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Brain-booster / 04 Aug 2022

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: भूकंप मापन (Earthquakes Measured)

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खबरों में क्यों?

  • हाल ही में अफगानिस्तान के एक सुदूर शहर में रिक्टर पैमाने पर 5.9 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया।

 भूकंप कैसे आते हैं?

  • प्लेट टेक्टोनिक्स के सिद्धांत के अनुसार, पृथ्वी की पपड़ी (क्रस्ट ) और ऊपरी मेंटल बड़ी कठोर प्लेटों से बनी होती है जो एक दूसरे के सापेक्ष गति कर सकती हैं।
  • प्लेट की सीमाओं के निकट भ्रंश पर फिसलने से भूकंप आ सकता है।
  • पृथ्वी के अंदर का वह बिंदु जहां से भूकंप का टूटना शुरू होता है, फोकस या हाइपोसेंटर कहलाता है।
  • पृथ्वी की सतह पर हाइपोसेंटर के ठीक ऊपर का बिंदु उपरिकेंद्र है।

भूकंपीय तरंगे

  • पृथ्वी की एक लोचदार सीमा (Elastic limit) होती है और जब तनाव इस सीमा से अधिक होता है, तो वह टूट जाती है, जिससे गर्मी और ऊर्जा निकलती है।
  • चूंकि सामग्री लोचदार है, इसलिए ऊर्जा लोचदार तरंगों के रूप में निकलती है। ये प्रभाव की सीमा से निर्धारित दूरी तक फैलते हैं।
  • इन्हें भूकंपीय तरंगों के रूप में जाना जाता है।
  • भूकंप भूकंपीय तरंगें उत्पन्न करता है जो पृथ्वी में शरीर की तरंगों /बॉडी वेव्स (पी एंड एस वेव्स) के रूप में प्रवेश करती हैं या सतह तरंगों (लव और रेले) के रूप में यात्रा करती हैं।

भूकंप का मापनः

  • भूकंप, भूकंपीय नेटवर्क द्वारा मापा जाता है, जो भूकंपीय स्टेशनों से बने होते हैं, जिनमें से प्रत्येक अपने नीचे की जमीन के हिलने को मापता है।
  • भारत में, राष्ट्रीय भूकंपीय नेटवर्क भूकंपों को मापता है।
  • इसमें तरंग मापदंडों को मापा जाता है न कि जारी की गई कुल ऊर्जा को।
  • जारी की गई ऊर्जा की मात्रा और तरंग आयाम के बीच एक सीधा संबंध है।
  • तरंग का आयाम तरंग के आवर्तकाल का एक फलन है।
  • तरंग आयाम की माप को उस भूकंप के लिए जारी ऊर्जा में परिवर्तित करना संभव है जिसे भूकंप के परिमाण के रूप में परिभाषित किया गया है।

भूकंपों को मापने के पैमानें:

1. रिक्टर पैमाना:

  • भूकंप का परिमाण भूकंपों द्वारा मापी गई तरंगों के आयाम का लघुगणक है।
  • रिक्टर पैमाने के परिमाण को पूर्ण संख्या और दशमलव भाग के रूप में व्यत्तफ़ किया जाता है, उदाहरण के लिए 4.6 या 8.2।
  • परिमाण को निरपेक्ष संख्या, 0-10 में व्यत्तफ़ किया जाता है।
  • पूर्ण संख्या में एक इकाई की वृद्धि तरंग के आयाम में 10x की वृद्धि और उतपन्न ऊर्जा में 31x वृद्धि को दर्शाती है।

2. मरकेली स्केलः

  • यह घटना से हुई दृश्य क्षति को ध्यान में रखता है।
  • तीव्रता पैमाने की सीमा 1-12 से है

क्षेत्रों को नामित करना:

  • भूकंप से संबंधित वैज्ञानिक जानकारी के आधार पर भारत में चार भूकंपीय क्षेत्र (II III IV और V) हैं।
  • पहले भूकंप की गंभीरता को देखते हुए भारत को पांच क्षेत्रों में बांटा गया था।
  • जोन-V सबसे खतरनाक है और जोन-I सबसे कम खतरनाक है।
  • भारतीय मानक ब्यूरो भूकंपीय खतरे के नक्शे और कोड प्रकाशित करने वाली आधि कारिक एजेंसी है।

भूकंप के संभावित क्षेत्रः

मुख्य रूप से पृथ्वी के तीन बड़े प्रवण क्षेत्र हैं:

  • विश्व की सबसे बड़ी भूकंप पेटी, परिधि-प्रशांत भूकंपीय बेल्ट (‘रिंग ऑफ फायर’), प्रशांत महासागर के किनारे पर पाई जाती है, जहां हमारे ग्रह के सबसे बड़े भूकंपों में से लगभग 81% भूकंप आते हैं।
  • एल्पाइड बेल्ट, भूमध्यसागरीय क्षेत्र से पूर्व की ओर एशिया से होकर गुजरती है और ईस्ट इंडीज में सर्कम-पैसिफिक बेल्ट में मिलती है, दुनिया के सबसे बड़े भूकंप का लगभग 17% यहाँ घटित होता है।
  • तीसरा प्रमुख पेटी जलमग्न मध्य अटलांटिक कटक का अनुसरण करती है।
  • मध्य अटलांटिक कटक का अधिकांश भाग गहरे पानी के भीतर है और मानव विकास से बहुत दूर है।