Brain-booster /
28 Aug 2023
यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: भौगोलिक संकेतक (Geographical Indication)
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में ‘जलेसर धातु शिल्प’, ‘गोवा मानकुराद आम’, ‘गोअन बेबिंका’,
‘उदयपुर कोफ्तगारी धातु शिल्प’, ‘बीकानेर काशीदाकारी शिल्प’, ‘जोधपुर बंधेज
शिल्प’ और ‘बीकानेर उस्ता कला’ को जीआई टैग जारी किए गए हैं। यह भौगोलिक संकेतक
रजिस्ट्री द्वारा उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग, वाणिज्य और उद्योग
मंत्रालय, भारत सरकार के तहत जारी किया गया है।
भौगोलिक संकेतक के बारे में
- वस्तुओं के भौगोलिक संकेतों को औद्योगिक संपत्ति के उस पहलू के रूप में
परिभाषित किया जाता है जो किसी देश या उसमें स्थित किसी स्थान को उस उत्पाद का
देश या उत्पत्ति स्थान होने के रूप में संदर्भित करने वाले भौगोलिक संकेत को
संदर्भित करता है।
- ऐसी प्रक्रिया गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है जो अनिवार्य रूप
से उस भौगोलिक इलाके, क्षेत्र या देश में इसकी उत्पत्ति के कारण होती है।
जीआई टैग का महत्व
- जीआई टैग को एक प्रमाणीकरण के रूप में माना जाता है जो कि विशेष उत्पाद का
उत्पादन पारंपरिक तरीकों के अनुसार करता है और इसमें कुछ विशिष्ट गुण होते हैं
या इसकी भौगोलिक उत्पत्ति के कारण इसकी एक विशेष प्रतिष्ठा होती है।
ग्रामीण विकास में जीआई टैग का महत्व
- ज्यादातर पारंपरिक उत्पाद जो ग्रामीण समुदायों द्वारा पीढ़ियों से उत्पादित
किए जाते हैं और अपनी सटीक गुणवत्ता के लिए बाजार में प्रसिद्धि प्राप्त करते
हैं, उन्हें जीआई टैग मिलते हैं। ग्रामीण विकास पर प्रभाव निम्नानुसार हो सकता
हैः
- परंपरागत विशेषज्ञता और परंपराओं का संरक्षण।
- उत्पाद की प्रतिष्ठा के इर्द-गिर्द आपूर्ति शृंखला बनाई जा सकती है।
- जीआई उत्पाद के लिए उच्च कीमत।
- उत्पाद के प्राकृतिक संसाधनों या अवयवों को संरक्षित किया जा सकता है।
- टूरिज्म इकोसिस्टम सिस्टम बनाया जा सकता है।
भारत में जीआई टैग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपाय
- एक पंजीकृत भौगोलिक संकेतक के एक अधिकृत उपयोगकर्ता के पंजीकरण के लिए कम
शुल्क संरचना बनाना।
- सोशल मीडिया अभियान शुरू किए गए जैसेः-
- जीआई गिफ्ट करें।
- जीआई स्पॉट करें।
- DPITT और CII ने मिलकर भारत का अपनी तरह का पहला भौगोलिक संकेतक महोत्सव
लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य GI उत्पादकों को अपने उत्पाद को वर्चुअली प्रदर्शित
करने के लिए एक मंच प्रदान करना है।
निर्यात संवर्धन संगठनों की सूची
- कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण
- परिधान निर्यात संवर्धन परिषद
- कालीन निर्यात संवर्धन परिषद
- भारतीय काजू निर्यात संवर्धन परिषद
- कॉफी बोर्ड
- कॉयर बोर्ड
- चमड़ा निर्यात परिषद
- हस्तशिल्प के लिए निर्यात संवर्धन परिषद
- रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद
- हथकरघा निर्यात संवर्धन परिषद
- भारतीय रेशम निर्यात संवर्धन परिषद
- जूट उत्पाद विकास एवं निर्यात संवर्धन परिषद
- रबर बोर्ड
- चपड़ा और वन उत्पाद निर्यात संवर्धन परिषद
- मसाला बोर्ड
- सूती कपड़ा निर्यात संवर्धन परिषद
- चाय बोर्ड
- हस्तशिल्प व्यवसाय संवर्धन