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26 Sep 2022
यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: यूरोप में सूखा (Drought in Europe)
चर्चा में क्यों?
- यूरोप का दो-तिहाई हिस्सा किसी न किसी प्रकार के सूखे से प्रभावित है जो
पिछले 500 वर्षों में इस तरह की सबसे खराब स्थिति को दर्शाता है।
वैश्विक सूखा वेधशाला (ग्लोबल ड्रॉट ऑब्जर्वेटरी) रिपोर्टः
- इस रिपोर्ट में महाद्वीप के करीब 47% उन हिस्से में चेतावनी जारी की गई है
जहां मिट्टी तेजी से नमी खो रही है।
- अन्य 17% भू-भाग पर सूखे का खतरा है जहां वनस्पतियों पर सूखे का प्रभाव साफ
दिखने लगा है।
- रिपोर्ट में अगाह किया गया है कि शुष्क मौसम से फसल का उत्पादन प्रभावित
होगा, जंगल में आग की घटना बढ़ेगी जो यूरोप के दक्षिणी क्षेत्रों में कई महीनों
तक बनी रह सकती है।
- पिछले पांच वर्षों के औसत उत्पादन की तुलना में, यूरोपीय संघ द्वारा इस
वर्ष मक्का 16%, सोयाबीन 15% और सूरजमुखी के 12% कम उत्पादन का पूर्वानुमान
लगाया गया है।
- ग्लोबल ड्रॉट ऑब्जर्वेटरी, यूरोपीय आयोग के अनुसंधान विंग का हिस्सा है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोप की लगभग सभी नदियों का जलस्तर तेजी से कम
हुआ है।
- जल परिवहन पर स्पष्ट प्रभाव के अतिरिक्त सूखी नदियाँ ऊर्जा क्षेत्र को भी
प्रभावित कर रही हैं जो पहले से ही संकट में है। रिपोर्ट के मुताबिक
हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर में 20% की गिरावट आई है।
- गंभीर सूखा पूरे साल कई क्षेत्रों में मौजूद रहा है लेकिन अगस्त के प्रारंभ
में स्थिति और भी बिगड़ गयी है।
- शोधकर्ताओं की कड़ी चेतावनी पूरे यूरोप में नदियों के गिरते जल स्तर को
उल्लिखित करती है जिसने अतीत के अवशेषों को उजागर किया है। इसमें संभावित अकाल
की चेतावनी और द्वितीय विश्व युद्ध के नाजी जहाजों के डूबे हुए अवशेष शामिल
हैं।
- यूके के कई क्षेत्रों में आधिकारिक तौर पर सूखा घोषित हुआ है किन्तु कुछ
वृक्ष शरद ऋतु की तरह हरे-भरे हैं जिसे गर्मी के कारण झूठी शरद माना जा रहा है।
सूखे का प्रभावः
- कोयले की आपूर्ति में व्यवधान ने बिजली उत्पादन को प्रभावित किया है जिससे
बिजली की कमी हो गई है। ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि हुई है जो पहले से ही
यूक्रेन में युद्ध से अधिक प्रभावित है।
- कई देशों में खाने का सामान महंगा हुआ है और यूरोप के कुछ क्षेत्रों में
पीने के पानी की राशनिंग की जा रही है।
- यूरोप में जलमार्ग द्वारा कोयले सहित बिजली संयंत्रों संबंधी कार्गो और
अन्य वस्तुओं को, किफायती तरीके से परिवहन द्वारा पहुंचाया जाता है। नदियों के
गिरते जलस्तर नें अधिकांश बड़े जहाजों को
अनुपयोगी बना दिया गया है।
- पानी की कमी ने परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के संचालन को बुरी तरह प्रभावित किया
है क्योंकि वे शीतलक के रूप में बड़ी मात्रा में पानी का उपयोग करते हैं। इसके
परिणाम स्वरूप बिजली की कमी और
ऊर्जा की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
- जंगल की आग की घटनाओं में भी वृद्धि दर्ज हुई है।
सूखाः
- सूखा एक कम वर्षा वाली अवधि होती है जो सिंचाई और पीने के साथ-साथ अन्य
उद्देश्यों के लिए पानी की उपलब्धता को प्रभावित करती है।
सूखे के प्रकारः
- सूखे को सामान्यतः तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है-
- मौसम संबंधी सूखा- यह उस अवधि में लंबे समय तक शुष्क रहने की
स्थिति है जब वर्षा की संभावना होती है।
- हाइड्रोलॉजिकल सूखा- यह वह स्थिति है जब पानी की कमी सामान्य
आपूर्ति प्रणाली को प्रभावित करना शुरू कर देती है।
- कृषिगत सूखा- यह तब होता है जब पानी की कमी कृषि उत्पादन को
प्रभावित करना प्रारंभ कर देती है।
- यूरोप में, तीनों प्रकार के सूखे अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग मात्रा में
देखें जा रहे हैं।
वैश्विक स्थितिः
- चीन के कई क्षेत्र भी सूखे का सामना कर रहे हैं जिसे पिछले 60 वर्षों में
सबसे भयानक स्थिति बताया जा रहा है।
- देश की सबसे लंबी नदी, यांग्त्जी और सबसे बड़ी मीठे पानी की झीलें-पोयांग
और डोंगटिंग अपने निम्नतम स्तर को छू रही हैं ।
- संयुक्त राज्य अमेरिका में 40% से अधिक क्षेत्र भी वर्तमान में सूखे की
स्थिति में है। अमेरिकी सरकार के अनुसार, इससे लगभग 130 मिलियन लोग प्रभावित
हैं।