चर्चा में क्यों?
- संस्कृति मंत्रालय 17 सितंबर 2022 को हैदराबाद मुक्ति दिवस के वर्षभर चलने वाले स्मरण उत्सव के उद्घाटन कार्यक्रम का आयोजन करेगा। भारत सरकार ने 17 सितंबर, 2022 से 17 सितंबर, 2023 तक चलने वाले ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ के वर्षभर लंबे स्मृति उत्सव को मंजूरी दी है।
उत्सव का उद्देश्यः
- वर्षभर चलने वाले इस स्मृति उत्सव का उद्देश्य उन सभी को श्रद्धांजलि देना है जिन्होंने संस्थान की मुक्ति और भारत में इसके विलय के लिए अपनी जान कुर्बान की थी।
इतिहासः
- भारत को अंग्रेजों से आजादी मिलने के एक साल से भी अधिक समय बाद, 17 सितंबर 1948 को हैदराबाद निजाम के शासन से आजाद हुआ।
- अंग्रेजों के खिलाफ रामजी गोंड के संघर्ष समेत स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास संघर्ष की कहानियों से भरा पड़ा है। जैसे कोमाराम भीम की लड़ाई, 1857 में तुर्रेबाज खान की बहादुरी की कहानी, जो हैदराबाद शहर के कोठी में ब्रिटिश रेजिडेंट कमिश्नर के घर पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहते थे।
- भारत की आजादी के बाद यह संघर्ष मुखर हो गया। वंदे मातरम् गाते हुए लोगों की अपने आप बढ़ती भागीदारी और संस्थान के भारतीय संघ में विलय की मांग के साथ, यह संघर्ष एक विशाल जन आंदोलन में तब्दील हो गया।
सरदार पटेल की भूमिकाः
- हैदराबाद की मुक्ति भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के ऑपरेशन पोलो के तहत त्वरित और समय पर की गई कार्यवाही के कारण संभव हुई थी।
ऑपरेशन पोलो के बारे में:
- ऑपरेशन पोलो भारत के तत्कालीन स्वतंत्र डोमिनियन द्वारा हैदराबाद राज्य के खिलाफ सितंबर 1948 ‘पुलिस कार्यवाही’ का कोड नाम था।
- यह एक सैन्य अभियान था जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों ने निजाम शासित रियासत पर कब्जा कर लिया था।
- भारत ने गृह मंत्री सरदार पटेल के निर्देश पर हैदराबाद में ऑपरेशन को अंजाम दिया।
- ऑपरेशन 13 सितंबर, 1948 को शुरू किया गया था और 5 दिन बाद 17 सितंबर को पूरा हुआ।
- सरदार पटेल को राज्य के भौगोलिक स्थिति के कारण हैदराबाद के निजाम के इरादों पर संदेह था।
- हैदराबाद राज्य भारत के मध्य में था, जो चारों ओर से भूमि से घिरा हुआ था।
- निजाम को भारत के साथ संबंध बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं थी, जिसका अर्थ था कि उसके मन में अन्य विचार थे।
- परिणामस्वरूप, सरदार पटेल ने निजाम के इरादे जानने के लिए एक जांच दल का गठन किया।
- हैदराबाद का निजाम पाकिस्तान के साथ दोस्ताना था परन्तु भारत के खिलाफ था।
- भारतीय सेना द्वारा हैदराबाद की सेना के निजाम के आत्मसमर्पण को स्वीकार करने के बाद 18 सितंबर 1948 को ऑपरेशन पोलो को समाप्त कर दिया गया था।
मुक्त किए गए क्षेत्रः
निजाम के अधीन हैदराबाद राज्य में शामिल थेः
- आज का पूरा तेलंगाना।
- महाराष्ट्र में मराठवाड़ा क्षेत्र जिसमें औरंगाबाद, बीड, हिंगोली, जालना, लातूर, नांदेड़, उस्मानाबाद, परभणी आदि।
- आज के कर्नाटक के कलबुर्गी, बेल्लारी, रायचूर, यादगिर, कोप्पल, विजयनगर और बीदर जिले।
मान्यताः
- महाराष्ट्र और कर्नाटक की राज्य सरकारें आधिकारिक तौर पर 17 सितंबर को मुक्ति दिवस के रूप में मनाती हैं।
- केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह हैदराबाद के परेड ग्राउंड में आयोजित होने वाले उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। संस्कृति मंत्रालय ने हैदराबाद में उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया था।