चर्चा में क्यों?
- हाल ही में, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने ‘भारत में विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन’ के लिए मसौदा नियमों की घोषणा की।
विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए नियम और शर्तें
ऑफलाइन मोड में केवल पूर्णकालिक कार्यक्रमः
- देश में कैंपस वाले विदेशी विश्वविद्यालय केवल ऑफलाइन मोड में पूर्णकालिक कार्यक्रम पेश कर सकते हैं।
- ऑनलाइन या दूरस्थ शिक्षा की अनुमति नहीं होगी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की मंजूरी की आवश्यकताः
- विदेशी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) को भारत में अपने परिसर स्थापित करने के लिए यूजीसी से अनुमति की आवश्यकता होगी।
सख्त गुणवत्ता नियंत्रण के साथ सीमित अवधि की स्वीकृतिः
- प्रारंभिक स्वीकृति 10 वर्षों के लिए होगी और कुछ शर्तों को पूरा करने के अधीन नौवें वर्ष में नवीनीकृत की जाएगी।
- विदेशी विश्वविद्यालय ऐसे किसी भी अध्ययन कार्यक्रम की पेशकश नहीं करेंगे जो भारत के राष्ट्रीय हित या भारत में उच्च शिक्षा के मानकों को खतरे में डालता हो।
विदेशी विश्वविद्यालयों को कार्यात्मक स्वायत्तता:
- विदेशी विश्वविद्यालयों को अपने प्रवेश मानदंड और शुल्क संरचना तय करने की स्वतंत्रता होगी।
- हालांकि, आयोग शुल्क को ‘उचित और पारदर्शी’ रखने की सलाह दे सकता है।
फेमा, 1999 के अनुसार फंड और फंडिंग से संबंधित मामलेः
- निधियों का सीमा-पार संचलन विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के अनुसार होगा।
- निधियों का सीमा-पार संचलन और विदेशी मुद्रा खातों का रखरखाव, भुगतान का तरीका, प्रेषण, प्रत्यावर्तन, और आय की बिक्री, यदि कोई हो, फेमा, 1999 के अनुसार होगी।
- एफएचईआई के संचालन को प्रमाणित करने वाली एक लेखा परीक्षा रिपोर्ट प्रतिवर्ष आयोग को प्रस्तुत की जाएगी।
एनईपी, 2020
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति ¹एनईपीह्, 2020 में परिकल्पना की गई है कि दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों को भारत में संचालित करने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
- ऐसी प्रविष्टि को सुविधाजनक बनाने वाला एक विधायी ढांचा सरकार द्वारा लाया जाना चाहिए।
- विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत के अन्य स्वायत्त संस्थानों के समान नियामक, शासन और सामग्री मानदंडों के संबंध में विशेष छूट दी जाएगी।
भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लाभ
- विदेशी उच्च शिक्षण संस्थान प्रदान करेंगेः
- भारत में उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीय आयाम।
- भारतीय छात्रों को सस्ती कीमत पर विदेशी योग्यता प्राप्त करने में सक्षम बनाना।
- यह भारत को एक आकर्षक वैश्विक अध्ययन गंतव्य बनाएगा।
- विदेशी संस्था शीर्ष अंतरराष्ट्रीय संकाय और कर्मचारियों की भर्ती करेगी और भारत में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूत करेगी।
विदेशी विश्वविद्यालयों के चयन के लिए प्रक्रिया
भारत में अपने कैंपस स्थापित करने हेतु आवेदन करने के लिए पात्र विदेशी संस्थानों की दो श्रेणियां होंगीः
- वे विश्वविद्यालय जिन्होंने समग्र या विषय-वार वैश्विक रैंकिंग के शीर्ष 500 में स्थान प्राप्त किया हो।
- अपने देश में प्रतिष्ठित संस्थान हो।
यूजीसी होगी नियामक संस्थाः
- यूजीसी भारत में विदेशी एचईआई के परिसरों की स्थापना और संचालन से संबंधित मामलों की जांच के लिए एक स्थायी समिति का गठन करेगा।
- स्थायी समिति निम्नलिखित पहलुओं पर आवेदन का मूल्यांकन करेगीः
- शिक्षण संस्थानों की विश्वसनीयता।
- पढाए जाने वाले पाठ्यक्रम।
- भारत में शैक्षिक अवसरों को मजबूत करने की क्षमता।
- प्रस्तावित शैक्षणिक बुनियादी ढांचा।