है।
- इस वर्ष के दिवाली उत्सव के लिए गोबर आधारित दीयों, मोमबत्तियों, धूप, अगरबत्ती, शुभ-लाभ, स्वास्तिक, हार्डबोर्ड, वॉल-पीस, पेपर-वेट, हवन सामग्री, भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्तियों का निर्माण पहले ही शुरू हो चुका है।
- कामधेनु दीपावली के अभियान को बडे पैमाने पर सफल बनाने के लिए किसानों, उद्यमियों, गौशाला प्रबंधकों और अन्य संबंधित हितधारकों के विभिन्न खंडों को बड़े पैमाने पर शामिल किया जा रहा है।
लाभ
- यह गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।
- साथ ही गायों से संबंधित हजारों उद्यमियों/किसानों/महिला उद्यमियों हेतु व्यवसाय के अवसर पैदा करने के अलावा, गाय के गोबर से बने उत्पादों के उपयोग से स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण भी मिलेगा।
- चीन निर्मित दीयों का पर्यावरण अनुकूल विकल्प प्रदान करके यह अभियान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया की परिकल्पना और अभियान को बढ़ावा देगा और पर्यावरणीय क्षति को कम करते हुए ‘स्वदेशी आंदोलन’ को भी प्रोत्साहन देगा।
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (आरकेए)
- राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (आरकेए) को केंद्र सरकार द्वारा 6 फरवरी, 2019 को स्थापित किया गया था, और यह मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रलय के अंतर्गत आता है।
- राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का उद्देश्य देश में गायों के संरक्षण, सुरक्षा और संवर्द्धन के साथ उनकी संख्या बढ़ाना है। इनमें देशी नस्लों का विकास और संरक्षण करना भी शामिल है।
गौमाया गणेश अभियान
- राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (आरकेए) ने इसी वर्ष गणेश महोत्सव हेतु ‘गौमाया गणेश अभियान’ शुरू किया था।
- आरकेए ने प्रधानमंत्री की अपील पर इस साल के गणेश महोत्सव के लिए भगवान गणेश की मूर्तियों के निर्माण में पर्यावरण के अनुकूल सामग्री का उपयोग करने के लिए सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया था।
- इससे डेयरी किसानों/बेरोजगार युवाओं/ महिलाओं और युवा उद्यमियों/गौशालाओं/ गोपालकों/स्वयं सहायता समूहों आदि जैसे विभिन्न हितधारकों में काफी रुचि पैदा हुई है।