कीमतें एवं महंगाईः सफलतापूर्वक संतुलन स्थापित किया
- जहां एक ओर तीन से चार दशकों के लंबे अंतराल के बाद विकसित देशों में आसमान छूती महंगाई की वापसी देखने को मिली, वहीं दूसरी ओर भारत में मूल्यवृद्धि एक सीमा में बनी रही।
- वैसे तो भारत में खुदरा महंगाई दर अप्रैल 2022 में बढ़कर 7.8 प्रतिशत के शिखर पर पहुंच गई जो कि आरबीआई की 6 प्रतिशत की ऊपरी सीमा से अधिक थी, लेकिन भारत में लक्षित सीमा से बढ़ी हुई महंगाई इसके बावजूद पूरी दुनिया में न्यूनतम में से एक रही।
- सरकार ने मूल्य वृद्धि को एक दायरे में रखने के लिए एक बहुआयामी रणनीति अपनाईः
- पेट्रोल और डीजल पर निर्यात शुल्क में कई चरणों में कटौती की गई।
- प्रमुख कच्चे माल पर आयात शुल्क को घटाकर शून्य कर दिया गया, जबकि लौह अयस्क एवं सांद्र के निर्यात पर देय कर को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया।
- कपास के आयात पर देय सीमा शुल्क को 14 अप्रैल 2022 से लेकर 30 सितम्बर 2022 तक माफ कर दिया गया।
- एचएस कोड 1101 के तहत गेहूं उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया और चावल पर निर्यात शुल्क लगाया गया।
- कच्चे एवं परिशोधित पाम ऑयल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर देय बुनियादी शुल्क में कमी की गई।
- आरबीआई द्वारा अग्रिम तौर पर गाइडेंस जारी करके अपेक्षित महंगाई अनुमानों
को नियंत्रण में रखने और इसके साथ ही उचित मौद्रिक नीति अपनाने से देश में
महंगाई को सही दिशा में रखने
में मदद मिली। - कारोबारियों और परिवारों दोनों के ही आने वाले वर्ष के लिए महंगाई अनुमान चालू वित्त वर्ष में कम हो गए हैं।
- सरकार द्वारा आवास क्षेत्र में समय पर नीतिगत उपाय करने और इसके साथ ही आवास ऋणों पर ब्याज दरों को कम रखने से आवास क्षेत्र में मांग को बढ़ाने में काफी मदद मिली और बड़ी संख्या में खरीदार वित्त वर्ष 2023 के दौरान किफायती आवास की ओर आकर्षित हुए।
- संयोजित आवास मूल्य सूचकांकों (एचपीआई) के आकलन में समग्र रूप से हुई वृद्धि और आवास मूल्य सूचकांकों से संबंधित बाजार मूल्यों से आवास वित्त क्षेत्र में फिर से तेज गति आने के संकेत मिलते हैं। एचपीआई में स्थिर से लेकर मामूली वृद्धि होने से परिसंपत्ति का मूल्य बने रहने की दृष्टि से गृह मालिकों और आवास ऋण प्रदाताओं का विश्वास बढ़ जाता है।
- भारत का महंगाई प्रबंधन विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा है, जो कि विकसित देशों की मौजूदा हालत के ठीक विपरीत है क्योंकि वे अब भी ऊंची महंगाई दर से जूझ रहे हैं।
बाहरी क्षेत्र
- अप्रैल-दिसम्बर 2022 के दौरान व्यापार निर्यात 332.8 बिलियन डॉलर रहा।
- भारत ने अपने बाजार को विभिन्न वर्गों में विविधिकृत किया और ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब के लिए अपने निर्यात में बढ़ोतरी की।
- बाजार के विस्तार और बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, 2022 में यूएई के साथ सीईपीए और ऑस्ट्रेलिया के साथ ईसीटीए लागू हुआ।
- भारत, 2022 में 100 बिलियन डॉलर प्राप्त करने के द्वारा विश्व में प्रेषण का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता रहा। सेवा निर्यात के बाद प्रेषण बाह्य वित्त पोषण का दूसरा सबसे बड़ा प्रमुख स्रोत है।
- दिसम्बर, 2022 तक विदेशी मुद्रा भंडार 9.3 महीनों के आयात को कवर करते हुए 563 बिलियन डॉलर पर रहा।
- नवम्बर, 2022 के अंत तक भारत विश्व में छठा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार धारक है।
- बाह्य ऋण का वर्तमान स्टॉक विदेशी मुद्रा भंडार के आरामदायक स्तर से अच्छी तरह सुरक्षित है।
- भारत का सकल राष्ट्रीय आय की प्रतिशतता के रूप में कुल ऋण का अपेक्षाकृत निम्न स्तर तथा कुल ऋण की प्रतिशतता के रूप में अल्प अवधि ऋण है।