चर्चा में क्यों?
- खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने 24 मई, 2023 को सूचित किया कि सरकार 31 मार्च, 2024 तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत 800 मिलियन लाभार्थियों को 35 मिलियन टन (एमटी) लौह युक्त चावल की आपूर्ति करेगी।
चावल के फोर्टिफिकेशन के बारे में
- राईस फोर्टिफिकेशन चावल में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों को बढ़ाने की प्रक्रिया है ताकि खाद्य आपूर्ति की पोषण गुणवत्ता में सुधार किया जा सके और स्वास्थ्य के लिए न्यूनतम जोखिम के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जा सके।
चावल को फोर्टीफाई करने के कारण
- भारत एक प्रमुख चावल उत्पादक देश है जोकि कुल वैश्विक चावल उत्पादन का 22
प्रतिशत अकेले उत्पादन करता है। भारत की 65% आबादी दैनिक आधार पर चावल का उपभोग
करती है जिससे भारत
में प्रति व्यक्ति चावल की खपत 6.8 किलोग्राम प्रति माह हो जाती है। - चावल कैलोरी का एक बड़ा स्रोत है और भारत के अधिकांश हिस्सों में कृषि और पोषण का मुख्य घटक है। हालांकि सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी पायी जाती है।
- चावल की मिलिंग वसा और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर चोकर की परतों को हटा देती है जिससे आमतौर पर खपत होने वाले स्टार्च सफेद चावल का उत्पादन होता है। वहीं पॉलिश करने से 75-90% विटामिन (जैसे-विटामिन B-1, B-6, E और नियासिन) निकल जाता है।
- फोर्टीफाइंग चावल खोए हुए सूक्ष्म पोषक तत्वों को वापस जोड़ने का अवसर प्रदान करता है जिससे अन्य पोषक तत्व जैसे लोहा, जस्ता, फोलिक एसिड, विटामिन (B-12 और A) को भी जोड़ने का अवसर मिलता है।
फोर्टिफिकेशन राईस पर प्रभावी अध्ययन
भारत में किए गए अध्ययनः
- 2018-2020 के दौरान महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में राइस फोर्टिफिकेशन का पायलट स्टडी (PILOT STUDY)
- 2018-2019 में गुजरात के स्कूल में चावल के फोर्टिफिकेशन पर अध्ययन।
- 2014 में भारतीय स्कूली बच्चों में आयरन और विटामिन ए की स्थिति में सुधार हेतु अध्ययन।
अन्तर्राष्ट्रीय पर किये गए अध्ययनः
- 2013 में फोर्टिफाई चावल पर पब्लिक चाइल्ड डे केयर सेंटर ब्राजील में अध्ययन।
- ब्राजील के पब्लिक स्कूलों में 2013 में फोर्टिफाई चावल पर अध्ययन।
- 2012 में ब्राजील स्थित चाइल्ड डे केयर सेंटर में फोर्टिफाई चावल की स्टडी
- 2016 में इंडोनिशया में किशोर लड़कियों के लिए सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर चावल का चिकित्सीय प्रभाव अध्ययन।
मानक
- मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत, 10 ग्राम एफआरके (FORTIFIED RICE KERNELS) को 1 किलो नियमित चावल के साथ मिश्रित किया जाना चाहिए। FSSAI के मानदंडों के अनुसार, 1 किलो फोर्टिफाई चावल में शामिल होना चाहिए
- आयरन (28-42.5 मिलीग्राम)
- फोलिक एसिड (75-125 माइक्रोग्राम)
- विटामिन बी-12 (0.75-1.25 माइक्रोग्राम)
- चावल को निम्नलिखित के साथ भी फोर्तिफाय किया जा सकता है-
- जिंक (10-15 मिलीग्राम)
- विटामिन ए (500-750 माइक्रोग्राम)
- विटामिन बी-1(1-1.5 मिलीग्राम)
- विटामिन बी-2 (1.25-1.75 मिलीग्राम)
भारत में उपलब्ध चावल फोर्टिफिकेशन तकनीक
- भारत में चावल को एक्सट्रूजन तकनीक का उपयोग करके फोर्टिफाई किया जाता है।
- इस तकनीक में पिसे हुए चावल को चूर्णित किया जाता है और विटामिन और खनिजों वाले प्रीमिक्स के साथ मिलाया जाता है।
- इस मिश्रण से एक एक्सट्रूडर मशीन का उपयोग करके फोर्टिफाई चावल के दाने (FRK) तैयार किए जाते हैं।
- एफआरके को पारंपरिक चावल में 1:50 से 1:200 के अनुपात में मिलाया जाता है जिसके परिणामस्वरूप फोर्टिफाई चावल सुगंध, स्वाद और बनावट में पारंपरिक चावल के लगभग समान हो जाते हैं।
चावल के फोर्टिफिकेशन के लिए उपलब्ध प्रौद्योगिकियां
फोर्टिफाई चावल के उत्पादन के लिए तीन मुख्य प्रौद्योगिकियां उपलब्ध हैं -
- कोटिंगः कोटिंग विधि में, पोषक तत्व (विटामिन या खनिज मिश्रण) को गम्स (GUMS) और वैक्सेस (WAXES) जैसे अवयवों के साथ जोड़ा जाता है। फिर इसे चावल के दानों की सतह पर कई परतों में छिड़का जाता है। इसके बाद इसे पॉलिश किए हुए चावल के साथ लगभग 1:100 के अनुपात में मिश्रित किया जाता है।
- डस्टिंगः डस्टिंग में, सूक्ष्म पोषक तत्वों को एक कण के रूप में थोक चावल के साथ मिश्रित किया जाता है। यह विधि चावल की सतह और सूक्ष्म पोषक तत्वों के बीच इलेक्ट्रोस्टैटिक बलों का उपयोग करती है।
- बाहर निकालना (EXTRUSION)