अवसंरचना विकास के लिए सरकार का दृष्टिकोण
सार्वजनिक निजी भागीदारीः
- वीजीएफ योजना के लिए 2014-15 से 2022-23 के दौरान 56 परियोजनाओं को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दी गई, जिनकी कुल परियोजना लागत 57,870.1 करोड़ रुपये है।
- वित्त वर्ष 2023-25 के लिए, 150 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ आईआईपीडीएफ को केन्द्रीय क्षेत्र की योजना के रुप में अधिसूचित किया गया।
राष्ट्रीय अवंसरचना पाइपलाइनः
- कुल 141.4 लाख करोड़ रुपये की 89,151 परियोजनाएं कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में है।
- 5.5 लाख करोड़ रुपये की 1009 परियोजनाएं पूरी की गईं।
- एनआईपी और परियोजना निगरानी समूह (पीएमजी) पॉर्टल को आपस में जोड़ने से परियोजनाओं की मंजूरी/स्वीकृति में तेजी आई।
राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइनः
- 9.0 लाख करोड़ रुपये की संचयी निवेश क्षमता का निर्माण हुआ।
- वित्त वर्ष 2022 के दौरान 0.8 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 0.9 लाख करोड़ रुपये के मुद्रीकरण का लक्ष्य हासिल किया गया।
- वित्त वर्ष 2023 के लिए लक्ष्य 1.6 लाख करोड़ रुपये (कुल एनएमपी लक्ष्य का 27 प्रतिशत)।
गतिशक्तिः
- पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान विभिन्न मंत्रलयों/विभागों के लिए एकीकृत योजना निर्माण और तालमेल आधारित कार्यान्वयन के संदर्भ में व्यापक डेटाबेस का निर्माण करता है।
- लोगों और सामानों के निर्बाध आवागमन की कमियों को दूर करते हुए मल्टीमोडल परिवहन और लॉजिस्टिक कार्यकुशलता को बेहतर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
भारतीय लॉजिस्टिक क्षेत्र को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना
- तेज और समावेशी विकास के लिए राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति देश में एक तकनीक सक्षम, एकीकृत, किफायती, लचीली, सतत और विश्वसनीय लॉजिस्टिक इकोसिस्टम को विकसित करने की परिकल्पना करती है।
- राष्ट्रीय राजमार्गों और सड़कों के निर्माण में तेजी_ वित्त वर्ष 2016 के 6061 किलोमीटर की तुलना में वित्त वर्ष 2022 के दौरान 10,457 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों/सड़कों का निर्माण किया गया।
- वित्त वर्ष 2020 के 1.4 लाख करोड़ रुपये की तुलना में बजट परिव्यय बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 2.4 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस प्रकार पूंजीगत व्यय में वृद्धि हुई।
- अक्टूबर 2022 तक 2359 किसान रेलों ने लगभग 7.91 लाख टन सब्जियों/फलों का परिवहन किया।
- 2016 में शुरु होने के बाद, एक करोड़ से ज्यादा हवाई यात्रियों ने उड़ान स्कीम का लाभ प्राप्त किया है।
- आठ वर्षों में प्रमुख पत्तनों की क्षमता दोगुनी हुई।
- सौ साल पुराने अधिनियम के स्थान पर अंतरदेशीय पोत अधिनियम 2021 लागू किया गया, ताकि अंतरदेशीय जल परिवहन को बढ़ावा देने के साथ पत्तनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित की जा सके।
भारत की डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना
एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई):
- 2019-22 के दौरान यूपीआई आधारित लेन-देन के लिए मूल्य के संदर्भ में 121 प्रतिशत की वृद्धि और मात्र के संदर्भ में 115 प्रतिशत की वृद्धि, इससे यूपीआई को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनाए जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
टेलीफोन और रेडिया डिजिटल सशक्तिकरण:
- भारत में कुल टेलीफोन उपभोक्ताओं की संख्या 117.8 करोड़ (सितम्बर 2022 तक) है, 44.3 प्रतिशत उपभोक्ता ग्रामीण क्षेत्र में है।
- कुल टेलीफोन उपभोक्ताओं में से 98 प्रतिशत मोबाइल फोन द्वारा जुड़े हुए हैं।
- मार्च 2022 में भारत का कुल टेली घनत्व 84.8 प्रतिशत है।
- 2015 से 2021 के दौरान ग्रामीण इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या में 200 प्रतिशत की वृद्धि।
डिजिटल रूप से सार्वजनिक कल्याणः
- 2009 में आधार के शुभारंभ के साथ कम खर्च पर पहुंच हासिल की गई।
- मेरी योजना, टीआरएडीएस, जेम, ई-नाम, उमंग से मार्किट प्लेस में बदलाव आया है और नागरिक विभिन्न क्षेत्र में सेवाओं तक पहुंच प्राप्त करने में सक्षम हुए हैं।
- अनुमति आधारित डेटा साझाकरण रूपरेखा वर्तमान में 110 करोड़ बैंक खातों में संचालित की जा रही है।
- ओपन डिजिटल एनेबलमेंट नेटवर्क, डिजिटल ऋण आवेदनों को शुरु से अंत तक अनुमति देने के साथ ऋण प्रक्रियाओं के लोकतंत्रीककरण का लक्ष्य रखता है।