खबरों में क्यों?
- श्रीलंका (SL) के विदेश मंत्री (FM) जीएल पेइरिस ने 7 फरवरी, 2022 को नई दिल्ली में अपने समकक्ष एस जयशंकर से मुलाकात की. SL FM ने कहा हाल के हफ़्तों में कोलंबो को नई दिल्ली की आर्थिक सहायता ने महतवपूर्ण भूमिका निभाई है
भारत द्वारा मदद
- जनवरी 2022 से भारत, गंभीर डॉलर संकट का सामना कर रहे श्रीलंका को आर्थिक सहायता प्रदान कर रहा है.
- SL द्वारा लोन डिफॉल्ट का डर तथा आयात-निर्भर देश में आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी थी.
- 2022 की शुरुआत से, भारत ने 1.4 अरब डॉलर की राहत प्रदान की है जो $400 मुद्रा स्वैप, $500 ऋण आस्थगन और ईंधन आयात के लिए $500 लाइन ऑफ क्रेडिट के रूप में है.
- श्रीलंका आर्थिक संकट से निपटने के लिए भारत से $1 बिलियन की सहायता के लिए बातचीत कर रहा है
राजनीतिक संबंध
- दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंधों को नियमित अंतराल पर यात्राओं के उच्च स्तरीय आदान-प्रदान द्वारा चिह्नित किया गया है.
- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 26 सितंबर 2020 को श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के साथ एक वर्चुअल द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन की मेजबानी की.
- विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने 5-7 जनवरी 2021 को श्रीलंका का दौरा किया, 2021 में विदेश मंत्री की यह पहली विदेश यात्रा थी.
वाणिज्यिक संबंध
- 2000 में भारत-श्रीलंका मुक्त व्यापार समझौते (आईएसएफटीए) ने दोनों देशों के बीच व्यापार के विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
- आर्थिक संबंधों में बुनियादी ढांचे, संपर्क, परिवहन, आवास, स्वास्थ्य, आजीविका और पुनर्वास, शिक्षा और औद्योगिक विकास जैसे विभिन्न क्षेत्र शामिल है
विकास सहयोग
- लगभग 570 मिलियन अमरीकी डालर के अनुदान के साथ, भारत सरकार द्वारा श्रीलंका के विकास हेतु समग्र प्रतिबद्धता 3.5 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक की है.
लाइन ऑफ क्रेडिट (एलओसी) के तहत परियोजनाए
- पिछले 15 वर्षों में भारत के एक्सिम बैंक द्वारा श्रीलंका को 11 एलओसी प्रदान किए गए हैं.
- इन एलओसी के तहत जिन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में परियोजनाएं निष्पादित की जा रही हैं उनमें शामिल हैं: रेलवे, परिवहन, कनेक्टिविटी, रक्षा, सौर
सांस्कृतिक संबंध
- भारत और श्रीलंका के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, आध्यात्मिक और भाषाई संबंधों की साझा विरासत है जो 2,500 वर्ष से अधिक पुरानी है-
- समसामयिक समय में, दोनों सरकारों द्वारा हस्ताक्षरित सांस्कृतिक सहयोग समझौता दोनों देशों के बीच समय-समय पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों का आधार बनता है
श्रीलंका भर में विशेष प्रार्थनाए
- मई-जून 2021 में, COVID-19 महामारी के मद्देनजर भारत के लोगों की भलाई के लिए श्रीलंका भर में विभिन्न धर्मों के लोगों द्वारा विशेष प्रार्थनाओ की एक श्रृंखला आयोजित की गई थी
स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र (एसवीसीसी)
- स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र (एसवीसीसी), भारतीय उच्चायोग, कोलंबो की सांस्कृतिक शाखा है.
- यह 1998 में अपनी स्थापना के बाद से इन संबंधों को मजबूत करने और भारत और श्रीलंका के लोगों के बीच संपर्कों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
- एसवीसीसी भरतनाट्यम, कथक, हिंदुस्तानी और कर्नाटक गायन, वायलिन, सितार, तबला, हिंदी और योग में कक्षाओं का आयोजन कर सक्रिय रूप से भारतीय संस्कृति के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देता है
भारत-श्रीलंका फाउंडेशन
- भारत-श्रीलंका फाउंडेशन, जिसे दिसंबर 1998 में एक अंतर सरकारी पहल के रूप में स्थापित किया गया था, का उद्देश्य नागरिक समाज के आदान-प्रदान के माध्यम से वैज्ञानिक, तकनीकी, शैक्षिक और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ाना और दोनों देशों की युवा पीढि़यों के बीच संपर्क बढ़ाना है
पर्यटन
- पर्यटन भी भारत और श्रीलंका के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है.
- भारत सरकार ने 14 अप्रैल 2015 को औपचारिक रूप से श्रीलंकाई पर्यटकों के लिए ई-पर्यटक वीजा (ईटीवी) योजना शुरू की.
- श्रीलंका का पर्यटन उद्योग, जो ईस्टर संडे के हमलों से बुरी तरह प्रभावित हुआ था, को भारतीय पर्यटकों के आगमन से बढ़ावा मिला.
- 24 जुलाई 2019 को श्रीलंका ने भारत को आगमन पर निःशुल्क वीजा योजना में शामिल किया और 1 अगस्त 2019 को इस योजना की शुरुआत की
मछुआरों का मुद्दा
- दोनों देशों ने अनजाने में अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा को पार करने वाले दोनों पक्षों के वास्तविक मछुआरों के मुद्दे से निपटने के लिए कुछ व्यावहारिक व्यवस्थाओं पर सहमति व्यत्तफ़ की है